निर्गुण सूफी काव्य और कवि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for निर्गुण सूफी काव्य और कवि - Download Free PDF
Last updated on Jul 2, 2025
Latest निर्गुण सूफी काव्य और कवि MCQ Objective Questions
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 1:
रचनाकार और रचना का कौन सा युग्म सही नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 1 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में युग्म 4 मंझन - चित्रावली सही नही है। अन्य विकल्पइसके लिए सही उत्तर हैं। अतः विकल्प 4 मंझन - चित्रावली सही नही है।
Key Points
- मंझन मधुमालती एक भारतीय सूफी कविता है, जो 1545 में मीर सैय्यद मंझन शत्तारी राजगिरि द्वारा लिखी गई थी।
- शेख उस्मान जो ''चित्रावली'' के रचयिता थे, उनका उप नाम ''मान'' था। चित्रावली की रचना 1020 हिजरी अर्थात सन् 1613 ईसवीं में किया।
Additional Information
- मंझन हिंदी सूफी प्रेमाख्यान परंपरा के कवि थे। मंझन के जीवनवृत्त के विषय में उसकी एकमात्र कृति "मधुमालती" में संकेतित आत्मोल्लेख पर ही निर्भर रहना पड़ता है। मंझन ने उक्त कृति में शहएवक्त सलीम शाह सूर, अपने गुरू शेख मुहम्मद गौस एवं खिज्र खाँ का गुणानुवाद और अपने निवासस्थान तथा "मधुमालती" की रचना के विषय का उल्लेख किया है।
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 2:
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने सूफ़ी प्रेमाख्यानक काव्य परंपरा की प्रथम रचना किसे माना है ?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 2 Detailed Solution
आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने सूफ़ी प्रेमाख्यानक काव्य परंपरा की प्रथम रचना माना है- सत्यवती कथा
Key Pointsसत्यवती कथा-
- रचनाकार- ईश्वरदास
- प्रकाशन वर्ष- 1501 ई.
- विषय-
- इसमें अवधी भाषा का प्रयोग किया गया है।
- इसमें दोहा-चौपाई छंद का प्रयोग है।
- इसमें पौराणिक पात्र ऋतुपर्ण और सत्यवती की प्रेमकथा वर्णित है।
Important Pointsचंदायन-
- रचनाकार- मुल्ला दाऊद
- विधा- काव्य
- प्रकाशन वर्ष- 1379 ई.
- भाषा- अवधी
- छंद- दोहा-चौपाई
- विषय-
- इसमें लोरिक, उसकी पत्नी मैना और विवाहित प्रेमिका चंदा की प्रेमकथा वर्णित है।
- इसे लोर कथा के नाम से भी जाना जाता है।
मृगावती-
- रचनाकार- कुतुबन
- प्रकाशन वर्ष- 1501 ई.
- भाषा- अवधी
- छंद- दोहा-चौपाई
- भक्तिकालीन सूफी काव्य है।
- विषय-
- चंद्रनगर के राजा गणपतिदेव के राजकुमार और कंचनपुर के राजा रूपमुरारि की कन्या मृगावती की प्रेमकथा का वर्णन है।
हंसावली-
- रचनाकार- असाइत
- प्रकाशन वर्ष- 1370 ई.
- मुख्य-
- राजस्थानी भाषा व दोहा-चौपाई छंद में रचित सूफी ग्रन्थ है।
Additional Informationप्रमुख ग्रंथों के पात्र-
काव्य | नायक-नायिका |
चंदायन | लोर-चन्दा |
सत्यवती कथा | ऋतुपर्ण-सत्यवती |
मृगावती | राजकुमार-मृगावती |
हंसावली | राजकुमार-हंसावली |
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 3:
'माधवानल-कामकन्दला' किस भाषा में लिखा गया ?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 3 Detailed Solution
'माधवानल-कामकन्दला' राजस्थानी भाषा में लिखा गया।
Key Pointsमाधवानल कामकन्दला-
- रचनाकार- गणपति
- प्रकाशन वर्ष- 1527 ई.
- राजस्थानी भाषा व दोहा छंद में रचित काव्य ग्रन्थ है।
- पात्र-
- माधव और कामकंदला।
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 4:
'मलिक मुहम्मद जायसी की प्रेम कविता' हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन और नामकरण करते हुए उपर्युक्त नामकरण किस साहित्येतिहासकार ने सुझाया है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 4 Detailed Solution
उपर्युक्त नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।Key Points
"मलिक मोहम्मद जायसी की प्रेम कविता" का नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।
इन्होंने यह नामकरण अपने साहित्य इतिहास ग्रंथ मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान में सुझाया है।
Important Pointsजॉर्ज ग्रियर्सन
जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा रचित द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान, हिंदी साहित्य का पहला इतिहास ग्रंथ माना जाता है।
ग्रियर्सन ने अपने ग्रंथ में 952 कवियों को शामिल किया है।
डॉक्टर किशोरी लाल गुप्त ने "द मॉडर्न वर्नाकुलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान" का "हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास" शीर्षक से हिंदी अनुवाद किया।
इसका प्रकाशन सन 1957 ईस्वी में हुआ।
Additional Informationजायसी
मलिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत है।
इनका प्रिय अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार है।
पद्मावत का रचना वर्ष 1540 ईस्वी है।
पद्मावत की रचना अवधी भाषा में की गई है।
यह चौपाई दोहा छंद में है।
चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है।
पद्मावत में उपसंहार समेत 58 अध्याय हैं।
पद्मावत का "नागमती वियोग खंड" हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 5:
'पद्मावत' किस भाषा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 5 Detailed Solution
'पद्मावत' अवधी भाषा की रचना है।
Key Pointsपद्मावत-
- रचनाकार-जायसी
- प्रकाशन वर्ष-1520 ई.
- विधा-सूफी काव्य
- भाषा-अवधी
- छंद-दोहा-चौपाई
- विषय-
- इसमें 57 खंड हैं।
- उत्प्रेक्षा अलंकार की प्रधानता है।
- इसमें रत्नसेन,पद्मावती और नागमती की प्रेम कहानी वर्णित है।
- इसमें सभी पात्र प्रतीक रूप में प्रस्तुत हुए है।
Important Points
जायसी-
- जन्म-1446-1542 ई.
- भक्तिकाल की सूफी काव्यधारा के मुख्य कवि है।
- रचनाएँ-
- अखरावट
- आखिरी कलाम
- कहरनामा
- चित्ररेखा
- कान्हावत आदि।
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'पद्मावत' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 जायसी सही उत्तर है।
Key Points
- जायसी निर्गुण धारा की प्रेमाश्रयी(सूफी) शाखा के महत्वपूर्ण कवि है।
- जायसी प्रसिद्ध सूफी फकीर शेख मोहिदी के शिष्य व शेरशाह के समकालीन थे।
- पद्मावत में कुल 57 खण्ड हैं।
- पद्मावत विषय:नागमती,पद्मावती और रत्नसेन की प्रेम कहानी पर आधारित है।
Important Points
- आचार्य शुक्ल: पद्मावत की कथा का पूर्वार्द्ध 'कल्पित' और उत्तरार्द्ध 'ऐतिहासिक' माना है।
- विजयदेव नारायण साही ने 'पद्मावत' को हिंदी में अपने ढंग की अकेली ट्रेजिक कृति कहा है।
- अन्य रचनाएँ:
रचना | विषय |
अखरावट | वर्णमाला के अक्षरों पर निर्मित सिद्धन्त आधारित। |
आख़िरी कलाम | कयामत का वर्णन और मुगल बादशाह बाबर की प्रशंसा। |
कहरनामा | आध्यात्मिक विवाह का वर्णन। |
मसलानामा | ईश्वर भक्ति के प्रति प्रेम निवेदन। |
Additional Information
कवि | प्रमुख रचना |
कबीर | बीजक(3भाग)-रमैनी,सबद,साखी। |
तुलसी | रामचरितमानस,वैराग्य संदीपनी,कवितावली,गीतावली,रामाज्ञा प्रश्न आदि |
सूरदास | सूरसागर,सुरसरवाली,साहित्य लहरी। |
निम्नलिखित महाकाव्यों में से कौन-सा महाकाव्य मलिक मुहम्मद जायसी द्वारा लिखा गया है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF"पद्मावत" ,"जायसी" की रचना है।
- मलिक मुहम्मद जायसी (1467-1542) हिन्दी साहित्य के भक्ति काल की निर्गुण प्रेमाश्रयी धारा के कवि थे।
- उनकी 21 रचनाओं के उल्लेख मिलते हैं।
Key Points
जायसी की प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित हैं:-
- पद्मावत
- अखरावट
- आख़िरी कलाम
- कहरनाम
- चित्ररेखा
- कान्हावत
Important Points
राजा रत्नसेन मन का प्रतीक है|
शैतान - राघव चेतन
शरीर- चित्तोड़
संसार- नागमती
जायसी की रचना नहीं है:
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF"मृगावती", "कुतुबन" की रचना है, जायसी की नही। अतः प्रश्न के अनुसार उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (1) मृगावती सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- इनका जन्म 1515 ईस्वी में हुआ माना जाता है।
- कुतुबन शेख बुरहान के शिष्य थे।
- ये सूफी प्रेम काव्य परम्परा के कवि थे।
- कवि की भाषा अवधी तथा छंद, दोहा एवं चौपाई है।
- जायसी की रचना आखिरी कलाम में क़यामत का वर्णन है ।
- जायसी सूफ़ी (1446 - 1542 ई.) सम्प्रदाय के प्रमुख कवि हैं, वह शेरशाह के समकालीन कवि थे ।
Additional Information
- जायसी के सन्दर्भ में
- आखिरी कलाम में मुग़ल बादशाह बाबर की प्रशंसा है और क़यामत का वर्णन है ।
- आखिरी कलाम में जायसी ने अपने जन्म के विषय में लिखा है - भा अवतार मोर नौ सदी । तीस बरस ऊपर कवि बदी ।
- आखिरी कलाम 1528 ई. में लिखा गया ।
Important Points
- चित्ररेखा - चित्ररेखा व प्रीतम कुँवर की प्रेम कहानी ।
- अखरावट - वर्णमाला के एक - एक अक्षर को लेकर सिद्धांत सम्बन्धी तत्वों से भरी चौपाई है ।
- पद्मावत - रत्नसेन, पद्मावत और नागमती के प्रेम कहानी ।
Additional Information
- शुक्ल जी का कथन - "आखिरी कलाम की भाषा पद्मावत व अखरावट की अपेक्षा अधिक ठेठ और बोलचाल की अवधी है।"
'मलिक मुहम्मद जायसी की प्रेम कविता' हिन्दी साहित्य के इतिहास का काल विभाजन और नामकरण करते हुए उपर्युक्त नामकरण किस साहित्येतिहासकार ने सुझाया है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।Key Points
"मलिक मोहम्मद जायसी की प्रेम कविता" का नामकरण अब्राहम जॉर्ज ग्रियर्सन ने दिया है।
इन्होंने यह नामकरण अपने साहित्य इतिहास ग्रंथ मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान में सुझाया है।
Important Pointsजॉर्ज ग्रियर्सन
जॉर्ज ग्रियर्सन द्वारा रचित द मॉडर्न वर्नाक्यूलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान, हिंदी साहित्य का पहला इतिहास ग्रंथ माना जाता है।
ग्रियर्सन ने अपने ग्रंथ में 952 कवियों को शामिल किया है।
डॉक्टर किशोरी लाल गुप्त ने "द मॉडर्न वर्नाकुलर लिटरेचर ऑफ हिंदुस्तान" का "हिंदी साहित्य का प्रथम इतिहास" शीर्षक से हिंदी अनुवाद किया।
इसका प्रकाशन सन 1957 ईस्वी में हुआ।
Additional Informationजायसी
मलिक मोहम्मद जायसी की रचना पद्मावत है।
इनका प्रिय अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार है।
पद्मावत का रचना वर्ष 1540 ईस्वी है।
पद्मावत की रचना अवधी भाषा में की गई है।
यह चौपाई दोहा छंद में है।
चौपाई की प्रत्येक सात अर्धालियों के बाद दोहा आता है और इस प्रकार आए हुए दोहों की संख्या 653 है।
पद्मावत में उपसंहार समेत 58 अध्याय हैं।
पद्मावत का "नागमती वियोग खंड" हिंदी साहित्य की अनुपम निधि है।
सूफी साधन के चार पड़ावों में इनमें से कौन-सा नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFमलकत सूफी साधन के चार पड़ावों में से नहीं है,अन्य विकल्प संगत है। अत: विकल्प 3 मलकत सही उत्तर है।
स्पष्टीकरण:
सूफी संतों की साधना में चार मकाम बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं-
|
किसे सूफी काव्य परंपरा के पहले कवि माने जाते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- सूफी काव्य धारा के अधिंकाश कवि मुसलमान है लेकिन इनमें धार्मिक कट्टरता का अभाव है।
- इन कवियों ने सूफी मत के प्रचार-प्रसार के लिए हिन्दू घरों में प्रचलित प्रेम-कहानियों को अपना काव्य विषय बनाया।
- हिन्दी के प्रथम सूफी कवि 'मुल्लादाऊद' को माना जाता है।
- आचार्य शुक्ल ने हिन्दी का प्रथम सूफी कवि 'कुतुबन' को माना है।
- संत काव्य धारा के प्रमुख कवि :- कबीर दास , मलूक दास, रैदास, नानक
- सूफी काव्य धारा के कवि:- शेख नबी, जायसी, मुल्ला दाऊद
- रामभक्ति शाखा:- तुलसी, नाभादास, अग्रदास
- कृष्णकाव्य :-रसखान, मीरा, छीतस्वामी, कृष्णदास
Key Points
सूफी कवि नूर मुहम्मद की रचना का नाम है
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसूफी कवि नूर मुहम्मद की रचना का नाम अनुराग बाँसुरी है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 अनुराग बाँसुरी होगा ।
Key Points
रचना |
रचनाकार |
मधुमालती |
मलिक मंझन |
चन्द्रावती |
सदल मिश्र |
मृगावती |
कुतुबन |
इनमें से कौन-सा विकल्प सुमेलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'मुल्ला दाऊद - लखमसेन पद्मावती कथा' है, जो सही नहींं हैं।
Key Points
- लखमसेन पद्यावती कथा (1459) के लेखक दामोदर कवि है।
- मुल्ला दाऊद की रचना चंदायन (1379 ई.) है।
- डाॅ. रामकुमार वर्मा ने मुल्ला दाऊद को सूफीकाव्य का प्रथम कवि माना और चंदायन को सूफी काव्य की प्रथम रचना।
Additional Information
काव्य | रचनाकार |
मृगावती (1501) | कुतुबन |
पद्मावत (1540) | जायसी |
सत्यवती कथा (1501) | ईश्वरदास |
Important Pointsचंदायन काव्य का विषय और प्रमुख पात्रः-
काव्य | विषय और पात्र |
चंदायन |
इसमे लोर और चंदा एक दूसरे के प्रेम प्रसंग का वर्णन है , इसमे नायिका को साँप काट लेता है तब गारुडी द्वारा उसे ठीक किया जाता है। प्रमुख पात्रः- लोर ( लोरक ) , चंदा , नूरक आदि। |
सूफ़ी प्रेमाख्यान नही है:
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFश्याम सगाई सूफी प्रेमाख्यान नहीं है।
Key Points
- श्याम सगाई - नंददास जी की प्रमुख रचना है।
- इसमें राधा और कृष्ण की सगाई का वर्णन है
- नंददास अष्टछाप कवि मंडल में सूरदास के पश्चात सर्वाधिक श्रेष्ठ रचना करने वाले कवि है।
-
- नंददास को जड़िया कवि की उपाधि उनकी रासपंचाध्याई है रचना के आधार पर मिली है. और नंददास के यश का आधार यही 'रास पंचाध्याई' है।
Important Points
- नंददास की अन्य रचनाएं -
- मान मंजरी
- रसमंजरी
- रूपमंजरी श्याम सगाई
- रुकमणी मंगल
- भंवर गीत
- सिद्धांत पंचाध्याई
- दशम स्कंध भागवत
- गोवर्धन लीला
- नाम चिंतामणि माला
- नंददास पदावली
- जोग लीला
- रास पंचाध्याई रचना -
- यह पाँच अध्यायों में विभक्त है।
- राधा कृष्ण और गोपियों की रासलीला से संबंधित है।
- इसे हिंदी का गीत गोविंद का जाता है।
Additional Information
- इंद्रावती-
- नूर मोहम्मद की रचना जो 1744 ई. में रची गई।
- इसकी भाषा अवधि है।
- सूफी प्रेमाख्यानो की अखंडित परंपरा की समाप्ति इसी से होती है।
- यूसुफ जुलेखा –
- शेख निसार की रचना है जो 1790 ईस्वी में रची गई।
- हंस जहांवीर –
- कासिम शाह की रचना है जो 1736 ई. में रची गई।
- अवधी भाषा में है।
- आचार्य शुक्ल जी इसे निम्म कोटि की रचना मानते हैं।
सूफी साधना के चार पड़ावों में शामिल नहीं है:
Answer (Detailed Solution Below)
निर्गुण सूफी काव्य और कवि Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसूफी साधना के चार पड़ावों में 'शराफत' शामिल नहीं है।
- सूफी साधना के 4 पड़ाव-
- तरीकत
- हकीकत
- शरिअत
- मारिफत
Key Points
- सूफी साधना के चार मुकाम हैं-
- शरीयत(कर्मकाण्ड)- धर्मग्रंथों के विधान का पालन। हाल की दशा-नासूत।
- तरीकत(उपासना)- बाहरी आकर्षणों का त्याग । हाल की दशा- मलकत।
- मारिफ़त(ज्ञान)- सम्यक दृष्टि की प्राप्ति। हाल की दशा- जबरुत
- हकीकत(परमतत्व)- सिद्धावस्था की प्राप्ति । हाल की दशा- लाहूत।
- सूफी मत की मान्यताएं
- सूफी मत में ईश्वर को निराकार व सर्व्यापी मन गया है।
- ईश्वर का साक्षात्कार पीर या गुरु की सहायता से ही हो सकता है।
- सूफी मत में साधना के सात सोपान माने गए हैं-
- इश्क(प्रेम)
- जहद(संघर्ष)
- स्वारिफ(वैराग्य)
- वल्द(भावातिरेक)
- हकीक(सत्य की अनुभूति)
- वस्ल(परम् सत्ता की स्थिति)
- फना(अहं का पूर्ण विलय)
हिंदी के प्रमुख सूफी कवि और काव्य निम्नलिखित हैं:-
रचना या काव्य |
वर्ष |
कवी |
मधुमालती |
1545 |
मंझन |
चंदायन |
1379 |
मुल्ला दाऊद |
मृगावती |
1501 |
कुतुबन |
पद्मावत |
1540 |
जायसी |
हंसावली |
1370 |
कवि असाइत |
माधवानल कामकंदला |
1556 |
कुशल लाभ |
रूप मंजरी |
1568 |
नंददास |
नल दमयंती |
1625 |
नरपति व्यास |