कर्मधारय MCQ Quiz in मल्याळम - Objective Question with Answer for कर्मधारय - സൗജന്യ PDF ഡൗൺലോഡ് ചെയ്യുക

Last updated on Apr 12, 2025

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Latest कर्मधारय MCQ Objective Questions

Top कर्मधारय MCQ Objective Questions

कर्मधारय Question 1:

'सद्धर्म' पद में समास है:

  1. बहुब्रीहि
  2. द्विगु
  3. कर्मधारय
  4. द्वंद्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कर्मधारय

कर्मधारय Question 1 Detailed Solution

सही विकल्प है - कर्मधारय।

  • 'सद्धर्म' पद में कर्मधारय समास है।

Key Points 

  • 'सद्धर्म' का समास विग्रह  'सत् है जो धर्म' होगा।
  • यहाँ धर्म विशेष्य है और सत् विशेषण है।
  • जिस समास में प्रथम पद विशेषण या उपमान होता है तथा द्वितीय पद विशेष्य या उपमेय होता है, अर्थात विशेषण–विशेष्य तथा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध रहता है उसे कर्मधारय समास कहते हैं।

Additional Information 

  • समास - दो या दो से अधिक शब्द से बने हुए नए शब्द को समास कहा जाता है।
  • समास के 6 भेद होते है-

समास

परिभाषा

उदाहरण

अव्ययीभाव

पहला पद प्रधान तथा अव्यय हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण का कार्य करें वहां अव्ययीभाव होता है।

प्रति + दिन  = प्रतिदिन

निर्विवाद = बिना विवाद के

कर्मधारय  जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है।

कालीमिर्च = काली है जो मिर्च

नीलकमल = नीला है जो कमल

द्विगु    जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है।

नवरत्न = नौ रत्नों का समूह

सप्तदीप = सात दीपों का समूह

 बहुव्रीहि जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास कहलाता है।

महात्मा = महान् आत्मा है जिसकी,
नीलकण्ठ = नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी।

द्वन्द्व   जिस समास में दोनों पद प्रधान एवं एक दूसरे के विलोम या विलोम जैसे हों तो उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

माता-पिता = माता और पिता, 

राम-कृष्ण = राम और कृष्ण

तत्पुरुष  जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। मतदाता = मत को देने वाला
गिरहकट = गिरह को काटने वाला

कर्मधारय Question 2:

कौन-सा शब्द कर्मधारय समास का उदाहरण नहीं है?

  1. कापुरुष
  2. कनकलता
  3. चित्रेश
  4. मृगलोचन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : चित्रेश

कर्मधारय Question 2 Detailed Solution

'चित्रेश' शब्द कर्मधारय समास का उदाहरण नहीं है।

चित्रेश = चित्रा का है ईश जो वह है अर्जुन

  • बहुव्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता बल्कि समस्त पद किसी अन्य के विशेषण का कार्य करते हैं।  
  •  इस समास के पदों का समास-विग्रह करते समय जो/जिसका/जिसकी/जिसके शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
    • जैसे :- वीणापाणि = वीणा है पाणि में जिसके वह अर्थात सरस्वती

Mistake Pointsकर्मधारय समास और बहुव्रीहि समास में अंतर -

कर्मधारय समास बहुव्रीहि समास
कर्मधारय समास का पहला या दूसरा खंड विशेषण या विशेष्य अथवा दोनों होता है। बहुव्रीहि समास में दोनों खंडों में परस्पर विशेषण-विशेष्य का भाव नहीं होता।
इसमें उत्तर पद की प्रधानता होती है। इसका अन्य तीसरा पद प्रधान होता है।
इसका विग्रह पदात्मक होता है। बहुव्रीहि समास का विग्रह वाक्यात्मक होता है।

उदाहरण -

लंबोदर - मोटे पेट वाला

उदाहरण-

लंबोदर - लंबा है उदर जिसका अर्थात गणेश

Key Pointsअन्य विकल्प -

  • कापुरुष = कायर है जो पुरुष (कर्मधारय समास)
  • कनकलता = कनक के समान लता (कर्मधारय समास)
  • मृगलोचन = मृग के समान लोचन (कर्मधारय समास)

Important Pointsबहुव्रीहि समास के कुछ महत्त्वपूर्ण उदाहरण -

  • चंद्रचूड़ = चंद्र है चूड़ा पर जिसके वह अर्थात शिव 
  • नीरद = वह जो नीर देता है अर्थात बादल
  • सिरदर्द = सिर में दर्द अर्थात परेशानी
  • जितेन्द्रिय = जिसने इंद्रियाँ जीती हैं अर्थात कामनारहित
  • अंशुमाली = अंशु है माला जिसकी अर्थात सूर्य
  • रेवतीरमरण = वह जो रेवती के साथ रमण करते हैं अर्थात बलराम
  • निशाचर = निशा में चलने वाला अर्थात राक्षस
  • प्रज्ञाचक्षु = जिसके प्रज्ञा के चक्षु हों अर्थात चक्षुहीन
  • चौकन्ना = चार है कान जिसकेअर्थात सजग
  • चतुरानन = चार है आनन जिसके अर्थात ब्रह्मा

Additional Informationदो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है।

समास के छ: भेद हैं-

समास

परिभाषा

समास-विग्रह उदाहरण 

द्वंद्व समास

इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। इसमें तथा, और, या, अथवा आदि शब्दों का लोप हो जाता है। 

शस्त्रास्त्र = शस्त्र और अस्त्र

द्विगु समास

इस समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद उसका विशेष्य होता है। 

अठन्नी = आठ आनों का समूह

तत्पुरुष समास

इस समास में प्रथम पद गौण तथा द्वितीय पद प्रधान होता है। 

चर्मरोग = चर्म का रोग

जन्मान्ध = जन्म से अन्धा

कर्मधारय समास

इस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो

चरणकमल = कमल के समान चरण

अव्ययीभाव समास

इस समास में पहला पद अव्यय होता है और पहला पद प्रधान भी होता है।
 

यथायोग्य = योग्यता के अनुसार

बहुव्रीहि समास

इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता बल्कि समस्त पद किसी अन्य के विशेषण का कार्य करते हैं।  

दीर्घबाहु- दीर्घ हैं बाहु जिसके अर्थात् विष्णु

कर्मधारय Question 3:

'कालीमिर्च' पद में कौन समास है।

  1. कर्मधारय
  2. बहुब्रीहि
  3. तत्पुरुष
  4. द्वन्द्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : कर्मधारय

कर्मधारय Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है - "कर्मधारय" l
Key Points

  • 'कालीमिर्च' पद में कर्मधारय समास है।
  • काली मिर्च का समास विग्रह -
    • काली है जो मिर्च।
  • कालीमिर्च = 'काली + मिर्च'। इसका पहला पद विशेषण है और दूसरा पद विशेष्य है। अत: सही उत्तर 'कर्मधारय समास' है।
  • जिसका पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो तो, वह 'कर्मधारय समास' कहलाता है।

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:-

  • हुब्रीहि - जिस समास में कोई पद प्रधान न होकर (दिए गए पदों में) किसी अन्य पद की प्रधानता होती है। यह अपने पदों से भिन्न किसी विशेष संज्ञा का विशेषण है।
  • तत्पुरुष - वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो। अर्थात् प्रथम पद गौण हो और उत्तरपद की प्रधानता हो।
  • द्वन्द्व - समास का वह रूप जिसमें प्रथम और द्वितीय दोनों पद प्रधान होते हैं उसे द्वन्द्व समास कहते हैं। 

Additional Information

 

समास - दो या दो से अधिक शब्द से बने हुए नए शब्द को समास कहा जाता है।

समास के भेद होते है-

समास परिभाषा उदाहरण
अव्ययीभाव पहला पद प्रधान तथा अव्यय हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण का कार्य करें वहां अव्ययीभाव होता है।

प्रति + दिन  = प्रतिदिन

निर्विवाद = बिना विवाद के

कर्मधारय  जिस समास में पूर्वपद विशेषण और उत्तरपद विशेष्य हो, कर्मधारय समास कहलाता है।

कालीमिर्च = काली है जो मिर्च

नीलकमल = नीला है जो कमल

द्विगु    जिस समास में पूर्वपद संख्यावाचक हो, द्विगु समास कहलाता है।

नवरत्न = नौ रत्नों का समूह

सप्तदीप = सात दीपों का समूह

 बहुव्रीहि जिस समास में दोनों पदों के माध्यम से एक विशेष (तीसरे) अर्थ का बोध होता है, बहुव्रीहि समास कहलाता है।

महात्मा = महान् आत्मा है जिसकी,
नीलकण्ठ = नीला कण्ठ है जिनका अर्थात् शिवजी।

द्वन्द्व   जिस समास में दोनों पद प्रधान एवं एक दूसरे के विलोम या विलोम जैसे हों तो उसे द्वंद्व समास कहते हैं।

माता-पिता = माता और पिता, 

राम-कृष्ण = राम और कृष्ण

तत्पुरुष  जिस समास में पूर्वपद गौण तथा उत्तरपद प्रधान हो, तत्पुरुष समास कहलाता है। मतदाता = मत को देने वाला
गिरहकट = गिरह को काटने वाला

कर्मधारय Question 4:

इनमें से किस शब्द में कर्मधारय समास होगा?

  1. रामानुज
  2. अधमरा
  3. सपरिवार
  4. देवासुर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अधमरा

कर्मधारय Question 4 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से 'अधमरा' में कर्मधारय समास है। अतः इसका सही उत्तर 'अधमरा' होगा। शेष उत्तर गलत हैं।

Key Points

इसका समास विग्रह ‘आधा है जो मरा’ होगा। इस शब्द का विग्रह करने पर दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय के मध्य ‘है जो’ आया है और ये कर्मधारय समास की पहचान है इसलिए यहाँ पर कर्मधारय समास होगा।

अन्य विकल्पों का समास विग्रह निम्न प्रकार है:

शब्द

समास विग्रह

समास का नाम

रामानुज 

 राम का अनुज

तत्पुरुष समास

सपरिवार

परिवार के साथ 

   अव्ययीभाव समास

देवासुर

देव और असुर

द्वंद्व समास

Additional Information

समास का नाम परिभाषा उदाहरण 
तत्पुरुष समास जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

राम का अनुज= रामानुज,

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुब्रीहि समास जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।  जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।
कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।
द्वंद्व समास जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है। 

देव और असुर = देवासुर 

माता और पिता = माता - पिता 

अव्‍ययीभाव समास  जिस समास का पूर्व पद प्रधान तथा अव्‍यय हो एवं समास बनने पर समस्‍त पद भी अव्‍यय हो जाए, उसे अव्‍ययी भाव समास कहते हैं।  

परिवार के साथ = सपरिवार

यथासमय = समय के अनुसार 

कर्मधारय Question 5:

'मृगनयन' में समास हैः

  1. अव्ययीभाव
  2. कर्मधारय
  3. तत्पुरुष
  4. द्वन्द्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कर्मधारय

कर्मधारय Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर कर्मधारय है। 

Key Points

  • 'मृगनयनकर्मधारय समास का उदाहरण है। 
  • 'मृगनयन' का समास विग्रह होगा - मृग के समान नयन। 
  • कर्मधारय समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध होता है

पदों की प्रधानता के आधार पर समास का वर्गीकरण निम्न प्रकार है -  

  1. पूर्वपद प्रधान- अव्ययीभाव समास
  2. उत्तरपद प्रधान- तत्पुरुष समास, कर्मधारय समास, द्विगु  समास
  3. दोनों पद प्रधान- द्वंद्व समास
  4. दोनों पद अप्रधान- बहुव्रीहि समास

संधि और समास- अर्थ की द्रष्टि से दोनों शब्द सामान हैं यद्यपि दोनों में कुछ अंतर है जैसे- 

  1. संधि वर्णों का मेल है और समास शब्दों का मेल है।
  2. संधि में वर्णों के मेल से वर्ण परिवर्तन अथवा विकार उत्पन्न होता है जबकि समास में ऐसा नहीं होता।
  3. संधि के द्वारा बने शब्दों को पुनः मूल अवस्था में लाने को संधि-विच्छेद कहते हैं जबकि समास के पदों को अलग करने की प्रक्रिया समास-विग्रह कहलाती है।  

Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

कर्मधारय Question 6:

निम्नलिखित पदों में कर्मधारय समास का उदाहरण है -

  1. महाजन
  2. कष्टसाध्य
  3. यथाशीघ्र
  4. पीताम्बर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : महाजन

कर्मधारय Question 6 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 महाजन है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।

Key Points

  • महाजन का समास विग्रह ‘महान है जो जन’ होगा।
  • यह कर्मधारय समास आ उदाहरण है।
  • वह समास जिसका पहला पद विशेषण एवं दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा पूर्वपद एवं उत्तरपद में उपमान – उपमेय का सम्बन्ध माना जाता है कर्मधारय समास कहलाता है।

 

अन्य विकल्प:

  • कष्टसाध्य कष्ट को साधने वाला तत्पुरुष समास
  • यथाशीघ्र जितना शीघ्र हो सके अव्ययीभाव समास
  • पीताम्बर - पीत है अम्बर जिसका अर्थात् 'कृष्ण' बहुब्रीहि समास

 

Additional Information

  • हिन्दी व्याकरण में समास का शाब्दिक अर्थ होता है छोटा रूप।
  • जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है, उस शब्द को हिन्दी में समास कहते हैं।

कर्मधारय Question 7:

'नीलकमल' में कौन-सा समास है?

  1. बहुब्रीहि
  2. कर्मधारय
  3. द्विगु
  4. द्वंद्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कर्मधारय

कर्मधारय Question 7 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 2 'कर्मधारय है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

Key Points

  • नीलकमल अर्थात 'नीला है जो कमल' इसमें पूर्व पद उत्तर पद की विशेषता बताने का काम कर रहा है।
  • अतः दोनों पदों में विशेषण विशेष्य होने का सम्बन्ध है।
  • इसलिए यह कर्मधारय समास का उदाहरण है। 

अन्य विकल्प: ​

  1. बहुब्रीहि समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।
  2. द्विगु समास - वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है।
  3. द्वंद्व समास - जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है ।

Additional Information

  • समास 'संक्षिप्तिकरण' को समास कहते हैं।
  • दूसरे शब्दों में समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है।
  • दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।

कर्मधारय Question 8:

‘प्रधानमंत्री में कौन सा समास है?

  1. द्वंद्व
  2. द्विगु 
  3. कर्मधारय
  4. अव्ययीभाव 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कर्मधारय

कर्मधारय Question 8 Detailed Solution

‘प्रधानमंत्री’ में 'कर्मधारय' समास है। शेष विकल्प गलत हैं। अतः सही उत्तर विकल्प 3 ‘कर्मधारय’ है।

स्पष्टीकरण

  • 'प्रधनमंत्री' का समास विग्रह- 'मंत्रियों में प्रधान है जो'
  • यहां पर तीसरे पद 'प्रधानमंत्री' की ओर संकेत किया गया है, जो कर्मधारय समास की विशेषता है।

Additional Information

समास - समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। जब दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जो छोटा शब्द बने उसे समास कहते हैं। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - रजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण

तत्पुरुष  समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

  1. धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ
  2. तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत

अव्ययीभाव  समास

जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो'।

  1. जन्म से लेकर = आजन्म
  2. मति के अनुसार = यथामति।

कर्मधारय  समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

  1. कमल के समान नयन = कमलनयन
  2. महान है जो देव = महादेव

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

  1. दो पहरों का समूह = दोपहर
  2. तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हो तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’ या ‘और’ का प्रयोग होता हो ।

  1. अन्न और जल = अन्न-जल
  2. अपना और पराया = अपना-पराया

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

  1. जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान
  2. तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव

द्विगु समास और बहुव्रीहि समास में अंतर - द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है। जैसे दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)

 

कर्मधारय Question 9:

विशेषण और विशेष्य के योग से कौन-सा समास बनता है?

  1. द्वन्द् समास
  2. कर्मधारय समास
  3. तत्पुरुष समास
  4. द्विगु समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कर्मधारय समास

कर्मधारय Question 9 Detailed Solution

विशेषण और विशेष्य के योग से कर्मधारय समास बनता है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही उत्तर विकल्प 2 'कर्मधारय समास' है।

Key Points

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान  नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।


Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान  नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास 

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

कर्मधारय Question 10:

'सद्धावना' शब्द में समास है -

  1. अव्ययीभाव
  2. तत्पुरुष 
  3. कर्मधारय
  4. द्विगु

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कर्मधारय

कर्मधारय Question 10 Detailed Solution

'सद्धावना' शब्द में समास है - 'कर्मधारय समास'

Key Points

  • 'सद्भावना' में 'कर्मधारय समास' है।
  • सद्भावना = अच्छी भावना । अर्थात् "सत् है जो भावना"।
  • यहाँ पूर्व पद (सत्) व उत्तरपद (भावना) के बीच विशेषण-विशेष्य सम्बन्ध है।
प्रकार  परिभाषा  उदाहरण 
कर्मधारय समास 'उत्तर पद प्रधान होता'।
पहचान- 'दोनों पदों' के मध्य मे 'है जो' , 'के समान' आता हैं।
 'नीलकंठ' "नीला है जो कंठ"। 

Additional Information

प्रकार परिभाषा उदाहरण
अव्ययीभाव समास इस समास में समूचा पद क्रियाविशेषण अव्यय हो जाता है। प्रतिदिन, आमरण, यथासंभव इत्यादि।
तत्पुरुष समास 'उत्तर पद प्रधान होता'।
"कारक चिन्ह" का लोप हों जाना।
 'मनचाहा' "मन से चाहा"
द्विगु समास 'उत्तर पद प्रधान होता'।
पहचान- पहला पद 'संख्यावाचक' तथा इसमें 'समूह या समाहार' का पता चलता है।
 'चौराहा' शब्द में 'चार राहों के समूह' का ज्ञान हो रहा है।

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