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Download Solution PDF'सतसई' शब्द में किस प्रकार के संख्याबोधक विशेषण का प्रयोग है ?
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Detailed Solution
Download Solution PDF'सतसई' शब्द में किस प्रकार के संख्याबोधक विशेषण का प्रयोग है - गणनावाचक विशेषण
Key Points
गणनावाचक विशेषण |
विशेषणों के वर्गीकरण में, गणनावाचक विशेषण वे होते हैं जो किसी नाम या संज्ञा के साथ रखकर उसकी सटीक संख्या, मात्रा या क्रम को निर्दिष्ट करते हैं। जैसे कि एक, दो, सौ, हजार आदि। |
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आवृत्तिबोधक विशेषण (Frequency Adjectives): यह विशेषण किसी क्रिया के होने की बार-बारता या आवृत्ति को दर्शाता है। उदाहरण के लिए, 'हमेशा', 'कभी-कभी', 'अक्सर', 'शायद ही', 'कभी नहीं'। ये दिखाते हैं कि कोई क्रिया कितनी बार होती है।
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अनिश्चित संख्याबोधक विशेषण (Indefinite Numeral Adjectives): यह विशेषण अनिश्चित मात्रा या संख्या को दर्शाता है, जिसमें कोई सटीक या स्पष्ट संख्या नहीं होती। उदाहरण के लिए, 'कई', 'कुछ', 'बहुत', 'थोड़े', 'सभी'। ये विशेषण एक विषय की संख्या का सटीकता के साथ उल्लेख नहीं करते।
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समुच्चयबोधक विशेषण (Conjunctive Adjectives): यह विशेषण वास्तव में संज्ञा या सर्वनाम के समूह या श्रेणी को जोड़ने या उनके बीच संबंध स्थापित करने का काम करते हैं। जैसे, 'और', 'या', 'न तो-नोर', 'चाहे-या' के प्रयोग दो या दो से अधिक चीजों को जोड़ने में होते हैं। हालांकि, पारंपरिक अर्थों में, इसे आमतौर पर विशेषण के रूप में नहीं देखा जाता। सम्भवतः, यहाँ मिसकम्युनिकेशन हो सकता है, क्योंकि समुच्चयबोधक शब्द सामान्यतः संयोजक (Conjunctions) के लिए प्रयोग होते हैं जो वाक्यों या शब्दों को जोड़ने का काम करते हैं।
'सतसई' के संदर्भ में, 'सत' (सौ दोहे) मुख्यतः गणनावाचक विशेषण कैटेगरी में आता है, न कि इन अन्य विषय-विशेषों में।
Additional Information
विशेषण |
परिभाषा |
आवृत्तिबोधक विशेषण |
जो विशेषण संख्या के गुणन का बोध कराएँ। |
अनिश्चित संख्याबोधक विशेषण |
जो विशेषण संज्ञा या सर्वनाम की निश्चित संख्या का बोध नहीं कराते हैं, उन्हें अनिश्चित संख्याबोधक विशेषण कहते हैं। जैसे-कुछ पुस्तकें, थोड़े बच्चे आदि। |
गणनावाचक विशेषण |
जो विशेषण गिनती या गणना का बोध कराएँ। |
Important Points
विशेषण |
विशेषण का शाब्दिक अर्थ है 'विशेषता बताना'। विशेषण एक ऐसा शब्द है जो संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताता है संज्ञा और सर्वनाम शब्दों की विशेषता बताने वाले शब्दों को विशेषण कहते हैं। जैसे- यह भूरी गाय है। |
विशेष्य
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जिसकी विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं अथार्त जिस संज्ञा और सर्वनाम की विशेषता बताई जाती है उसे विशेष्य कहते हैं। विशेष्य को विशेषण के पहले या बाद में भी लिखा जा सकता है। जैसे- विद्वान् अध्यापक। |
प्रविशेषण
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जिन शब्दों से विशेषण की विशेषता का पता चलता है उन्हें प्रविशेष्ण कहते हैं। जैसे- यह आम बहुत मीठा है। |
उद्देश्य विशेषण
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विशेष्य के पूर्व या पहले आने वाले विशेषण को उद्देश्य विशेषण कहते हैं। जैसे- चतुर बालक अपना कार्य करते हैं। (उद्देश्य विशेषण) |
विधेय विशेषण |
विशेष्य के पूर्व या पहले आने वाले विशेषण को उद्देश्य (विशेष्य) विशेषण कहते हैं जबकि बाद वाले विशेषण विधेय विशेषण होते हैं। जैसे- बालक चतुर है। (विधेय विशेषण) |
Last updated on Jun 19, 2025
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