निम्नलिखितेषु किं सामाजिक-उपभाषा कथ्यते ?

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CTET Paper 1 - 11th Jan 2022 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. कस्यापि समुदायस्य अथवा जनसमूहस्य भाषायाः विशेषता
  2. कस्यापि राज्यस्य, देशस्य अथवा महाद्वीपस्य भाषा 
  3. भाषाक्षेत्रस्यान्तर्गते कस्यापि क्षेत्रस्य भाषा-विशेषता।
  4. कस्यापि क्षेत्रस्य लिखिता भाषा साहित्यम् च

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Option 1 : कस्यापि समुदायस्य अथवा जनसमूहस्य भाषायाः विशेषता
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प्रश्नानुवाद - निम्नलिखित में किसे सामाजिक-उपभाषा कहा जाता है ?

स्पष्टीकरण - दिये गये विकल्पों में किसी समुदाय अथवा जनसमूह की भाषा की विशेषता को सामाजिक-उपभाषा कहा जाता है। जहाँ किसी समाज द्वारा एक भाषा बोली जाती है। वहीं उसी समाज में रहने वाले एक समुदाय या जनसमूह द्वारा थोड़े परिवर्तनों के साथ बोली जाने वाली भाषा उस समाज की उप भाषा होती है। जिसमें सामाजिक भाषा से थोड़े बहुत परिवर्तन होते हैं।

  • किसी क्षेत्र विशेष में बोली जाने वाली भाषा को क्षेत्रीय, प्रान्तीय भाषा कहा जाता है।
  • भाषा विचाराभिव्यक्ति का एक माध्यम है, जिसके माध्यम से एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से अपने विचारों को प्रकट करता है।
  • परन्तु यह भाषा भी स्थान-स्थान की दूरी पर अपने स्वरूप में परिवर्तन करती है। 
  • कहा भी गया है कोस-कोस में बदले पानी, कोस-कोस में बदले वाणी अर्थात् जिस तरह थोड़ी-थोड़ी दूरी पर पानी का स्वाद बदल जाता है, उसी तरह थोड़ी-थोड़ी दूरी पर मनुष्य की भाषा में भी परिवर्तन हो जाता है।
  • भाषा के इस स्वरूप के अन्तर्गत थोड़े-थोड़े परिवर्तन के कारण एक भाषा की भी अनेक क्षेत्रीय भाषाएं होती हैं, जो उस भाषा की उपभाषा हो जाती हैं। 
  • यह उपभाषा कोई नवीन भाषा न होकर उसी भाषा विशेष का अपभ्रंश होती है, जो उस भाषा विशेष का ही हिस्सा होती है।
  • उसी समाज में कुछ ही दूरी पर कुछ परिवर्तनों या उस क्षेत्र विशेष के प्रभाव के कारण जो थोड़ा बहुत परिवर्तन क्षेत्रीय भाषा में आया है, जिसे एक जनसमुदाय या समूह द्वारा बोला जाता है, वह समाज की  उपभाषा कहा जाता है।
    • उदाहरण के लिए - उत्तर प्रदेश के पश्चिम भाग में खड़ी बोली/भाषा बोली जाती है।
    • परन्तु वही किसी क्षेत्र विशेष में जहाँ किसी समुदाय/जाति के लोग रहते हैं, उनकी भाषा खड़ी भाषा से कुछ भिन्न होती है। जैसे - गुर्जर या जाट समुदाय के लोगों की भाषा। जो खड़ी भाषा से मिलती-जुलती परन्तु कुछ भिन्न होती है।

 

अतः कहा जा सकता है कि दिये गये विकल्पों में किसी समुदाय अथवा जनसमूह की भाषा की विशेषता को सामाजिक-उपभाषा कहा जाता है। (अन्य विकल्प यहाँ सामाजिक उपभाषा के सन्दर्भ में उपयुक्त नहीं हैं।)

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