निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

कथन-I: भारत का संविधान यह प्रावधान करता है कि प्रत्येक जनगणना के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों की संख्या तथा प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजन को पुनः समायोजित किया जाएगा।

कथन-II: परिसीमन प्रक्रिया में लोकसभा और विधानसभाओं के लिए प्रत्येक राज्य में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीटों का निर्धारण शामिल नहीं है।

उपर्युक्त कथनों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?

  1. कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं और कथन-II कथन-I की व्याख्या करता है
  2. कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं, लेकिन कथन-II कथन-I की व्याख्या नहीं करता है
  3. कथन-I सही है, लेकिन कथन-II गलत है
  4. कथन-I गलत है, लेकिन कथन-II सही है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कथन-I सही है, लेकिन कथन-II गलत है

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सही उत्तर विकल्प 3 है

Key Points

  • परिसीमन का अर्थ है लोकसभा और विधानसभाओं के लिए प्रत्येक राज्य में सीटों की संख्या और प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों की सीमाएँ तय करने की प्रक्रिया। इसमें इन सदनों में अनुसूचित जातियों (SC) और अनुसूचित जनजातियों (ST) के लिए आरक्षित की जाने वाली सीटों का निर्धारण भी शामिल है। इसलिए कथन-II गलत है।
  • कथन-I सही है। संविधान के अनुच्छेद 82 और 170 में प्रावधान है कि प्रत्येक जनगणना के बाद लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में सीटों की संख्या और प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों में विभाजन को पुनः समायोजित किया जाएगा।
  • यह 'परिसीमन प्रक्रिया' संसद के एक अधिनियम के तहत गठित 'परिसीमन आयोग' द्वारा की जाती है। इस तरह की प्रक्रिया 1951, 1961 और 1971 की जनगणना के बाद की गई थी।

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