बच्चों या पोते-पोतियों की अनुपस्थिति में, उस मृत हिंदू नारी की संपत्ति का उत्तराधिकार पाने का हकदार कौन होगा, जिसे यह संपत्ति अपने पति से विरासत में मिली थी और बिना वसीयत छोड़े मर गई थी?

  1. सरकारी धर्मार्थ ट्रस्ट
  2. उसके पिता के वारिसों को
  3. उसकी माता के वारिसों को
  4. उसके पति के वारिसों को
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उसके पति के वारिसों को

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 4 है।Key Points

  • हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम 1956 की धारा 13 हिन्दू नारी की दशा में उत्तराधिकार के साधारण नियमों से संबंधित है।
  • उपधारा (1) निर्वसीयत मरने वाली हिन्दू नारी की सम्पत्ति धारा 14 में दिए गए नियमों के अनुसार निम्नलिखित को न्यागत होगी :-
    • प्रथमतः पुत्रों और पुत्रियों (जिसके अन्तर्गत किसी पूर्व मृत पुत्र या पुत्री के अपत्य भी हैं) और पति को ;
    • द्वितीयतः पति के वारिसों को ;
    • तृतीयतः माता और पिता को ;
    • चतुर्थतः पिता के वारिसों को; तथा
    • अन्ततः माता के वारिसों को।
  • उपधारा (2) कहती है: उपधारा (1) में अन्तर्विष्ट किसी बात के होते हुए भी 
    • कोई सम्पत्ति जिसकी विरासत हिन्दू नारी को अपने पिता या माता से प्राप्त हुई हो, मृतक के पुत्र या पुत्री के ( जिसके अन्तर्गत किसी पूर्व मृत पुत्र या पुत्री के अपत्य भी आते हैं) अभाव में उपधारा (1) में निर्दिष्ट अन्य वारिसों को उसमें विनिर्दिष्ट क्रम से न्यागत न होकर पिता के वारिसों को न्यागत होगी ; तथा
    • कोई सम्पत्ति जो हिन्दू नारी को अपने पति या अपने श्वसुर से विरासत में प्राप्त हुई हो मृतक के किसी पुत्र या पुत्री के (जिसके अन्तर्गत किसी पूर्व मृत पुत्र या पुत्री के अपत्य भी आते हैं) अभाव में उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट अन्य वारिसों को उसमें विनिर्दिष्ट क्रम से न्यागत न होकर पति के वारिसों को न्यागत होगी

 

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