आवर्त सारणी _____ पर आधारित है। 

This question was previously asked in
NPCIL Stipendiary Trainee (Category-II) Official Paper (Held On: 11 Jun 2019)
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  1. तुल्यांकी भार
  2. परमाणु भार
  3. परमाणु क्रमांक
  4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : परमाणु क्रमांक
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NPCIL Stipendiary Trainee General Awareness Subject Test - 01
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सही उत्तर परमाणु क्रमांक है।

Key Points

  • आधुनिक आवर्त सारणी तत्वों के परमाणु क्रमांक पर आधारित है, जोकि परमाणु के नाभिक में प्रोटॉनों की संख्या होती है।
  • यह व्यवस्था सबसे पहले हेनरी मोजले ने 1913 में प्रस्तावित की थी, जिन्होंने परमाणु क्रमांक और तत्वों के गुणों के बीच संबंध खोजा था।
  • तत्वों को आवर्त सारणी में बढ़ते परमाणु क्रमांक के क्रम में रखा जाता है, जिससे आवर्त नियम बनता है जो कहता है कि तत्वों के गुण उनके परमाणु क्रमांक का आवर्ती फलन होते हैं।
  • आवर्त सारणी को आवर्त और समूहों में विभाजित किया गया है। आवर्त क्षैतिज पंक्तियाँ हैं, और समूह ऊर्ध्वाधर स्तंभ हैं।
  • एक ही समूह में तत्वों के समान रासायनिक गुण होते हैं क्योंकि उनके समान संख्या में संयोजी इलेक्ट्रॉन होते हैं।

Additional Information

  • परमाणु भार:
    • यह किसी तत्व के परमाणुओं का औसत द्रव्यमान है, जिसकी गणना प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले तत्व में समस्थानिकों की सापेक्ष प्रचुरता का उपयोग करके की जाती है।
    • पहले की आवर्त सारणियाँ, जैसे मेंडेलीव की, परमाणु भार पर आधारित थीं, लेकिन इससे कुछ असंगतियाँ हुईं जिन्हें बाद में परमाणु क्रमांक का उपयोग करके हल किया गया।
  • समूह और आवर्त:
    • समूह आवर्त सारणी में ऊर्ध्वाधर स्तंभ हैं, और एक ही समूह में तत्वों में समान संयोजी इलेक्ट्रॉन विन्यास और रासायनिक गुण होते हैं।
    • आवर्त क्षैतिज पंक्तियाँ हैं, और एक ही आवर्त में तत्वों में इलेक्ट्रॉन कोशों की समान संख्या होती है।
  • आवर्त नियम:
    • आवर्त नियम कहता है कि तत्वों के रासायनिक और भौतिक गुण उनके परमाणु क्रमांक का आवर्ती फलन होते हैं।
    • यह नियम आधुनिक आवर्त सारणी का आधार है।
  • धातु, अधातु और उपधातु:
    • धातुएँ आवर्त सारणी के बाईं ओर और केंद्र में पाई जाती हैं और आमतौर पर चमकदार, ऊष्मा और विद्युत की अच्छी चालक और आघातवर्ध्य होती हैं।
    • अधातुएँ आवर्त सारणी के दाईं ओर पाई जाती हैं और आमतौर पर ऊष्मा और विद्युत के कुचालक होती हैं।
    • उपधातुओं के गुण धातुओं और अधातुओं के बीच मध्यवर्ती होते हैं तथा ये आवर्त सारणी में सीढ़ीनुमा रेखा के अनुरूप पाए जाते हैं।
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Last updated on May 28, 2025

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