Question
Download Solution PDFकोऽपि छात्रः/कापि छात्रा अधिगतज्ञानं प्रयोक्तुम् असमर्थः/असमर्थ। यथा, अनुवादप्रक्रियार्थम् उपयुक्त-शब्दचयन-सन्दर्भे। किं समाधानम्?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्न का अनुवाद - कोई छात्र / कोई छात्रा अधिगतज्ञान प्रयोग करने में असमर्थ होता है / असमर्थ होती है। जैसे- अनुवाद प्रक्रिया के लिए उपयुक्त शब्द चयन के सन्दर्भ में, क्या समाधान है?
स्पष्टीकरण - यदि कोई छात्र/छात्रा अधिगतज्ञान का प्रयोग करने में असमर्थ है तो उपयुक्त रूप से निर्मित श्रेणीकृत अभ्यास पत्र के द्वारा अभ्यास करना इसका समाधान है।
Key Points
- यदि कोई छात्र / छात्रा प्राप्त किए ज्ञान का प्रयोग करने में असमर्थ है ऐसा वे अनुवाद के संदर्भ में करते हैं तो शिक्षक उनकी इस समस्या के समाधान के लिए एक श्रेणीकृत अभ्यास पत्र का निर्माण करेगा अर्थात शिक्षक एक ऐसा अभ्यास पत्र तैयार करेगा जिसमें भाषिक व वैचारिक सामग्री हो अथवा उसमें भाषायी कौशलों की कठिनाई का निवारण हो सके।
- अनुवाद के संदर्भ में शिक्षक ऐसे प्रश्नों का निर्माण करेगा जिसमें मौखिक अभिव्यक्ति अथवा पाठ का अनुवाद करने का अवसर मिले।
- शिक्षक निष्कर्षात्मक व उपचारात्मक पर आधारित अभ्यास पत्र का निर्माण करेगा जिससे वह छात्र की अनुवाद में आ रही कठिनाई को पहचानें और उसका समाधान कर सकें।
- इन अभ्यासों की रचना बालकों की मानसिक परिपक्वता एवं ग्राहता की दृष्टि से होनी चाहिए, क्योंकि इन अभ्यासों में बालक को पठित सामग्री के अतिरिक्त और बातों पर भी विचार करना पड़ता है।
अतः स्पष्ट है कि छात्र/ छात्रा के अनुवाद के संदर्भ में अधिगम असमर्थता के लिए उपयुक्त समाधान श्रेणीकृत अभ्यास पत्र का निर्माण करना होगा।
अनुवाद शिक्षण करते समय सावधानियां -
अध्यापक द्वारा अनुवाद शिक्षण करते समय ध्यान रखी जाने वाली सावधानियां निम्न हैं-
- अनुवाद छात्रों के मानसिक स्तर के अनुकूल होना चाहिए। जैसे जैसे छात्रों के शब्दकोश में वृद्धि होती जाए,अनुवाद के वाक्यों को सरलता से कठिनता के क्रम में रखा जाना चाहिए।
- अनुवाद के लिए अभ्यास नितांत आवश्यक है क्योंकि निरन्तर अभ्यास से छात्रों में प्रखरता आती है।
- अनुवाद की सिद्धहस्तता के लिए शब्द रूपों, धातु रूपों, कारक चिन्हों, लिंगों एवं वचनों का ज्ञान होना नितांत आवश्यक है। हिन्दी में दो ही वचन और लिंग होते हैं, जबकि संस्कृत में तीन वचन और लिंगों का प्रयोग होता है।
- उपसर्ग और प्रत्यय के प्रयोग से नवीन शब्द निर्माण करने की क्षमता का विकास भी अध्यापक को कराना चाहिए।
- शब्दों के मूल शब्दों का ज्ञान नितान्त उपयोगी है। वह बताए जैसे -देखना के लिए (दृश्य), दौड़ने के लिए (धाव) धातु का प्रयोग होता है।
- छात्रों को कर्तृवाच्य और कर्मवाच्य के नियमों का ज्ञान करा देना चाहिए।
- क्रिया का अनुवाद करते हुए अधिक ध्यान धातु, इसके पद, गुण, वाच्य, लकार,व चन, पुरुष की ओर दिया जाना चाहिए।
Additional Information
- अधिक-अवधि दानम् - अधिक अवधि देना।
- अभिप्रेरणार्थ सर्वदा सरल अभ्यास कार्यम् - अभिप्रेरणा के लिए हमेशा सरल अभ्यास कार्य।
- उच्चस्तरीयैः छात्रैः सह मेलनम् - उच्चस्तर के छात्रों के साथ मिलना।
Last updated on Apr 30, 2025
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