Question
Download Solution PDF"दिवस का अवसान समीप था। गगन था कुछ लोहित हो चला।" यह प्रकृति चित्रण किस महाकाव्य से है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रस्तुत पंक्तियाँ 'प्रिय प्रवास' महाकाव्य में वर्णित है।
Key Points
- विधा- महा काव्य
- लेखक: अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रकाशन वर्ष-1914 ई.
- सर्ग-17 सर्ग
- विषय:कृष्ण के बचपन से लेकर मथुरा प्रस्थान तक का वर्णन।
Important Points
- प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रिय प्रवास के पहले सर्ग संध्या से अवतरित है।
- इसको खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य माना जाता है।
- इसका पहले नाम 'ब्रजांगना विलाप' था।
- यह संपूर्ण काव्य संस्कृत के वर्णवृत्तों पर आधारित हैं।
- अन्य रचनाएँ-
काव्य रूप रचनाएँ प्रबंध काव्य पारिजात(1937),वैदेही वनवास(1941)।
काव्य ग्रन्थ प्रेम प्रपंच(1900),चुभते चौपदे(1924),चोखे चौपदे (1932),कल्पलता(1937)आदि।
Additional Information
रचना | लेखक | विषय |
कामायनी(1935) | जयशंकर प्रसाद |
1)15 सर्ग हैं। 2)शान्त(निर्वेद)रस का प्रयोग। 3)समरसतावाद-आनंदवाद दर्शन का प्रयोग। 4)मुख्य पात्र-मनु,श्रद्धा,इड़ा,कुमार। |
साकेत(1931) | मैथलीशरण गुप्त |
1)12 सर्ग हैं। 2)उर्मिला के जीवन का चित्रण 3)डॉ. नगेन्द्र ने 'जनवादी काव्य' कहा। |
उर्वशी(1961) | रामधारी सिंह 'दिनकर' |
1)गीति नाट्य है। 2)इस महाकाव्य पर 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। |
Last updated on May 12, 2025
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