काव्य पंक्तियाँ MCQ Quiz - Objective Question with Answer for काव्य पंक्तियाँ - Download Free PDF

Last updated on May 15, 2025

Latest काव्य पंक्तियाँ MCQ Objective Questions

काव्य पंक्तियाँ Question 1:

जीने को तो पशु भी जीते

अपना पेट भरा करते हैं

कुछ दिन इस दुनिया में रह कर

वे अन्तत: मरा करते हैं।

ऐसे जीवन और मरण को,

होता यह संसार नहीं है

जीने का अधिकार नहीं हैं।

उपर्युक्त पंक्ति किस कवि की है?

  1. श्रीकृष्ण सरल 
  2. मुक्तिबोध 
  3. भवानीप्रसाद मिश्र 
  4. माखनलाल चतुर्वेदी 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : श्रीकृष्ण सरल 

काव्य पंक्तियाँ Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - श्रीकृष्ण सरल

 

काव्य पंक्तियाँ Question 2:

माता की छाती का अमृतमय पय कालकूट हो जाए,
आँखों का पानी सूखे, हाँ, वह ख़ून की घूँट हो जाए;

एक ओर कायरता काँपे, गतानुगति विगलित हो जाए,
अंधे मूढ़ विचारों की वह अचल शिला विचलित हो जाए;

और दूसरी ओर कँपा देनेवाला गर्जन उठ धाए,
अंतरिक्ष में एक उसी नाशक तर्जन की ध्वनि मँडराए;

कवि, कुछ ऐसी तान सुनाओ, जिससे उथल-पुथल मच जाए!

उपरोक्त पंक्तियों में कवि सामाजिक परिवर्तन के लिए किस प्रकार की भावना और प्रेरणा को व्यक्त कर रहे हैं?

  1. कवि शांतिपूर्ण और प्रेमपूर्ण परिवर्तन की बात कर रहे हैं, जिसमें सभी लोग एकजुट होकर समाज को बदलें।
  2. कवि क्रांतिकारी और उग्र परिवर्तन की माँग कर रहे हैं, जिसमें कायरता, रूढ़ियों और अंधविश्वासों को तोड़ने के लिए तीव्र प्रतिरोध और क्रोध की आवश्यकता है।
  3. कवि व्यक्तिगत सुख और समृद्धि के लिए प्रेरणा दे रहे हैं, जिसमें सामाजिक परिवर्तन की कोई बात नहीं है।
  4. कवि परंपराओं और पुरानी व्यवस्था को बनाए रखने की वकालत कर रहे हैं, ताकि समाज में स्थिरता बनी रहे।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कवि क्रांतिकारी और उग्र परिवर्तन की माँग कर रहे हैं, जिसमें कायरता, रूढ़ियों और अंधविश्वासों को तोड़ने के लिए तीव्र प्रतिरोध और क्रोध की आवश्यकता है।

काव्य पंक्तियाँ Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है- कवि क्रांतिकारी और उग्र परिवर्तन की माँग कर रहे हैं, जिसमें कायरता, रूढ़ियों और अंधविश्वासों को तोड़ने के लिए तीव्र प्रतिरोध और क्रोध की आवश्यकता है।

 

काव्य पंक्तियाँ Question 3:

कविता "यशोधरा" के इस अंश में "इस मध्य निशा में ओ अभाग" पंक्ति में "अभाग" का संदर्भ किसके लिए है, और यह किस भाव को व्यक्त करता है?

  1. संसार के लिए, उसकी क्षणभंगुरता और मायावी प्रकृति का भाव
  2. रात्रि के लिए, उसकी अंधेरी और ठंडी प्रकृति का भाव
  3. यशोधरा के लिए, उनके दुख और अकेलेपन की पीड़ा का भाव
  4. सिद्धार्थ के लिए, उनके संसार त्यागने की क्रूरता का भाव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यशोधरा के लिए, उनके दुख और अकेलेपन की पीड़ा का भाव

काव्य पंक्तियाँ Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है - यशोधरा के लिए, उनके दुख और अकेलेपन की पीड़ा का भाव

विश्लेषण: "अभाग" यहाँ यशोधरा को संबोधित करता है, जो सिद्धार्थ द्वारा मध्य रात्रि में संसार त्यागने के बाद अकेली और दुखी रह जाती है। यह पंक्ति यशोधरा की पीड़ा, अकेलेपन, और सिद्धार्थ के प्रति उनके प्रेम के साथ-साथ उनके त्याग की भावना को व्यक्त करती है।

काव्य पंक्तियाँ Question 4:

"तू दे सकता था विपुल वित्त, पर भूलें उसमें भ्रान्त चित्त" पंक्ति में "भ्रान्त चित्त" का क्या अर्थ है, और यह किसके संदर्भ में कहा गया है?

  1. संसार की मायावी प्रकृति के कारण भटके हुए मन का, सिद्धार्थ के संदर्भ में
  2. सांसारिक सुखों में उलझे हुए मन का, यशोधरा के संदर्भ में
  3. सिद्धार्थ के वैराग्य के निर्णय से भटके हुए मन का, यशोधरा के संदर्भ में
  4. संसार के प्रति मोहग्रस्त मन का, सामान्य मानव के संदर्भ में

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : संसार की मायावी प्रकृति के कारण भटके हुए मन का, सिद्धार्थ के संदर्भ में

काव्य पंक्तियाँ Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर है - संसार की मायावी प्रकृति के कारण भटके हुए मन का, सिद्धार्थ के संदर्भ में

विश्लेषण: "भ्रान्त चित्त" यहाँ सिद्धार्थ के मन को संदर्भित करता है, जो पहले संसार के सुखों (विपुल वित्त) में भटक सकता था। सिद्धार्थ यह कहते हैं कि संसार भले ही धन-संपदा दे सकता था, लेकिन उसमें चित्त भटक जाता है, जिसके कारण वे वैराग्य की राह चुनते हैं। यह सिद्धार्थ की आध्यात्मिक जागृति को रेखांकित करता है।

काव्य पंक्तियाँ Question 5:

"रह काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह, लेता हूँ मैं कुछ और टोह" पंक्ति में सिद्धार्थ किस भाव को व्यक्त करते हैं, और इसका क्या अर्थ है?

  1. संसार के सुखों को अपनाने की इच्छा, सांसारिक जीवन की खोज
  2. पंच-विकारों से मुक्ति की खोज, आध्यात्मिक सत्य की तलाश
  3. यशोधरा के प्रति प्रेम और करुणा, उनके प्रति कर्तव्य की भावना
  4. संसार की नश्वरता पर दुख, जीवन की क्षणभंगुरता का अहसास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पंच-विकारों से मुक्ति की खोज, आध्यात्मिक सत्य की तलाश

काव्य पंक्तियाँ Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - पंच-विकारों से मुक्ति की खोज, आध्यात्मिक सत्य की तलाश

विश्लेषण: "काम, क्रोध, मद, लोभ, मोह" पंच-विकार हैं, जो मानव को सांसारिक बंधनों में बाँधते हैं। सिद्धार्थ यहाँ इनसे मुक्ति की खोज और आध्यात्मिक सत्य की तलाश की बात करते हैं। "कुछ और टोह" का अर्थ है सांसारिकता से परे सत्य और निर्वाण की खोज, जो सिद्धार्थ के वैराग्य और बुद्धत्व की ओर बढ़ने का संकेत देता है।

Top काव्य पंक्तियाँ MCQ Objective Questions

अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी, 

आँचल में है दूध और आंखों में पानी।

उपर्युक्त पंक्तियाँ किस काव्य की है?

  1. यशोधरा
  2. कामायनी
  3. साकेत
  4. आँसू

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यशोधरा

काव्य पंक्तियाँ Question 6 Detailed Solution

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सही उत्तर है - ‘यशोधरा’।
  • यह पंक्तियाँ यशोधरा काव्य की है।

Key Points

  • यशोधरा’ मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबंध काव्य है
  • जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई. में हुआ।

Additional Information

  • अपने छोटे भाई सियारामशरण गुप्त के अनुरोध करने पर मैथिलीशरण गुप्त ने यह पुस्तक लिखी थी।
  • यशोधरा महाकाव्य में गौतम बुद्ध के गृह त्याग की कहानी को केन्द्र में रखकर यह महाकाव्य लिखा गया है।
  • इसमें गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा की विरहजन्य पीड़ा को विशेष रूप से महत्त्व दिया गया है।
  • यह गद्य-पद्य मिश्रित विधा है जिसे चम्पूकाव्य कहा जाता है।

"अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी

आँचल में है दूध और आँखो में पानी।"

यह पंक्ति किस काव्यकृति की है?

  1. कामायनी
  2. साकेत
  3. यशोधरा
  4. वह तोड़ती पत्थर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यशोधरा

काव्य पंक्तियाँ Question 7 Detailed Solution

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उक्त पंक्तियाँ 'यशोधरा' महाकाव्य से ली गयी हैं। अत: सही विकल्प 3 यशोधरा है।

Key Points

  • यशोधरा मैथिलीशरण गुप्त रचित महाकाव्य का नाम है। इसका प्रथम प्रकाशन सन् 1933 में हुआ था।
  • ‘यशोधरा’ महाकाव्य में गौतम बुद्ध के गृह त्याग की कहानी को केन्द्र में रखकर यह महाकाव्य लिखा गया है। 
  • मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबंध काव्य है, जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई. में हुआ। अपने छोटे भाई सियारामशरण गुप्त के अनुरोध करने पर मैथिलीशरण गुप्त ने यह पुस्तक लिखी थी।

Additional Information

  • कामायनी :- जयशंकर प्रसाद 
  • यशोधरा :-  मैथिली शरण गुप्त
  • साकेत - मैथिली शरण गुप्त
  • वह तोड़ती पत्थर :- निराला

Important Points

 

  • राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (3 अगस्त 1886 – 12 दिसम्बर 1964)
  • उन्हें साहित्य जगत में "दद्दा" नाम से सम्बोधित किया जाता था।
  • उनकी जयन्ती 3 अगस्त को हर वर्ष "कवि दिवस" के रूप में मनाया जाता है।
  • सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्मभूषण" से सम्मानित किया।
  • महात्मा गांधी ने उन्हें "राष्ट्रकवि" की पदवी भी दी थी। 

Additional Information

खण्डकाव्य

महाकाव्य

अंजलि और अर्घ्य

गुरुकुल 

विश्व वेदना

राजा प्रजा

साकेत

जयद्रथ वध

अजित

जय भारत

विष्णुप्रिया

यशोधरा

पंचवटी

अर्जन और विसर्जन

युद्ध

उर्मिला

द्वापर

काबा और कर्बला

झंकार

लीला

सिद्धराज

किसान

पृथ्वीपुत्र

प्रदक्षिणा

नहुष

कुणाल गीत

वक संहार 

दिवोदास

अंजलि और अर्घ्य

गुरु तेग बहादुर

शकुंतला

भूमि-भाग

अधिकार खोकर बैठना यह महादुष्कर्म है। इस पंक्ति के रचयिता हैः

  1. रामधारी सिंह दिनकर
  2. मैथिलीशरण गुप्त
  3. निराला
  4. सुभद्रा कुमारी चौहान

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मैथिलीशरण गुप्त

काव्य पंक्तियाँ Question 8 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्तियां "मैथिलीशरण गुप्त" की है। अतः  उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) मैथिलीशरण गुप्त सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • जयद्रथ वध :- उक्त पंक्तियाँ ली गयी है। 
  • राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (3 अगस्त 18886 – 12 दिसम्बर 1964)
  • उन्हें साहित्य जगत में "दद्दा" नाम से सम्बोधित किया जाता था।
  • उनकी जयन्ती 3 अगस्त को हर वर्ष "कवि दिवस" के रूप में मनाया जाता है।
  • सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्मभूषण" से सम्मानित किया।
  • महात्मा गांधी ने उन्हें "राष्ट्रकवि" की पदवी भी दी थी। 

Additional Information

खण्डकाव्य

महाकाव्य

अंजलि और अर्घ्य

गुरुकुल 

विश्व वेदना

राजा प्रजा

साकेत

जयद्रथ वध

अजित

जय भारत

विष्णुप्रिया

यशोधरा

पंचवटी

अर्जन और विसर्जन

युद्ध

उर्मिला

द्वापर

काबा और कर्बला

झंकार

लीला

सिद्धराज

किसान

पृथ्वीपुत्र

प्रदक्षिणा

नहुष

कुणाल गीत

वक संहार 

दिवोदास

अंजलि और अर्घ्य

गुरु तेग बहादुर

शकुंतला

भूमि-भाग

  • मैथिलीशरण गुप्त (1886-1964)
    • रंग में भंग(1909), भारत भारती (1912), तिलोत्तमा (1915), चंद्रहास (1916),  किसान(1916) , वैतालिक (1916)

Important Points

  • रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974)
  • 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये।
  • उन्हें पद्म विभूषण की उपाधि से भी अलंकृत किया गया। 
  • उनकी पुस्तक "संस्कृति के चार अध्याय"  के लिये "साहित्य अकादमी पुरस्कार" तथा "उर्वशी" के लिये "भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार" प्रदान किया गया।

दिनकर जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-

काव्य

रचना वर्ष

काव्य

रचना वर्ष

बारदोली-विजय संदेश

1928

रश्मिरथी

1952

प्रणभंग

1929

दिल्ली

1954

रेणुका

1935

नीम के पत्ते

1954

हुंकार

1938

नील कुसुम

1955

रसवन्ती

1939

सूरज का ब्याह

1955

द्वंद्वगीत

1940

चक्रवाल

1956

कुरूक्षेत्र

1946

कवि-श्री

1957

धूप-छाँह

1947

सीपी और शंख

1957

सामधेनी

1947

नये सुभाषित

1957

बापू

1947

लोकप्रिय कवि दिनकर

1960

इतिहास के आँसू

1951

उर्वशी

1961

धूप और धुआँ

1951

परशुराम की प्रतीक्षा

1963

मिर्च का मज़ा

1951

Additional Information
  • सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (21 फरवरी, 1896 - 15 अक्टूबर, 1961)
    • काव्यसंग्रह
      • अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1939),तुलसीदास (1939) ,कुकुरमुत्ता (1942),अणिमा (1943), बेला (1946), नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली, अपरा (संचयन)
  • सुभद्रा कुमारी चौहान (16 अगस्त 1904-15 फरवरी 1948)
    • कहानी संग्रह
      • बिखरे मोती (1932)
      • उन्मादिनी (1934)
      • सीधे साधे चित्र (1947)

'आज रात इससे परदेशी चल कीजे विश्राम यहीं |

जो कुछ वस्तु कुटी में मेरे करो  ग्रहण, संकोच नहीं ||'

प्रस्तुत काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं:

  1. अंबिकादत्त व्यास
  2. श्रीधर पाठक
  3. रामनरेश त्रिपाठी
  4. अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : श्रीधर पाठक

काव्य पंक्तियाँ Question 9 Detailed Solution

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प्रस्तुत काव्य पंक्तियों के रचनाकार-2) श्रीधर पाठक हैं।

Important Points

  • श्रीधर पाठक ने 'एकांतवासी योगी' को खड़ी बोली पद्य में निकाला।
  • उपर्युक्त पंक्तियाँ 'एकांतवासी योगी' काव्य से उद्धृत हैं 
  • 'एकांतवासी योगी' एक प्रेम काव्य(खंडकाव्य) है।
  • एक रमणी द्वारा उपेक्षित पुरुष एकांतवासी योगी बन जाता है।
  • काव्य की अन्य पंक्तियाँ- ‘किसी के प्रेम में योगी होना और प्रकृति के निर्धन क्षेत्र में कूटी छाकर रहना एक ऐसी भावना है,जो समान रूप से सब देशों के और सब श्रेणीयों के स्त्री पुरुषों के मर्म का स्पर्श स्वभावत: करती आ रही हो।
  • श्रीधर पाठक की प्रमुख रचनायें-मनोविनोद,धन विनय,गुनवंत हेमंत,देहरादून,एकांतवासी योगी,भारतगीत आदि हैं 

'दिवस का अवसान समीप था, गगन था कुछ लोहित हो चला' - पंक्तियाँ किसकी है?

  1. मैथिली शरण गुप्त
  2. श्रीधर पाठक
  3. श्याम नारायण पांडेय
  4. अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध

काव्य पंक्तियाँ Question 10 Detailed Solution

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  • सही उत्तर "अयोध्यासिंह उपाध्याय हरिऔध'' है।
  • "'दिवस का अवसान समीप था, गगन था कुछ लोहित हो चला'".... पंक्तियों का अर्थ:
    • आसमान में लालिमा फैलने लगी थी।
    • पेड़ों की फुनगियों पर सूरज की आखिरी किरणें विराजमान थीं।
Key Points
  • रचना - प्रियप्रवास (1914)
  • रचयिता - अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
  • कुल सर्ग - 17
  • यह पंक्तियां प्रथम सर्ग से ली गईं हैं।
  • प्रकृति वर्णन।
Important Points
  • खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य।
  • कथा वस्तु - श्रीमद् भागवत गीता का दशम स्कंध
Additional Information
  • अन्य रचनाएं -
  1. पारिजात - 1937
  2. वैदेही वनवास - 1941
  3. कृष्ण शतक - 1882
  4. चोखे चौपदे -1932
  5. रस कलस - 1931
  • आधुनिक काल का सूरदास - गणपति चन्द्र गुप्त के अनुसार
  • प्रिय प्रवास पर मांगला प्रसाद पारितोषिक

'राम, तुम मानव हो? ईश्वर नहीं हो क्या?

विश्व में रमे हुए नहीं सभी कहीं हो क्या?

तब मैं निरीश्वर हूँ, ईश्वर क्षमा करें;

तुम न रमो तो मन तुममें रमा करे।'

आधुनिक दृष्टिकोण से प्रेरित मैथिलीशरण गुप्त ने राम के विषय में यह काव्योक्ति किस काव्यग्रंथ में लिखी?

  1. पंचवटी
  2. साकेत
  3.  नहुप 
  4. विष्णुप्रिया

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : साकेत

काव्य पंक्तियाँ Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 2 होगा।

  • यह पंक्तियां मैथिली शरण गुप्त के साकेत काव्य की हैं।
Key Points
  • लेखक - मैथिली शरण गुप्त
  • महाकाव्य
  • साकेत का अर्थ - अयोध्या
  • 12 सर्गों में विभक्त
  • डॉ नगेन्द्र - साकेत को जनवादी काव्य कहा है।

Important Points
  • प्रथम काव्य संग्रह - रंग में भंग (1909)
  • अन्य प्रमुख काव्य ग्रंथ -
  1. जयद्रथ वध - 1910
  2. किसान - 1917
  3. भारत भारती - 1912
  4. यशोधरा - 1932
  5. द्वापर -1936
  6. विष्णु प्रिया - 1957
  7. पंचवटी -1925

Additional Information
  • इनको आधुनिक युग का तुलसी कहा जाता है।
  • साकेत रचना की मूल प्रेरणा - महावीर प्रसाद द्विवेदी के निबंध 'कवियों की उर्मिला विषयक उदासीनता '
  • नहुष नामक नाटक भारतेंदु के पिता गिरिधर दास द्वारा रचित है।

'राम तुम मानव हो, ईश्वर नहीं हो क्या'? किसकी पंक्ति है?

  1. राम की शक्तिपूजा - निराला
  2. संशय की एक रात - नरेश मेहता
  3. कामायनी - जयशंकर प्रसाद
  4. साकेत - मैथिलीशरण गुप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : साकेत - मैथिलीशरण गुप्त

काव्य पंक्तियाँ Question 12 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "साकेत - मैथिली शरण गुप्त" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • साकेत मैथिलीशरण गुप्त रचित महाकाव्य का नाम है। इसका प्रथम प्रकाशन सन् 1931 में हुआ था।
  • इस कृति में राम के भाई लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला के विरह का जो चित्रण गुप्त जी ने किया है वह अत्यधिक मार्मिक और गहरी मानवीय संवेदनाओं और भावनाओं से ओत-प्रोत है।
  • साकेत रामकथा पर आधारित है, किन्तु इसके केन्द्र में लक्ष्मण की पत्नी उर्मिला है।
  • मैथिलीशरण गुप्त ने ’साकेत’ (1929 ई.) की रचना की।
Additional Information
  • मैथिलीशरण गुप्त की रचनाएँ
    • महाकाव्य- साकेत, यशोधरा
    • खण्डकाव्य- जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, द्वापर, सिद्धराज, नहुष, अंजलि और अर्घ्य, अजित, अर्जन और विसर्जन, काबा और कर्बला, किसान, कुणाल गीत, गुरु तेग बहादुर, गुरुकुल , जय भारत, युद्ध, झंकार , पृथ्वीपुत्र, वक संहार, शकुंतला, विश्व वेदना, राजा प्रजा, विष्णुप्रिया, उर्मिला, लीला, प्रदक्षिणा, दिवोदास , भूमि-भाग

'भारत भारती' के सम्बन्ध में कौन-से कथन सही हैं?

a) 'भारत भारती' की रचना 'मुसदद्से-मद्दो-जज्रे-इस्लाम' की प्रेरणा से हुई।

b) राष्ट्रीय-सांस्कृतिक चेतना जगाने में यह कृति विफल रही।

c) गुप्तजी 'भारत दर्पण' के लेखक ब्रजमोहन दत्तात्रेय कैफी से भी प्रभावित थे।

d) इसमें आद्यंत भारत की दयनीय स्थिति का वर्णन किया गया है।

निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए:

  1. a) और c)
  2. b) और c)
  3. b) और d)
  4. a) और d)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : a) और c)

काव्य पंक्तियाँ Question 13 Detailed Solution

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  • सही उत्तर विकल्प 1 है।
  • A और C
  • 'भारत भारती' के सम्बन्ध में कौन-से कथन सही हैं?

    a) 'भारत भारती' की रचना 'मुसदद्से-मद्दो-जज्रे-इस्लाम' की प्रेरणा से हुई।

    c) गुप्तजी 'भारत दर्पण' के लेखक ब्रजमोहन दत्तात्रेय कैफी से भी प्रभावित थे।

Key Points
  • भारत भारती - मैथिलीशरण गुप्त
  • प्रकाशन वर्ष - 1912
  • प्रेरणा - मुसद्दसे हाली तथा भारत दर्पण
  • भारत दर्पण के लेखक - ब्रजमोहन दत्तात्रेय कैफ़ी
Important Points
  • महात्मा गांधी द्वारा ' राष्ट्र कवि ' की उपाधि।
  • प्रथम काव्य संग्रह - रंग में भंग (1909)
  • अन्य प्रमुख काव्य ग्रंथ -
  1. जयद्रथ वध - 1910
  2. किसान - 1917
  3. यशोधरा - 1932
  4. द्वापर -1936
  5. विष्णु प्रिया - 1957
  6. पंचवटी -1925
Additional Information
  • इनको आधुनिक युग का तुलसी कहा जाता है।

"दिवस का अवसान समीप था। गगन था कुछ लोहित हो चला।" यह प्रकृति चित्रण किस महाकाव्य से है?

  1. कामायनी
  2. प्रिय प्रवास
  3. साकेत
  4. उर्वशी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रिय प्रवास

काव्य पंक्तियाँ Question 14 Detailed Solution

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प्रस्तुत पंक्तियाँ 'प्रिय प्रवास' महाकाव्य में वर्णित है।

Key Points

  • विधा- महा काव्य
  • लेखक: अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • प्रकाशन वर्ष-1914 ई.
  • सर्ग-17 सर्ग 
  • विषय:कृष्ण के बचपन से लेकर मथुरा प्रस्थान तक का वर्णन।

Important Points

  • प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रिय प्रवास के पहले सर्ग संध्या से अवतरित है।
  • इसको खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य माना जाता है।
  • इसका पहले नाम 'ब्रजांगना विलाप' था।
  • यह संपूर्ण काव्य संस्कृत के वर्णवृत्तों पर आधारित हैं।
  • अन्य रचनाएँ-
    काव्य रूप रचनाएँ
    प्रबंध काव्य

    पारिजात(1937),वैदेही वनवास(1941)।

    काव्य ग्रन्थ प्रेम प्रपंच(1900),चुभते चौपदे(1924),चोखे चौपदे (1932),कल्पलता(1937)आदि।

Additional Information

रचना लेखक विषय
कामायनी(1935) जयशंकर प्रसाद

1)15 सर्ग हैं।

2)शान्त(निर्वेद)रस का प्रयोग।

3)समरसतावाद-आनंदवाद दर्शन का प्रयोग।

4)मुख्य पात्र-मनु,श्रद्धा,इड़ा,कुमार।

साकेत(1931) मैथलीशरण गुप्त

1)12 सर्ग हैं।

2)उर्मिला के जीवन का चित्रण

3)डॉ. नगेन्द्र ने 'जनवादी काव्य' कहा।

उर्वशी(1961) रामधारी सिंह 'दिनकर'

1)गीति नाट्य है।

2)इस महाकाव्य पर 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।

काव्य पंक्तियाँ Question 15:

किस काव्य में श्रीकृष्ण ब्रज के रक्षक नेता के रूप में अंकित किए गए हैं?

  1. प्रियप्रवास
  2. सूरसारावली
  3. सूरसागर
  4. साकेत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : प्रियप्रवास

काव्य पंक्तियाँ Question 15 Detailed Solution

 प्रियप्रवास काव्य में श्रीकृष्ण ब्रज के रक्षक नेता के रूप में अंकित किए गए हैं

Key Points प्रियप्रवास - 

  • रचनाकार - अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
  • प्रकाशन वर्ष - 1914 ई.
  • सर्ग - 17
  • विषय वस्तु - कृष्ण के बचपन से लेकर मथुरा प्रस्थान तक का वर्णन
  • खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य 
  • प्रियप्रवास का सर्वप्रथम नाम ब्रजांगना विलाप था
  • प्रमुख पंक्ति - 
    • प्रिय प्रति वह मेरा प्राण प्यारा कहाँ है?
      दुःख जल निधि डूबी का सहारा कहाँ है?
      लख मुख जिसका मैं आजलौं जी सकी हूँ।
      वह ह्रदय हमारा नैन तारा कहाँ है?
    • दिवस का अवसान समीप था, गगन था कुछ लोहित हो चला।
      तरु शिखा पर थी जब राजती, कमलिनी-कुल-वल्लभ का प्रभा।

Important Pointsसूरसारावली -

  • रचनाकार - सूरदास
  • सूरसारावली में कवि ने जिन कृष्ण विषयक कथात्मक और सेवा परक पदों का गान किया उन्ही के सार रूप में उन्होंने सारावली की रचना की है।

साकेत -

  • रचनाकार - मैथिली शरण गुप्त 
  • प्रकाशन वर्ष - 1931ई.
  • सर्ग - 12
  • साकेत को डॉ नगेन्द्र ने 'जनवादी काव्य' कहा है 
  • 'साकेत' मूलतः पालि भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है - अयोध्या 

सूरसागर -

  • रचनाकार - सूरदास
  • सूरसागर - सूरसागर का मुख्य वर्ण्य विषय श्री कृष्ण की लीलाओं का गान रहा है।
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