काव्य पंक्तियाँ MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for काव्य पंक्तियाँ - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 24, 2025
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काव्य पंक्तियाँ Question 1:
"सिद्धि हेतु स्वामी गए, यह गौरव की बात"-इस पंक्ति के रचनाकार हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 1 Detailed Solution
यह पंक्ति मैथिलीशरण गुप्त जी की है।
Key Pointsमैथिलीशरण गुप्त-(1886-1964)
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- जयद्रथ वध 1910
- भारत-भारती 1912
- पंचवटी 1925
- द्वापर 1936
- किसान 1917
- गुरुकुल 1929
- जय भारत 1952 आदि ।
Additional Information
जयशंकर प्रसाद-(1889-1937)
- हिन्दी के कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- प्रेमपथिक 1909
- झरना 1918
- आँसूं 1924
- करुणालय 1913
- चित्राधार 1918
- महाराणा का महत्त्व 1914 आदि।
निराला-(1899-1961)
- हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- अनामिका (1923)
- परिमल (1930)
- गीतिका (1936)
- तुलसीदास (1939)
- कुकुरमुत्ता 1942)
- अणिमा (1943)
- बेला (1946) आदि।
उदयप्रकाश-(1952)
- उदय प्रकाश चर्चित कवि, कथाकार, पत्रकार और फिल्मकार हैं।
- इनकी कुछ कृतियां अंग्रेज़ी, जर्मन, जापानी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- दरियायी घोड़ा,1989
- तिरिछ,1989
- दत्तात्रेय के दुख 2002
- पॉलगोमरा का स्कूटर 1997
- अरेबा परेबा
- और अंत में प्रार्थना आदि।
काव्य पंक्तियाँ Question 2:
अधिकार खोकर बैठना, यह महा दुष्कर्म है।
न्यायार्थ अपने बन्धु को भी दण्ड देना धर्म है।।
उक्त पंक्ति किस काव्य से उद्धृत की गई है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 2 Detailed Solution
उपर्युक्त पंक्तियां "मैथिलीशरण गुप्त" द्वारा रचित "जयद्रथ वध" से ली गयी है।Key Points
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (3 अगस्त 18886 – 12 दिसम्बर 1964)
- उन्हें साहित्य जगत में "दद्दा" नाम से सम्बोधित किया जाता था।
- उनकी जयन्ती 3 अगस्त को हर वर्ष "कवि दिवस" के रूप में मनाया जाता है।
- सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्मभूषण" से सम्मानित किया।
- महात्मा गांधी ने उन्हें "राष्ट्रकवि" की पदवी भी दी थी।
- मैथिलीशरण गुप्त (1886-1964)
- रंग में भंग(1909), भारत भारती (1912), तिलोत्तमा (1915), चंद्रहास (1916), किसान(1916) , वैतालिक (1916)
- जयद्रथ वध:(1910)
- जयद्रथ वध" काव्य से उद्धृत है | इस काव्य के रचनाकार राष्ट्रीय कवि 'मैथिलीशरण गुप्त' है |
- इसका प्रकाशन 1910 ई .में हुआ |
- जयद्रथ वध" महाभारत के एक पात्र पर आधारित एक अद्भुत रचना है,
- यह महाभारत पर आधारित खंडकाव्य है।
- हरिगीतिका छंद में रचा गया है|
Additional Information
- भारत भारती:
- भारत भारती, मैथिलीशरण गुप्तजी की प्रसिद्ध काव्यकृति है।
- यह अपूर्व काव्य मौलाना हाली के 'मुसद्दस' के ढंग का है।
- राजा रामपाल सिंह और रायकृष्णदास इसकी प्रेरणा में हैं।
- यह ग्रन्थ तीन भागों में बाँटा गया है -
- अतीत खण्ड
- वर्तमान खण्ड
- भविष्यत् खण्ड
- यशोधरा:
- यशोधरा मैथिलीशरण गुप्त रचित महाकाव्य का नाम है। इसका प्रथम प्रकाशन सन् 1933 में हुआ था।
- ‘यशोधरा’ महाकाव्य में गौतम बुद्ध के गृह त्याग की कहानी को केन्द्र में रखकर यह महाकाव्य लिखा गया है।
- मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबंध काव्य है, जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई. में हुआ। अपने छोटे भाई सियारामशरण गुप्त के अनुरोध करने पर मैथिलीशरण गुप्त ने यह पुस्तक लिखी थी।
- रश्मिरथी’:
- एक खंडकाव्य है जिसकी रचना रामधारी सिंह ‘दिनकर’ ने की थी।
- इसका प्रकाशन 1952 में हुआ। इसमें कर्ण के चरित्र के सभी पक्षों का सजीव चित्रण किया गया है।
काव्य पंक्तियाँ Question 3:
"हम कौन थे, क्या हो गए हैं और क्या होंगे अभी।
आओ विचारें आज मिलकर ये समस्याएँ सभी।।" किस कवि की पंक्तियां है?Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर मैथिलीशरण गुप्त है।
Key Points
- "हम कौन थे, क्या हो गए हैं और क्या होंगे अभी।
- आओ विचारें आज मिलकर ये समस्याएँ सभी। - मैथिलीशरण गुप्त की पंक्तियां है।
- यह काव्यपुस्तक 'भारत भारती' की पंक्ति है।
- मैथलीशरण गुप्त जी ने मर्मान्तक वेदना का अनुभव करते हुए इन पंक्तियों को लिख है।
- राष्ट्रप्रेम गुप्त जी की कविता का प्रमुख स्वर है।
- भारत भारती में प्राचीन भारतीय संस्कृति का प्रेरणाप्रद चित्रण हुआ है।
- उनकी यह कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी और इसी कारण महात्मा गांधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी।
Additional Information
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त भारतीय संस्कृति के अमर गायक है।
- गुप्तजी खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं। तथा गुप्त जी कबीर दास के भक्त भी थे।
- मैथिलीशरण गुप्त की रचना -
- महाकाव्य- साकेत 1931, यशोधरा 1932
- खण्डकाव्य- जयद्रथ वध 1910, भारत-भारती 1912
- नाटक - रंग में भंग 1909
अन्य विकल्प-
- माखनलाल चतुर्वेदी- भारत के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं।
- काव्य- हिमकिरीटिनी, हिम तरंगिणी, युग चारण
- रामधारी सिंह दिनकर- हिन्दी के एक प्रमुख लेखक, कवि व निबन्धकार थे। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं।
- काव्य- रेणुका, हुंकार, रसवन्ती, रश्मिरथी
- श्याम नारायण पाण्डेय- वीर रस के सुविख्यात हिन्दी कवि थे। वह केवल कवि ही नहीं अपितु अपनी ओजस्वी वाणी में वीर रस काव्य के अनन्यतम प्रस्तोता भी थे।
- काव्य- हल्दीघाटी, जौहर, तुमुल, रूपान्तर
काव्य पंक्तियाँ Question 4:
'भारत भारती' के सम्बन्ध में कौन-से कथन सही हैं?
a) 'भारत भारती' की रचना 'मुसदद्से-मद्दो-जज्रे-इस्लाम' की प्रेरणा से हुई।
b) राष्ट्रीय-सांस्कृतिक चेतना जगाने में यह कृति विफल रही।
c) गुप्तजी 'भारत दर्पण' के लेखक ब्रजमोहन दत्तात्रेय कैफी से भी प्रभावित थे।
d) इसमें आद्यंत भारत की दयनीय स्थिति का वर्णन किया गया है।
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए:
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 4 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 1 है।
- A और C
-
'भारत भारती' के सम्बन्ध में कौन-से कथन सही हैं?
a) 'भारत भारती' की रचना 'मुसदद्से-मद्दो-जज्रे-इस्लाम' की प्रेरणा से हुई।
c) गुप्तजी 'भारत दर्पण' के लेखक ब्रजमोहन दत्तात्रेय कैफी से भी प्रभावित थे।
- भारत भारती - मैथिलीशरण गुप्त
- प्रकाशन वर्ष - 1912
- प्रेरणा - मुसद्दसे हाली तथा भारत दर्पण
- भारत दर्पण के लेखक - ब्रजमोहन दत्तात्रेय कैफ़ी
- महात्मा गांधी द्वारा ' राष्ट्र कवि ' की उपाधि।
- प्रथम काव्य संग्रह - रंग में भंग (1909)
- अन्य प्रमुख काव्य ग्रंथ -
- जयद्रथ वध - 1910
- किसान - 1917
- यशोधरा - 1932
- द्वापर -1936
- विष्णु प्रिया - 1957
- पंचवटी -1925
- इनको आधुनिक युग का तुलसी कहा जाता है।
काव्य पंक्तियाँ Question 5:
'निरख सखी ये खंजन आए. 'गीत से संबंधित तथ्य हैं -
A. मेरे प्रिय ने अयोध्या की ओर रुख करके मेरा ध्यान किया है, इसलिए उनकी आँखों के प्रतीक खंजन यहाँ दिखाई देने लगे हैं।
B. उर्मिला कहती है कि मेरे प्रिय ने मेरा ध्यान किया है, इसलिए कामदेव डरकर भाग गया है।
C. उन्होंने मेरा ध्यान किया और मुस्कुराए, इसलिए यहाँ कमल खिल उठे हैं।
D. मैंने भी ध्यान करके अपने हृदय - दर्पण में प्रिय की छवि देख ली है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 5 Detailed Solution
'निरख सखी ये खंजन आए. 'गीत से संबंधित तथ्य हैं -
- मेरे प्रिय ने अयोध्या की ओर रुख करके मेरा ध्यान किया है, इसलिए उनकी आँखों के प्रतीक खंजन यहाँ दिखाई देने लगे हैं।
- उन्होंने मेरा ध्यान किया और मुस्कुराए, इसलिए यहाँ कमल खिल उठे हैं।
Key Points
- 'निरख सखी ये खंजन आए. यह गीत मैथिलीशरण गुप का है।
- प्रस्तुत पद्यांश में उर्मिला शरद ऋतू में अपने मन की आपबीती कह रही है।
- गीत में शरद ऋतू का वर्णन किया गया है।
Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-
- जन्म-1886-1964ई.
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। महात्मा गाँधी ने इन्हें राष्ट्रकवि की उपाधि दी।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- जयद्रथ वध- 1910ई.
- भारत-भारती- 1912ई.
- किसान -1917ई.
- गुरुकुल -1929ई.
- जय भारत -1952ई. आदि ।
काव्य पंक्तियाँ Question 6:
"दिवस का अवसान समीप था। गगन था कुछ लोहित हो चला।" यह प्रकृति चित्रण किस महाकाव्य से है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 6 Detailed Solution
प्रस्तुत पंक्तियाँ 'प्रिय प्रवास' महाकाव्य में वर्णित है।
Key Points
- विधा- महा काव्य
- लेखक: अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'
- प्रकाशन वर्ष-1914 ई.
- सर्ग-17 सर्ग
- विषय:कृष्ण के बचपन से लेकर मथुरा प्रस्थान तक का वर्णन।
Important Points
- प्रस्तुत पंक्तियाँ प्रिय प्रवास के पहले सर्ग संध्या से अवतरित है।
- इसको खड़ी बोली हिंदी का प्रथम महाकाव्य माना जाता है।
- इसका पहले नाम 'ब्रजांगना विलाप' था।
- यह संपूर्ण काव्य संस्कृत के वर्णवृत्तों पर आधारित हैं।
- अन्य रचनाएँ-
काव्य रूप रचनाएँ प्रबंध काव्य पारिजात(1937),वैदेही वनवास(1941)।
काव्य ग्रन्थ प्रेम प्रपंच(1900),चुभते चौपदे(1924),चोखे चौपदे (1932),कल्पलता(1937)आदि।
Additional Information
रचना | लेखक | विषय |
कामायनी(1935) | जयशंकर प्रसाद |
1)15 सर्ग हैं। 2)शान्त(निर्वेद)रस का प्रयोग। 3)समरसतावाद-आनंदवाद दर्शन का प्रयोग। 4)मुख्य पात्र-मनु,श्रद्धा,इड़ा,कुमार। |
साकेत(1931) | मैथलीशरण गुप्त |
1)12 सर्ग हैं। 2)उर्मिला के जीवन का चित्रण 3)डॉ. नगेन्द्र ने 'जनवादी काव्य' कहा। |
उर्वशी(1961) | रामधारी सिंह 'दिनकर' |
1)गीति नाट्य है। 2)इस महाकाव्य पर 1972 में ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला। |
काव्य पंक्तियाँ Question 7:
जीने को तो पशु भी जीते
अपना पेट भरा करते हैं
कुछ दिन इस दुनिया में रह कर
वे अन्तत: मरा करते हैं।
ऐसे जीवन और मरण को,
होता यह संसार नहीं है
जीने का अधिकार नहीं हैं।
उपर्युक्त पंक्ति किस कवि की है?
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर है - श्रीकृष्ण सरल
काव्य पंक्तियाँ Question 8:
"सिद्धि हेतु स्वामी गए, यह गौरव की बात"-इस पंक्ति के रचनाकार हैं:
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 8 Detailed Solution
यह पंक्ति मैथिलीशरण गुप्त जी की है।
Key Pointsमैथिलीशरण गुप्त-(1886-1964)
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे।
- हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- जयद्रथ वध 1910
- भारत-भारती 1912
- पंचवटी 1925
- द्वापर 1936
- किसान 1917
- गुरुकुल 1929
- जय भारत 1952 आदि ।
Additional Information
जयशंकर प्रसाद-(1889-1937)
- हिन्दी के कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- प्रेमपथिक 1909
- झरना 1918
- आँसूं 1924
- करुणालय 1913
- चित्राधार 1918
- महाराणा का महत्त्व 1914 आदि।
निराला-(1899-1961)
- हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत और महादेवी वर्मा के साथ हिन्दी साहित्य में छायावाद के प्रमुख स्तंभ माने जाते हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- अनामिका (1923)
- परिमल (1930)
- गीतिका (1936)
- तुलसीदास (1939)
- कुकुरमुत्ता 1942)
- अणिमा (1943)
- बेला (1946) आदि।
उदयप्रकाश-(1952)
- उदय प्रकाश चर्चित कवि, कथाकार, पत्रकार और फिल्मकार हैं।
- इनकी कुछ कृतियां अंग्रेज़ी, जर्मन, जापानी एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं।
प्रमुख रचनाएँ-
- दरियायी घोड़ा,1989
- तिरिछ,1989
- दत्तात्रेय के दुख 2002
- पॉलगोमरा का स्कूटर 1997
- अरेबा परेबा
- और अंत में प्रार्थना आदि।
काव्य पंक्तियाँ Question 9:
अधिकार खोकर बैठना यह महादुष्कर्म है। इस पंक्ति के रचयिता हैः
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 9 Detailed Solution
उपर्युक्त पंक्तियां "मैथिलीशरण गुप्त" की है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) मैथिलीशरण गुप्त सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
Key Points
- जयद्रथ वध :- उक्त पंक्तियाँ ली गयी है।
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (3 अगस्त 18886 – 12 दिसम्बर 1964)
- उन्हें साहित्य जगत में "दद्दा" नाम से सम्बोधित किया जाता था।
- उनकी जयन्ती 3 अगस्त को हर वर्ष "कवि दिवस" के रूप में मनाया जाता है।
- सन 1954 में भारत सरकार ने उन्हें "पद्मभूषण" से सम्मानित किया।
- महात्मा गांधी ने उन्हें "राष्ट्रकवि" की पदवी भी दी थी।
Additional Information
- मैथिलीशरण गुप्त (1886-1964)
- रंग में भंग(1909), भारत भारती (1912), तिलोत्तमा (1915), चंद्रहास (1916), किसान(1916) , वैतालिक (1916)
Important Points
- रामधारी सिंह दिनकर (1908-1974)
- 'दिनकर' स्वतन्त्रता पूर्व एक विद्रोही कवि के रूप में स्थापित हुए और स्वतन्त्रता के बाद 'राष्ट्रकवि' के नाम से जाने गये।
- उन्हें पद्म विभूषण की उपाधि से भी अलंकृत किया गया।
- उनकी पुस्तक "संस्कृति के चार अध्याय" के लिये "साहित्य अकादमी पुरस्कार" तथा "उर्वशी" के लिये "भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार" प्रदान किया गया।
दिनकर जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-
- सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला' (21 फरवरी, 1896 - 15 अक्टूबर, 1961)
-
- काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1939),तुलसीदास (1939) ,कुकुरमुत्ता (1942),अणिमा (1943), बेला (1946), नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली, अपरा (संचयन)
- काव्यसंग्रह
- सुभद्रा कुमारी चौहान (16 अगस्त 1904-15 फरवरी 1948)
- कहानी संग्रह
- बिखरे मोती (1932)
- उन्मादिनी (1934)
- सीधे साधे चित्र (1947)
- कहानी संग्रह
काव्य पंक्तियाँ Question 10:
मैथिलीशरण गुप्त की कृति है:
Answer (Detailed Solution Below)
काव्य पंक्तियाँ Question 10 Detailed Solution
सही विकल्प है - उपर्युक्त में एक से अधिक
- यशोधरा, विष्णुप्रिया, भारत - भारती उक्त सभी मैथिलीशरण गुप्त की कृतियां है।
Key Pointsयशोधरा -
- मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध प्रबंध काव्य है जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई. में हुआ।
- इसमें गौतम बुद्ध की पत्नी यशोधरा की विरहजन्य पीड़ा को विशेष रूप से महत्त्व दिया गया है।
- यह गद्य-पद्य मिश्रित विधा है जिसे चम्पूकाव्य कहा जाता है।
विष्णुप्रिया -
- विष्णुप्रिया, मैथिलीशरण गुप्त द्वारा रचित प्रसिद्ध कविता है जो 1957 में प्रकाशित हुई
- ’विष्णुप्रिया’ में मैथिलीशरण गुप्त ने चैतन्य महाप्रभु की वियुक्ता पत्नी के त्याग और तप को प्रदर्शित किया है।
भारत भारती -
- यह काव्य 1912 में रचा गया और संशोधनों के साथ 1914 में प्रकाशित हुआ।
- यह स्वदेश-प्रेम को दर्शाते हुए वर्तमान और भावी दुर्दशा से उबरने के लिए समाधान खोजने का एक सफल प्रयोग है।
- 'भारत भारती' के कारण ही मैथिलीशरण गुप्त, जनता के प्राणों में रच-बस गए और 'राष्ट्रकवि' कहलाए।
Additional Information
- राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त (3 अगस्त 1886 – 12 दिसम्बर 1964) हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे।
प्रसिद्ध रचनाएँ -
- रंग में भंग -1909 ई.
- जयद्रथवध -1910 ई.
- भारत भारती -1912 ई.
- किसान - 1917 ई.
- शकुन्तला - 1923 ई.
- पंचवटी - 1925 ई.
- अनघ -1925 ई.
- हिन्दू -1927 ई.
- त्रिपथगा - 1928 ई.
- शक्ति - 1928 ई.
- गुरुकुल - 1929 ई.