Question
Download Solution PDFउत्तर आधुनिकता की प्रवृत्ति मानी जाती है:
A. सांस्थानिक शैथिल्य तथा सर्वसत्तावाद के स्थान पर बहुलता को प्रोत्साहन
B. हाशिए के लोगों के अधिकारों का समर्थन
C. महावृतांत का समर्थन
D. साहित्य में विरचनावाद (विखंडनवाद) की प्रतिष्ठा
E. कृति को अखंडता में देखने की प्रवृत्ति का समर्थन
नीचे दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFउत्तर आधुनिकता की प्रवृत्ति मानी जाती है- केवल A, B और D
Key Points
उत्तर आधुनिकता-
- उत्तर आधुनिकता मानता है कि भाषा का संबंध व्यक्ति से नहीं बल्कि शब्द से है, तो इसका परिणाम खंडित व्यक्तित्व में देखा जा सकता है इसलिए यह विखंडित व्यक्तियों को तैयार करते हैं और वे पीछे मुड़कर नहीं देखते, न ही उनके पास आगे की दृष्टि होती है एक पंक्ति में कहे विखंडित समाज और विखंडित व्यक्तित्व
- उत्तर आधुनिकता की प्रवृत्ति –
- सांस्थानिक शैथिल्य तथा सर्वसत्तावाद के स्थान पर बहुलता को प्रोत्साहन।
- हाशिए के लोगों के अधिकारों का समर्थ
- साहित्य में विरचनावाद (विखंडनवाद) की प्रतिष्ठा
Important Points
उत्तर आधुनिकतावाद –
- 20 वीं शताब्दी के दूसरे भाग में दर्शनशास्त्र, कला, वास्तुशास्त्र और आलोचना के क्षेत्रों में फैला एक सांस्कृतिक आंदोलन था।
- जिसने अपने से पहले प्रचलित आधुनिकतावाद को चुनौती दी और सांस्कृतिक वातावरण बदल डाला।
- उत्तर आधुनिकता के जनक ज्या फ्रांकोइस ल्योतार हैं।
- सर्वप्रथम उत्तर आधुनिकता वास्तुकला के क्षेत्र में प्रकट हुई, लेकिन इसका विकास दर्शन, साहित्य व समीक्षा के क्षेत्र में भी हो चुका है।
- उत्तर आधुनिकता व्यक्ति केंद्रित समीक्षा दृष्टि है जो मानती है कि कुछ भी संपूर्ण नहीं है । यह संपूर्णता का खंडन करती है।
- इस नई विचारशैली में विचारधाराओं, एक निर्धारित दिशा वाले सामाजिक विकास और वस्तुनिष्ठावाद के विरुद्ध, और संशयवाद, व्यक्तिपरकता और व्यंगोक्ति की ओर रुझान प्रचलित हो गया।
Additional Information
- महावृतांत का समर्थन उत्तर आधुनिकता की प्रवृत्ति नहीं है।
- कृति को अखंडता में देखने की प्रवृत्ति का समर्थन भी उत्तर आधुनिकता में नहीं किया जाता।
Last updated on Jun 12, 2025
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