Question
Download Solution PDFमनुष्य एक समाजिक प्राणी है। उसका धर्म है कि वह स्वंय जिए और दूसरों को भी जीने दे। वह अपने सुख - दुख के साथ दूसरों के सुख - दुख की ओर भी ध्यान दें। अपने स्वार्थ को छोड़कर दूसरों के हित की भी सोंचे। अपना स्वार्थ सिद्ध करना मानवता नहीं है। 'परहित' ही सच्ची मानवता है। यही सच्चा धर्म है। मनुष्य अपनी क्षमता या सामर्थ्य के अनुसार परहित कर सकता है। वह मन से, धन से या तन से अथवा तीनों से दूसरों की भलाई कर सकता है। दूसरों के प्रति सच्ची सहानुभूति रखना भी परहित है। किसी को संकट से बचाना, किसी को कुमार्ग से हटाना, किसी दुखी और निराश व्यक्ति को सांत्वना देना भी परहित के ही अंतर्गत आता है। भगवान राम ने ऋषि - मुनियों की तपस्या में बाधा डालने वाले राक्षसों का संहार किया। ईसा मसीह ने लोगों का उत्थान किया, सम्राट् अशोक ने स्थान - स्थान पर कुएँ, तालाब आदि खुदवाकर जनता का उपकार किया। यही मानवता का प्रमुख धर्म है।
भगवान राम ने किसका संहार किया?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFभगवान राम ने राक्षसों का संहार किया।
Key Pointsगद्यांश के अनुसार-
- "भगवान राम ने ऋषि - मुनियों की तपस्या में बाधा डालने वाले राक्षसों का संहार किया।"
Last updated on Jan 29, 2025
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