Comprehension

निम्नलिखित अपठित गद्यांश के आधार पर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए: (प्रश्न संख्या 94 से 99 तक)
नई आलोचना (New Criticism) बीसवीं सदी के मध्यवर्ती दशकों में अमेरिकी साहित्यिक आलोचना के क्षेत्र में कृति के रूपवादी अनुशीलन का एक आन्दोलन था, जिसने अपना यह नाम सन् 1941 ई. में प्रकाशित जॉन क्रोरेंसम की पुस्तक - 'द न्यू क्रिटिसिज्म' से ग्रहण किया था। अमेरिकी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में सन् 1960 ई. के दशक के अन्त तक इस साहित्यिक प्रविधि का बहुत बोलबाला था। 'नई आलोचना' उन्नीसवीं सदी की उस पुरानी आलोचना-दृष्टि की प्रतिक्रिया में जन्मी थी, जिसमें कृति पर विचार करते समय कृति के ऐतिहासिक सन्दर्भ, दार्शनिक आधार, रचनाकार के जीवनवृत्त, उसके घोषित उद्देश्यों, साहित्य के सन्दर्भ-स्रोतों और कृति में निहित राजनीतिक एवं सामाजिक अभिप्रायों को ही सर्वोपरि माना जाता था । इसके विपरीत नई आलोचना का जोर इस बात पर था कि साहित्यिक कृतियाँ अपनी संरचना में पूर्णतया आत्मनिर्भर होती हैं और वे अपनी एक निरपेक्ष और स्वायत्त सौन्दर्यपरक सत्ता निर्मित करती हैं। साहित्यिक व्याख्याओं का सरोकार कृति की बाह्य परिस्थितियों से या लेखक के घोषित मंतव्य, उद्देश्य और सरोकार या पाठक पर पड़ने वाले उस कृति के प्रभाव से नहीं है। नई आलोचना 'टेक्स्ट' या पाठ को आधार मानते हुए कृति के सूक्ष्म और विस्तृत भाषिक विश्लेषण को 'क्लोज रीडिंग' को महत्त्व देती थी। उसका सरोकार पाठ में अन्तर्निहित विभिन्न प्रकार के उन सम्बन्ध सूत्रों से था, जो किसी कृति को उसका अपना एक विशिष्ट चरित्र प्रदान करते हैं या उसकी एक खास संरचना का गठन करते हैं।

नई आलोचना' का जोर इनमें से किस बात पर अधिक था ?

This question was previously asked in
UKPSC Combined Upper PCS (Prelims) Exam (CSAT) Official Paper-II (Held On: 14 Jul, 2024)
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  1. लेखन की प्रतिबद्धता पर
  2. संरचना की आत्मनिर्भरता पर
  3. अनुमान पर
  4. समानता पर

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Option 2 : संरचना की आत्मनिर्भरता पर
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Detailed Solution

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नई आलोचना' का जोर इनमें से संरचना की आत्मनिर्भरता पर अधिक था

Key Points

  • गद्यांश के आधार-
    • इसके विपरीत नई आलोचना का जोर इस बात पर था
    • कि साहित्यिक कृतियाँ अपनी संरचना में पूर्णतया आत्मनिर्भर होती हैं
    • और वे अपनी एक निरपेक्ष और स्वायत्त सौन्दर्यपरक सत्ता निर्मित करती हैं।
    • साहित्यिक व्याख्याओं का सरोकार कृति की बाह्य परिस्थितियों से या लेखक के घोषित मंतव्य,
    • उद्देश्य और सरोकार या पाठक पर पड़ने वाले उस कृति के प्रभाव से नहीं है।
    • नई आलोचना 'टेक्स्ट' या पाठ को आधार मानते हुए कृति के सूक्ष्म और विस्तृत भाषिक विश्लेषण को 'क्लोज रीडिंग' को महत्त्व देती थी।

Additional Information अन्य विकल्प -

  • लेखन की प्रतिबद्धता:
    • यह दृष्टिकोण साहित्यिक कृतियों को उनके समाजिक, राजनीतिक या नैतिक प्रतिबद्धताओं के संदर्भ में मूल्यांकित करता है।
    • यह लेखक के इरादों और उद्देश्यों पर ध्यान केंद्रित करता है।
  • अनुमान:
    • यह साहित्यिक कृति की व्याख्या या मूल्यांकन के दौरान संभावित अर्थों और पाठक की व्यक्तिगत धारणाओं का विचार करता है।
  • समानता:
    • यह दृष्टिकोण साहित्यिक कृतियों के बीच तुलनात्मक अध्ययन, समानताओं और भिन्नताओं का आकलन करता है।
Latest UKPSC Combined Upper Subordinate Service Updates

Last updated on Jun 17, 2025

-> UKPSC Combined Upper Subordinate Services Prelims Exam will be held on 29 June.

-> UKPSC Combined Upper Subordinate Services notification has been released for 123 posts on 7th May 2025.

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