वाक्य के भेद । Vakya ke Bhed: इसके प्रकार, परिभाषाएं और उदाहरण के बारे में पूरी जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें!

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हिंदी व्याकरण के प्रारम्भिक ज्ञान में वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) के बारे में जानकारी होना बहुत आवश्यक है। आज हम आपको इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे। हिंदी भाषा में वाक्य के कई भेद और उपभेद होते हैं। जिनकी सहायता से हम अपने विचारों को प्रस्तुत कर पाते हैं। वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) के बारे में पढ़ने से पहले ये जानना बहुत आवश्यक है कि वाक्य क्या होता है? तो चलिए इस लेख के माध्यम से वाक्य और उसके भेदों के बारे में विस्तार से जानते हैं- 

वाक्य क्या है? । Vakya kya hai?

वाक्य भेद से संबंधित जानकारी से पहले वाक्य क्या है? के बारे में जानना आवश्यक है। वाक्य की परिभाषा के अनुसार दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के व्यवस्थित समूह को वाक्य कहते हैं। हिंदी व्याकरण के अनुसार शब्दों के सार्थक मेल से बनी हुई इकाई को वाक्य कहते हैं। सामान्य भाषा में विचारों को प्रकट करने वाली एक क्रिया से युक्त पद-समूह को ‘वाक्य’ कहते हैं। वाक्य निम्न दो प्रमुख भागों से बना हुआ होता है- 

1- उद्देश्य: वाक्य में जिसके बारे में कोई बात कही जाए वह उद्देश्य कहलाता है। 

उदाहरण- रोहन कानपुर में रहता है।

व्याख्या- इस वाक्य में रोहन के बारे में बात कही जा रही है अर्थात “रोहन” उद्देश्य है। 

2- विधेय- किसी भी वाक्य में उद्देश्य के लिए कुछ भी कहा जाये वह विधेय कहलाता है। 

उदाहरण- रोहन कानपुर रहता है। 

व्याख्या- इस वाक्य में रोहन के बारे में बताया गया है कि वह कानपुर में रहता है। अर्थात रोहन के अतिरिक्त वाक्य विधेय की श्रेणी में आता है। 

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वाक्य के भेद । Vakya ke bhed 

हिंदी व्याकरण में वाक्य के भेद कुल 2 प्रकार के होते हैं

  • अर्थ के आधार पर वाक्य 
  • रचना के आधार पर वाक्य

अर्थ के आधार पर वाक्य । Arth ke Adhar Par Vakya Ke Bhed

वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) में अर्थ के आधार पर वाक्य के कई उपभेद होते हैं। इनके बारे में पूरी जानकारी हम अपने वाक्य के भेद के माध्यम से प्रदान करेंगें। अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद के उपभेद निम्न हैं-

  • विधान वाचक वाक्य
  • निषेधवाचक वाक्य
  • प्रश्नवाचक वाक्य
  • आज्ञावाचक वाक्य
  • विस्मयादिवाचक वाक्य
  • इच्छावाचक वाक्य
  • संकेतवाचक वाक्य
  • संदेहवाचक वाक्य

विधान वाचक वाक्य । Vidhan Vachak Vakya

जिस वाक्य में किसी काम या बात का होना पाया जाता है, वह 'विधानवाचक वाक्य' है। ऐसे वाक्य जिनसे किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध हो, वह वाक्य विधानवाचक वाक्य कहलाता है। उदाहरण- 

  • सूर्य गर्मी देता है। 
  • वह शिमला गया होगा। 
  • भारत हमारा देश है। 
  • वह बालक है।

निषेधवाचक वाक्य । Nishedhvachak vakya

वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) में हिंदी भाषा के ऐसे वाक्य जिनसे नकारात्मकता का भाव उत्पन्न होता है, उन वाक्यों को हम निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण-

  • मैं घर नहीं जाऊँगा।
  • आज बारिश नहीं होगी।
  • आज हिंदी के अध्यापक नहीं आएंगे।
  • मैं वहां नहीं जाऊँगा।

प्रश्नवाचक वाक्य । Prashna vachak vakya

वाक्य भेद के ऐसे वाक्य जिनके माध्यम से से हमको प्रश्नात्मक वाक्यों का बोध होता है, उन्हें हम प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण- 

  • तुम कैसे हो?
  • मैं यहाँ क्या कर रहा हूँ?
  • तुमने ऐसा क्यों किया?
  • क्या आपको हिन्दी भाषा आती है?

आज्ञावाचक वाक्य । Agya vachak vakya

वाक्य भेद के ऐसे वाक्य जिनके माध्यम से हमें किसी आदेश का बोध होता है, उन्हें आज्ञावाचक शब्द कहते हैं। उदाहरण-

  • तुम पढ़ने जाओ। 
  • यह पाठ तुम पढ़ो।

विस्मयादिवाचक वाक्य । Vismyadi-vachak Vakya

वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता हैं।

  • अरे! इतनी लम्बी रेलगाड़ी!
  • ओह! बड़ा जुल्म हुआ।
  • छिः! कितना गन्दा दृश्य।
  • शाबाश! बहुत अच्छे।

इच्छावाचक वाक्य । Ichha Vachak Vakya

वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) के ऐसे वाक्य जिनसे किसी वक्ता की कोई इच्छा, कामना, आकांशा, आशीर्वाद आदि का बोध हो, उन्हें हम इच्छावाचक वाक्य कहते हैं। 

  • भगवान तुम्हें दीर्घायु करे।
  • नववर्ष मंगलमय हो।
  • ईश्वर करे, सब कुशल लौटें।
  • दूधोँ नहाओ, पूतोँ फलो।

संकेतवाचक वाक्य । Sanket Vachak Vakya

वाक्य के भेद के जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना दूसरी क्रिया पर निर्भर करती है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण-

  • थोड़े जल्दी उठ जाते तो बस नहीं छूटती।
  • गाड़ी धीरे चलाते तो एक्सीडेंट नहीं होता।
  • समय बर्बाद नहीं करते तो परीक्षा में पास हो।
  • वर्षा होती तो फसल अच्छी होती।

संदेहवाचक वाक्य । Sandeh vachak vakya

वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) से संबंधित ऐसे वाक्य जिनसे वह वाक्य होते हैं जिन में संदेह (शंका) के साथ बात करते हैं और अनुमान लगाया जाता है कि वह होने कि संभावना है। उदाहरण-

  • संभवतः वह सुधर जाए। 
  • शायद मैं कल बाहर जाऊँ। 
  • आज वर्षा हो सकती है। 
  • शायद वह मान जाए।

रचना के आधार पर वाक्य । Rachna ke Adhar Par Vakya

अभी तक आपने वाक्य के भेद में जाना की अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद कौन से होते हैं और उनके भेद कौन से होते हैं, इसके बाद अब हम आपको रचना के आधार पर इसके भेड़ों के बारे में पूरी जानकारी देने जा रहे हैं। रचना के आधार पर वाक्यों के तीन भेद होते हैं-

  • सरल वाक्य 
  • संयुक्त वाक्य 
  • मिश्र/जटिल वाक्य 

सरल वाक्य । Saral vakya 

वाक्य के भेद में ये ऐसे वाक्य होते हैं जिनमें एक उद्देश्य, एक विधेय तथा एक ही मुख्य समापिका क्रिया होती है, उसे सरल या साधारण कहते हैं। उदाहरण-

  • रोहन खेलता है।
  • मीता दौड़ती है।
  • आकाश भागता रहता है।
  • श्याम पढ़ाई करता है।

संयुक्त वाक्य । Sanyukt Vakya

वाक्य के भेद में संयुक्त वाक्य उन वाक्यों को कहते हैं जिनमें दो या अधिक सरल उपवाक्य किसी समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय से जुड़े होते हैं। उदाहरण- 

  • वह सुबह मेरे घर आया और शाम को वापस लौट गया।
  • रात खत्म हुई और उजाला होने लगा।
  • राम ने बहुत मेहनत की लेकिन परीक्षा में सफल नहीं हुआ।
  • वह बहुत तेज दौड़ा फिर भी बस को नहीं पकड़ पाया।

मिश्र या जटिल वाक्य । Mishr ya Jatil Vakya 

वाक्य के भेद (Vakya ke Bhed) में मिश्र या जटिल वाक्य में एक मुख्य या प्रधान उपवाक्य होता है और अन्य उपवाक्य उस पर आश्रित होते हैं, उसे मिश्रित या मिश्र/जटिल वाक्य वाक्य कहते हैं। ये उपवाक्य व्यधिकरण समुच्चय बोधक अव्ययों से जुड़े हुए होते हैं। उदाहरण- 

  • जो औरत वहां बैठी हैं वो मेरी माँ है।
  • जो लड़का कमरे में बैठा है वह मेरा भाई है।
  • यदि परिश्रम करोगे तो उत्तीर्ण हो जाओगे।
  • मैं जानता हूँ कि तुम्हारे अक्षर अच्छे नहीं बनते।

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वाक्य के भेद : FAQs

सरल वाक्य वह है जिसमें एक उद्देश्य, एक विधेय, और एक ही मुख्य समापिका क्रिया होती है। इसमें केवल एक क्रिया का बोध होता है जो किसी कार्य को सिद्ध करती है।

संयुक्त वाक्य वह है जिसमें दो या दो से अधिक सरल उपवाक्य होते हैं और इनमें कोई समानाधिकरण समुच्चय बोधक अव्यय से जुड़े होते हैं। इन उपवाक्यों के बीच में संबंध होता है जो एक संपूर्ण अर्थ बनाता है।

वाक्य के दो प्रमुख भेद होते हैं- 1- रचना के आधार पर वाक्य 2- अर्थ के आधार पर वाक्य

विस्मयादिवाचक वाक्य वह है जो गहरी अनुभूति का प्रदर्शन करता है, जैसे कि आश्चर्य, आदम्भुतता, चौंकाने वाली बातें, आदि। इसमें व्यक्ति की आश्चर्यजनक अवस्था का विवरण होता है।

संदेहवाचक वाक्य वह है जिससे संदेह (शंका) का भाव उत्पन्न होता है और अनुमान लगाया जाता है कि वह होने की संभावना है। इसमें किसी घटना के होने की या किसी बिना, सत्यापन के बताए जाने वाले अंदाज का व्यक्ति का अवस्थान होता है।, हिंदी गद्य और पद्य रचनाकार, आईईएलटीएस एक्ज़ाम क्या है, डीसीए सिलेबस हिंदी में

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