दीर्घ संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for दीर्घ संधि - Download Free PDF
Last updated on Jun 19, 2025
Latest दीर्घ संधि MCQ Objective Questions
दीर्घ संधि Question 1:
‘स्वर्गारोहण’ का सही संधि-विच्छेद कौन-सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 1 Detailed Solution
‘स्वर्गारोहण’ का सही संधि-विच्छेद है- स्वर्ग+आरोहण
Key Points
- ‘स्वर्गारोहण’ शब्द का संधि विच्छेद - 'स्वर्ग + आरोहण' (अ + आ = आ) होता है।
- ‘स्वर्गारोहण’ शब्द में 'दीर्घ स्वर संधि' है
Additional Information
दीर्घ संधि-
- जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है,
- जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है।
- जैसे -
- विद्या + अर्थी = विद्यार्थी (आ + अ = आ)
- रवि + इंद्र = रविन्द्र (इ + इ = ई),
- भू + उर्ध्व = भूर्ध्व (ऊ + उ = ऊ)।
दीर्घ संधि Question 2:
पीतांबर' शब्द का संधि विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है - पीत + अंबर।
Key Points
- पीताम्बर = पीत+अंबर।
- पीत (पीला) + अम्बर (वस्त्र) = पीताम्बर
- पीतांबर का अर्थ है - पीले रंग का वस्त्र।
- यहां दीर्घ स्वर संधि है।
Additional Informationस्वर संधि के पांच प्रकार होते हैं-
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
दीर्घ संधि |
दो समान स्वर मिलकर दीर्घ हो जाते हैं। जब अ,आ के साथ अ,आ हो तो “आ”बनता है जब इ,ई के साथ इ,ई हो तो “ई” बनता है जब उ,ऊ के साथ उ,ऊ हो तो “ऊ”बनता है |
पुस्तक +आलय- पुस्तकालय विद्या+अर्थी-विद्यार्थी |
गुण संधि |
यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद इ/ई आए तो ‘ए’ ; ऊ/ऊ आए तो ‘ओ’ और ‘ऋ’ आए तो ‘अर’ हो जाता है |
नर+इंद्र-नरेंद्र ज्ञान+उपदेश-ज्ञानोपदेश |
वृद्धि संधि |
यदि ‘अ’ या ‘आ’ के बाद ए/ऐ रहे तो ‘ऐ’ और ओ/औ रहे तो ‘औ’ बन जाता है। |
मत+एकता-मतैकता सदा+एव- सदैव |
यण संधि |
यदि इ/ई, उ/ऊ और ऋ के बाद भिन्न स्वर आए तो इ/ई का ‘य’ उ/ऊ का ‘व’ और ऋ का ‘र’ हो जाता है। |
इती+ आदि- इत्यादि अनु+अय- अन्वय |
अयादि संधि |
यदि ए, ऐ, ओं और औ के बाद भिन्न स्वर आये तो ‘ए’ का अय ‘ऐ’ का आय, ‘ओ’ का अव और ‘औ’ का आव हो जाता है। |
ने+अन- नयन नौ+ इक- नाविक |
दीर्घ संधि Question 3:
ह्र्स्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्र्स्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर क्या हो जाते हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 3 Detailed Solution
ह्र्स्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद यदि ह्र्स्व या दीर्घ अ, इ, उ आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, और ऊ हो जाते हैं।
Key Points
- ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ, आ आए तो ये आपस में मिलकर क्रमशः दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं, इसी कारण इस संधि को दीर्घ संधि कहते हैं;
- जैसे- (अ + अ = आ) धर्म + अर्थ = धर्मार्थ ।
- (अ + आ = आ) हिम + आलय = हिमालय ।
Additional Information
दीर्घ स्वर संधि- दो स वर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे– शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि- इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊका 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि- अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे– देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि- अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे– एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। |
दीर्घ संधि Question 4:
निम्नलिखित प्रश्न में ,चार विकल्पों में से उस विकल्प का चयन करें जो दिये गए संधि शब्द का सही संधि विच्छेद का विकल्प हो।
वधूर्जा
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है- वधु+ऊर्जा।
Key Points
- वधू+ऊर्जा = वधूर्जा।
- ऊ और ऊ स्वरों के मेल के कारण यहाँ दीर्घ स्वर संधि होगी।
Additional Informationसन्धि:
- संधि का शाब्दिक अर्थ है- मेल या समझौता।
- जब दो वर्णों का मिलन अत्यन्त निकटता के कारण होता है तब उनमें कोई-न-कोई परिवर्तन होता है और वही परिवर्तन संधि के नाम से जाना जाता है।
- संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग
- स्वर संधि: स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से जो विकार उत्पत्र होता है, उसे 'स्वर संधि' कहते हैं। जैसे- वधू + ऊर्जा=वधूर्जा।
- व्यंजन संधि: व्यंजन से स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पत्र विकार को व्यंजन संधि कहते है। जैसे- सत् + धर्म = सद्धर्म।
- विसर्ग संधि: विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से उत्पन्न विकार को विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे- मनः + रथ = मनोरथ।
दीर्घ संधि Question 5:
'भूर्ध्व' शब्द में कौन-सी संधि है ?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर 'दीर्घ संधि' है।
- 'भूर्ध्व' शब्द में 'दीर्घ संधि' है।
- भूर्ध्व का संधि विच्छेद = भू + ऊर्ध्व
- 'भूर्ध्व ' शब्द में 'ऊ + ऊ= ऊ' का मेल हो रहा है इसलिए यहां दीर्घ संधि है।
Key Points
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। |
Additional Information
संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - |
|
स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
व्यंजन संधि |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट। |
Top दीर्घ संधि MCQ Objective Questions
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।
सूक्ति
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'सूक्ति' का सही संधि विच्छेद 'सु + उक्ति' होगा। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 1 ‘सु + उक्ति’ सही है।
Key Points
- 'सूक्ति' में दीर्घ स्वर संधि है। सु + उक्ति = सूक्ति (उ + उ = ऊ) यहाँ 'उ' और 'उ' के मेल से 'ऊ' बना है।
- ‘दीर्घ स्वर संधि’ में ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के साथ ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ का मेल होने पर आ, ई, ऊ हो जाता है।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
“गुरूपदेश' शब्द में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'गुरूपदेश' में दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः 'दीर्घ' सही विकल्प होगा,अन्य सभी विकल्प असंगत है।
गुरु + उपदेश = गुरूपदेश।
Key Points
दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र। |
यण स्वर संधि - इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण। |
गुण स्वर संधि - अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र |
वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी। |
अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है। भो + अन = (ओ + अ) भवन |
संधि की दृष्टि से कौन-सा युग्म अनुचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसंधि की दृष्टि से स्वागत - दीर्घ स्वर संधि ये युग्म अनुचित है।
- जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं।
यण संधि के नियम -
- इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
- उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
- ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
- स्वागत यण संधि है।
- यण संधि (उ + आ = वा)
स्वागत = सु + आगत
Key Pointsअन्य विकल्प -
- व्यंजन संधि
तल्लीन = तत् + लीन - यण स्वर संधि
मात्रिच्छा = मातृ + इच्छा - विसर्ग संधि
मनश्चिकित्सा = मन: + चिकित्सा
Additional Informationसंधि तीन प्रकार के होते हैं -
स्वर संधि
- दीर्घ संधि
- अ/आ + अ/आ = आ
- इ/ई + इ/ई = ई
- उ + उ = ऊ
- गुण संधि
- अ/आ + उ/ऊ = ओ
- अ/आ + इ/ई = ए
- अ + ऋ = अर्
- वृद्धि संधि
- अ/आ + ए/ऐ = ऐ
- अ/आ + ओ/औ = औ
- यण संधि
- इ/ई + अ/आ/उ/ऊ = य
- उ/ऊ + इ/ई/अ/आ = व्
- ऋ + अ/आ/उ/ऊ/इ/ई = र
- अयादी संधि
- ए + अन्य स्वर = अय
- ऐ + अन्य स्वर = आय
- ओ + अन्य स्वर = अव
- औ + अन्य स्वर = आव
- व्यंजन सन्धि
- विसर्ग सन्धि
'अन्न + अभाव' में कौन सी संधि है ?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'अन्नाभाव' शब्द अन्न+अभाव से मिलकर बना है। इसमें दीर्घ संधि जुड़ी हुई है।
- दो वर्णों के आपस में मेल से हुए परिवर्तन को 'संधि' कहा जाता है।
- जैसे: विद्या+आलय =विद्यालय।
- यहाँ पर सवर्ण दीर्घ संधि हुई है।
संधि का नाम | परिभाषा / उदाहरण |
सवर्ण दीर्घ संधि |
ह्रस्व या दीर्घ 'अ','इ','उ',के पश्चात् क्रमशः ह्रस्व या दीर्घ 'अ','इ','उ' स्वर आये
तो दोनों को मिलाकर दीर्घ 'आ',ई','ऊ' हो जाते है।
धर्म+अर्थ=धर्मार्थ।मत+अनुसार=मतानुसार,नारी+ईश्वर=नारीश्वर। |
- स्वर संधि के निम्नलिखित पांच भेद है।
- दीर्घ संधि
- गुण संधि
- वृद्धि संधि
- यण संधि
- अयादि संधि
‘पुस्तकालय’ में कौन सी सन्धि है?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF‘पुस्तकालय’ में 'दीर्घ' सन्धि है। यह स्वर संधि का प्रकार है। 'पुस्तकालय' का संधि विच्छेद 'पुस्तक + आलय' है और इसका नियम 'अ + आ = आ' है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'दीर्घ' है।
अन्य विकल्प
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
दीर्घ स्वर संधि |
दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है।
|
शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र |
गुण स्वर संधि |
अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है।
|
देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र, देव + ऋषि (अ + ऋ) = देवर्षि
|
वृद्धि स्वर संधि |
अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है |
एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी
|
यण स्वर संधि |
इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है। |
यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण
|
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।
धर्मात्मा
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF'धर्मात्मा' का सही संधि विच्छेद 'धर्म + आत्मा' होगा। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 2 ‘धर्म + आत्मा’ सही है।
Key Points
- 'धर्मात्मा' में दीर्घ स्वर संधि है। धर्म + आत्मा = धर्मात्मा (अ + आ = आ) यहाँ 'अ' और 'आ' के मेल से 'आ' बना है।
- ‘दीर्घ स्वर संधि’ में ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ के साथ ह्रस्व या दीर्घ अ, इ, उ का मेल होने पर आ, ई, ऊ हो जाता है।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
दिए प्रश्न में पत्रावली शब्द का सही संधि विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFशब्द पत्रावली का सही संधि विच्छेद होगा पत्र + अवली जिसमें दीर्घ संधि का उल्लेख है। दीर्घ संधि - यदि दो समान स्वरों की संधि होती है, उसे दीर्घ संधि कहते हैं।
अन्य विशेष:
'वार्तालाप' का संधि-विच्छेद होगा:
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'वार्तालाप' का संधि-विच्छेद होगा :- वार्ता + आलाप l
- यहाँ आ+आ के योग से आ शब्द बना है l
- यह दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण है l
- अन्य विकल्प :- गलत उत्तर है क्योंकि इनमें से किसी की भी संधि करने पर हमें 'वार्तालाप' शब्द प्राप्त नहीं होता l
Additional Information
- सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़। दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
- दीर्घ स्वर संधि - दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ स्वर आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, ऊ और ऋ हो जाते हैं। इस मेल से बनने वाली संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं।
- उदाहरण :-
- (आ + अ = आ) विद्या + अर्थी = विद्यार्थी।
- (आ + आ = आ) विद्या + आलय = विद्यालय।
- (इ + इ = ई) रवि + इंद्र = रवींद्र l
भाव + अर्थ - भावार्थ, इसमें कौनसी संधि है ?
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF- भाव+अर्थ =भावार्थ इसमें दीर्घ स्वर संधि हुई है। अतः दीर्घ स्वर संधि संगत विकल्प होगा अन्य सभी विकल्प असंगत है।
Hint
दीर्घ स्वर संधि |
किसी दो शब्दों की संधि में 'अ' या 'आ' का 'अ' या 'आ' से, 'इ' या 'ई' का 'इ' या 'ई' से, 'उ' या 'ऊ' का 'उ' या 'ऊ' से होने वाले मेल पर जो विकार (क्रमशः आ, ई, ऊ) उत्पन्न होता है, दीर्घ स्वर संधि कहलाता है। उदहारण: पुस्तक + आलय = पुस्तकालय। |
स्वर संधि की परिभाषा: जब दो स्वर आपस में मिलते है और उनमे जो परिवर्तन होता है उसे स्वर संधि कहा जाता है
जैसे: विद्या+आलय= विद्यालय
रेखा+अंश = रेखांश
- स्वर संधि के अन्य उदाहरण:
- परि + ईक्षा = परीक्षा
- हरि + ईश = हरीश
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि-विच्छेद वाला विकल्प है।
नारीच्छा
Answer (Detailed Solution Below)
दीर्घ संधि Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'नारी + इच्छा' है।
- दिए गए विकल्पों में से 'नारीच्छा' शब्द का उचित संधि विच्छेद 'नारी + इच्छा (ई + इ = ई)' होगा।
- यह दीर्घ स्वर संधि का उदाहरण है।
- हृस्व स्वर या दीर्घ स्वर में अ, आ, इ, ई, उ, ऊ आपस में मिलते हैं, तो वहाँ दीर्घ संधि होती है।
Additional Information
- सन्धि (सम् + धि) शब्द का अर्थ है 'मेल' या जोड़।
- दो निकटवर्ती वर्णों के परस्पर मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है वह संधि कहलाता है।
- संस्कृत, हिन्दी एवं अन्य भाषाओं में परस्पर स्वरो या वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार को सन्धि कहते हैं।