नाटक MCQ Quiz - Objective Question with Answer for नाटक - Download Free PDF

Last updated on Jun 3, 2025

Latest नाटक MCQ Objective Questions

नाटक Question 1:

धर्मवीर भारती का नाटक, जिसमें महाभारत के कथानक को लेकर आधुनिक युग के अनुकूल अर्थ प्रस्तुत किया गया है

  1. स्कंदगुप्त
  2. अंधायुग
  3. लहरों का राजहंस
  4. आषाढ़ का एक दिन
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अंधायुग

नाटक Question 1 Detailed Solution

धर्मवीर भारती का नाटक अंधायुग है, जिसमें महाभारत के कथानक को लेकर आधुनिक युग के अनुकूल अर्थ प्रस्तुत किया गया है।

  • अंधायुग का कथानक महाभारत के अठारहवें दिन से लेकर श्रीकृष्ण की मृत्यु तक के क्षण पर आधारित है।

Key Pointsअंधा युग:

  • अंधा युग, धर्मवीर भारती द्वारा रचित हिंदी काव्य नाटक है।
  • अंधा युग गीतिनाट्य का प्रकाशन सन् 1955 ई. में हुआ था।
  • इसका कथानक महाभारत युद्ध के अंतिम दिन पर आधारित है।
  • इसमें युद्ध और उसके बाद की समस्याओं और मानवीय महत्वाकांक्षा को प्रस्तुत किया गया है।

पात्र:

  • अश्वत्थामा
  • गान्धारी
  • धृतराष्ट्र
  • कृतवर्मा
  • संजय
  • वृद्ध याचक
  • प्रहरी-1
  • व्यास
  • विदुर
  • युधिष्ठिर
  • कृपाचार्य
  • युयुत्सु
  • गूँगा भिखारी
  • प्रहरी-2
  • बलराम
  • कृष्ण

Additional Informationधर्मवीर भारती:

  • धर्मवीर भारती (1926-1997) आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
  • धर्मवीर भारती एक समय की प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे।
  • डॉ धर्मवीर भारती को 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।
  • धर्मवीर भारती का उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है।
  • सूरज का सातवां घोड़ा को कहानी कहने का अनुपम प्रयोग माना जाता है। 
  • अंधा युग उनका प्रसिद्ध नाटक है।

धर्मवीर भारती द्वारा रचित कृतियाँ :

  • गुनाहों का देवता-उपन्यास
  • सूरज का सातवां घोड़ा-उपन्यास
  • ग्यारह सपनों का देश-उपन्यास
  • प्रारंभ व समापन -उपन्यास


Important Points

नाटक  लेखक
स्कंदगुप्त (1928) जयशंकर प्रसाद
लहरों का राजहंस (1968)  मोहन राकेश
आषाढ़ का एक दिन (1958) मोहन राकेश

नाटक Question 2:

निम्नलिखित नाटकों को उनके प्रकाशन के सही कालक्रम में व्यवस्थित कीजिए:

(A) छठा बेटा - उपेंद्रनाथ 'अश्क'

(B) शशिगुप्त - सेठ गोविंददास

(C) कवि भारतेंदु - लक्ष्मीनारायण मिश्र

(D) अंजना - सुदर्शन

(E) संतोष कहाँ - सेठ गोविंददास

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (D), (A), (B), (E), (C)
  2. (A), (B), (C), (D), (E)
  3. (C), (E), (B), (A), (D)
  4. (B), (D), (E), (C), (A)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : (D), (A), (B), (E), (C)

नाटक Question 2 Detailed Solution

उत्तर- (D), (A), (B), (E), (C)

 

विश्लेषण-

  • (D) अंजना - सुदर्शन: यह नाटक 1923 में प्रकाशित हुआ (जैसा कि पहले के प्रश्नों में उल्लेखित है), जो सबसे पहले है।
  • (A) छठा बेटा - उपेंद्रनाथ 'अश्क' (1940): यह नाटक 1940 में प्रकाशित हुआ।
  • (B) शशिगुप्त - सेठ गोविंददास (1942): यह नाटक 1942 में प्रकाशित हुआ।
  • (E) संतोष कहाँ - सेठ गोविंददास (1945): यह नाटक 1945 में प्रकाशित हुआ।
  • (C) कवि भारतेंदु - लक्ष्मीनारायण मिश्र: यह नाटक 1974 में प्रकाशित हुआ (जैसा कि उनके अन्य नाटकों के संदर्भ से अनुमानित है), जो सबसे बाद में है।

नाटक Question 3:

निम्नलिखित नाटककारों को उनके जन्म के सही कालक्रम में व्यवस्थित कीजिए:

(A) गोविंदवल्लभ पंत

(B) सेठ गोविंददास

(C) लक्ष्मीनारायण मिश्र

(D) हरिकृष्ण प्रेमी

(E) उपेंद्रनाथ 'अश्क'

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (E), (D), (C), (B), (A)
  2. (B), (C), (D), (E), (A)
  3. (C), (A), (B), (E), (D)
  4. (A), (B), (C), (D), (E)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : (A), (B), (C), (D), (E)

नाटक Question 3 Detailed Solution

उत्तर- (A), (B), (C), (D), (E)

विश्लेषण-

  • (A) गोविंदवल्लभ पंत (1887-1961): जन्म 1887 में हुआ, जो सबसे पहले है।
  • (B) सेठ गोविंददास (1896-1974): जन्म 1896 में हुआ।
  • (C) लक्ष्मीनारायण मिश्र (1903-1987): जन्म 1903 में हुआ।
  • (D) हरिकृष्ण प्रेमी (1908-1974): जन्म 1908 में हुआ।
  • (E) उपेंद्रनाथ 'अश्क' (1910-1996): जन्म 1910 में हुआ, जो सबसे बाद में है।

नाटक Question 4:

निम्नलिखित नाटकों को उनके प्रकाशन के सही कालक्रम में व्यवस्थित कीजिए:

(A) झाँसी की रानी - वृन्दावनलाल वर्मा

(B) राक्षस का मंदिर - लक्ष्मीनारायण मिश्र

(C) अंगूर की बेटी - गोविंदवल्लभ पंत

(D) बंधन - हरिकृष्ण प्रेमी

(E) स्वर्ग की झलक - उपेंद्रनाथ 'अश्क'

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (A), (D), (E), (C), (B)
  2. (B), (C), (E), (D), (A)
  3. (C), (B), (A), (E), (D)
  4. (E), (A), (B), (D), (C)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : (B), (C), (E), (D), (A)

नाटक Question 4 Detailed Solution

उत्तर- (B), (C), (E), (D), (A)

Key Pointsविश्लेषण-

  • (B) राक्षस का मंदिर - लक्ष्मीनारायण मिश्र (1931): यह नाटक 1931 में प्रकाशित हुआ, जो सबसे पहले है।
  • (C) अंगूर की बेटी - गोविंदवल्लभ पंत (1937): यह नाटक 1937 में प्रकाशित हुआ।
  • (E) स्वर्ग की झलक - उपेंद्रनाथ 'अश्क' (1940): यह नाटक 1940 में प्रकाशित हुआ।
  • (D) बंधन - हरिकृष्ण प्रेमी (1941): यह नाटक 1941 में प्रकाशित हुआ।
  • (A) झाँसी की रानी - वृन्दावनलाल वर्मा (1948): यह नाटक 1948 में प्रकाशित हुआ, जो सबसे बाद में है।

नाटक Question 5:

निम्नलिखित नाटकों को उनके प्रकाशन के सही कालक्रम में व्यवस्थित कीजिए:

(A) वितस्ता की लहरें - लक्ष्मीनारायण मिश्र

(B) अशोक - लक्ष्मीनारायण मिश्र

(C) मुक्तिपथ - उदयशंकर भट्ट

(D) जय पराजय - उपेंद्रनाथ 'अश्क'

(E) गंगा का बेटा - पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र'

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. (E), (B), (A), (D), (C)
  2. (D), (E), (C), (B), (A)
  3. (B), (D), (E), (C), (A)
  4. (A), (C), (E), (D), (B)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : (B), (D), (E), (C), (A)

नाटक Question 5 Detailed Solution

उत्तर- (B), (D), (E), (C), (A)

 

विश्लेषण-

  • (B) अशोक - लक्ष्मीनारायण मिश्र (1927): यह नाटक 1927 में प्रकाशित हुआ, जो सबसे पहले है।
  • (D) जय पराजय - उपेंद्रनाथ 'अश्क' (1937): यह नाटक 1937 में प्रकाशित हुआ।
  • (E) गंगा का बेटा - पांडेय बेचन शर्मा 'उग्र' (1940): यह नाटक 1940 में प्रकाशित हुआ।
  • (C) मुक्तिपथ - उदयशंकर भट्ट (1944): यह नाटक 1944 में प्रकाशित हुआ।
  • (A) वितस्ता की लहरें - लक्ष्मीनारायण मिश्र (1953): यह नाटक 1953 में प्रकाशित हुआ, जो सबसे बाद में है।

Top नाटक MCQ Objective Questions

'यहाँ रहना मना है' नाटक संग्रह किस रचनाकार का है?

  1. श्रीधर पाठक
  2. महादेवी वर्मा
  3. ममता कालिया
  4. जयशंकर प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ममता कालिया

नाटक Question 6 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "ममता कालिया" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • यहाँ रहना मना है,नाटक संग्रह ममता कालिया का है।
  • आप न बदलेंगे, इनका अन्य नाटक संग्रह है।
  • वर्तमान में ये महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका "हिन्दी" की संपादिका हैं।
Important Points
  • संस्मरण
    • कितने शहरों में कितनी बार
  • कहानी संग्रह
    • छुटकारा, एक अदद औरत, सीट नं. छ:, उसका यौवन, जाँच अभी जारी है, प्रतिदिन, मुखौटा, निर्मोही, थिएटर रोड के कौए, पच्चीस साल की लड़की।
  • उपन्यास
    • बेघर(1971), नरक दर नरक(1975), प्रेम कहानी(1980), लड़कियाँ(1987), एक पत्नी के नोट्स(1997), दौड़(2000), अँधेरे का ताला(2009), दुक्खम्‌ - सुक्खम्‌(2009)
  • कविता संग्रह 
    • खाँटी घरेलू औरत, कितने प्रश्न करूँ, नरक दर नरक, प्रेम कहानी।  
Additional Information
  • श्रीधर पाठक
    • वे हिंदी साहित्य सम्मेलन के पाँचवें अधिवेशन (1915, लखनऊ) के सभापति हुए और 'कविभूषण' की उपाधि से विभूषित भी।
    • हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी पर उनका समान अधिकार था।
    • इनकी रचनाये क्रमश :- इस तरह हैं : मनोविनोद 1882 (भाग-1,2,3), एकांतवासी योगी (1886) , जगत सचाई सार (1887) , धन विनय (1900), गुनवंत हेमंत (1900), वनाष्टक (1912), देहरादून (1914), गोखले गुनाष्टक (1915), सांध्य अटन (1918) इत्यादि।
  • महादेवी वर्मा का गद्य साहित्य
    • रेखाचित्र :- अतीत के चलचित्र (1941) और स्मृति की रेखाएं (1953),
    • संस्मरण :- पथ के साथी (1953) और मेरा परिवार (1972) और संस्मरण (1983)
    • चुने हुए भाषणों का संकलन: संभाषण (1974)
    • निबंध :- शृंखला की कड़ियाँ (1952), विवेचनात्मक गद्य (1952), साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध (1963), संकल्पिता (1969)
    • ललित निबंध :- क्षणदा (1956)
    • कहानियाँ :- गिल्लू
    • संस्मरण, रेखाचित्र और निबंधों का संग्रह: हिमालय (1963)
  • जयशंकर प्रसाद के प्रमुख नाटक
    • सज्‍जन, कल्‍याणी, परिणय, करुणालय, प्रायश्‍चित, राज्‍यश्री, विशाख, अजातशत्रु, जनमेजय का नागयज्ञ,  कामना, स्‍कंदगुप्‍त, ध्रुवस्‍वामिनी, अग्‍न‍िमित्र, चंद्रगुप्‍त।

निम्नलिखित में से कौन-सा नाटक जयशंकर प्रसाद का नहीं है?

  1. रक्षाबंधन
  2. अजातशत्रु
  3. स्कन्दगुप्त
  4. ध्रुवस्वामिनी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : रक्षाबंधन

नाटक Question 7 Detailed Solution

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रक्षाबंधन नाटक जयशंकर प्रसाद का नही है।

  • यह नाटक रक्षाबंधन -हरिकृष्ण का है।
  • रक्षाबंधन उपन्यास - वृन्दावन लाल वर्मा का है।
  • रक्षाबंधन कहानी - विश्वम्भर शर्मा कौशिक

Key Points

  • कल्याणी परिणय-1912- अन्य पात्र-चन्द्रगुप्त,कार्नेलिया,सिल्यूकस आदि।
  • राज्यश्री-1915- अन्य पात्र- ग्रहवर्मन,राज्यश्री आदि।
  • अजातशत्रु-1922- अन्य पात्र-बिम्बसार,उदयन,पद्मावती,वासवी प्रसेनजित आदि।

Important Points

  • स्कन्दगुप्त नाटक 1928 में प्रकाशित हुआ।
    इस नाटक में पाँच अंक हैं तथा अध्यायों की योजना दृश्यों पर आधारित है।
  • स्कन्दगुप्त नाटक के अन्य पात्र-स्कन्दगुप्त,कुमारगुप्त,गोविन्दगुप्त,चक्रपालित,बन्धुवर्म्मा,भीमवर्म्मा,शर्वनाग,कुमारदास (धातुसेन),पुरगुप्त,भटार्क,पृथ्वीसेन,देवसेना आदि हैं।

'पै धन विदेश चलि जात इहै अति ख्वारी।' पंक्ति किसकी है?

  1. हरिऔध
  2. प्रताप नारायण मिश्र
  3. मैथिलीशरण गुप्त
  4. भारतेन्दु हरिश्चंद्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भारतेन्दु हरिश्चंद्र

नाटक Question 8 Detailed Solution

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  • 'पै धन विदेश चलि जात इहै अति ख्वारी' पंक्ति भारतेंदु हरिश्चंद्र ।
  • भारतेंदु ने नाटकों के माध्यम से जनसामान्य को जाग्रत करने का कार्य किया ।
  • भारतेंदु ने सन् 1883 ई. में नाटक के लिए उपयोगी 'नाटक अथवा दृश्यकाव्य' नामक एक महत्वपूर्ण निबंध लिखा ।

Key Points

  • भारतेंदु ने पहली बार हिंदी में मौलिक रंगमंच की स्थापना का प्रयास किया ।

  

  • यह पंक्ति भारत दुर्दशा नाटक की है ।
  • यह नाटक एक नाट्यरासक वा लास्य रूपक था , यह 1880 ई. में लिखा गया ।
  • इस नाटक में भारत की तत्कालीन राजनीतिक व सामाजिक दुर्दशा का प्रतीकात्मक चित्रण है ।

"भारत दुर्दशा" नाटक के लेखक हैं-

  1. लक्ष्मीनारायण मिश्र
  2. उपेन्द्र नाथ अश्क
  3. जयशंकर प्रसाद
  4. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

नाटक Question 9 Detailed Solution

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"भारत दुर्दशा" नाटक के लेखक हैं- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

  • "भारत दुर्दशा" का प्रकाशन (1880 ई.) वर्ष  है।
  • नाटक का सार:- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र का यह नाटक के माध्यम से तत्कालीन भारत की दुर्दशा को दिखाना एवं दुर्दशा के कारणों को कम कर दुर्दशा करनेवालों का यथार्थ चित्र उपस्थित करना था।

Key Pointsभारतेन्दु हरिश्चन्द्र:-

  • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं।
  • वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे। इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी। 
  • भारतेंदु जी ने सन 1868 ई. में “कविवचन सुधा” नामक पत्रिका निकालनी प्रारंभ की।
  • इसके 5 वर्ष उपरांत 1873 ई. में उन्होंने “हरिश्चंद्र मैगजीन” नामक मासिक पत्रिका निकाली, जिसका नाम 8 अंकों के उपरांत “हरिश्चंद्र चंद्रिका” कर दिया गया।
  • 1874 में भारतेंदु जी ने नारी शिक्षा के लिए “बालबोधिनी” पत्रिका निकाली। इस प्रकार कुल मिलाकर उन्होंने तीन पत्रिकाएं निकाली।

प्रमुख नाटक रचनाएँ:-

  • वैदिकी हिंसा-हिंसा न भवति (1873)
  • सत्य हरिश्चन्द्र (1875)
  • प्रेम जोगिनी (1875)
  • चंद्रावली नाटिका (1876)
  • विषस्य विषमौषधम् (1876)
  • भारत जननी (1877)
  • नीलदेवी (1881)
  • सती प्रताप (1883)

Additional Informationलक्ष्मीनारायण मिश्र नाटक रचनाएँ:-

  • अशोक (1926)
  • संन्यासी (1930)
  • राक्षस का मन्दिर (1931)
  • मुक्तिका रहस्य (1932)
  • आधी रात (1936)
  • गरुड़ध्वज (1945)
  • नारद की वीणा (1946)
  • राजयोग और सिन्दूर की होली (1933)

उपेन्द्र नाथ अश्क नाटक रचनाएँ:-

  • लौटता हुआ दिन
  • बड़े खिलाड़ी 
  • जय-पराजय
  • स्वर्ग की झलक
  • भँवर, अंजो दीदी।

जयशंकर प्रसाद  नाटक रचनाएँ:-

  • उर्वशी (1909) 
  • प्रायश्चित्त (1914)  
  • राज्यश्री (1915)
  • विशाख (1921) 
  • अजातशत्रु (1922) 
  • कामना (1927) 
  • एक घूँट (1930) 
  • चन्द्रगुप्त (1931) 
  • ध्रुवस्वामिनी (1933) 

नारी का आकर्षण पुरुष को पुरुष बनाता है, तो उसका अपकर्षण उसे गौतम बुद्ध बना देता है।' - ये संवाद - अंश किस नाटक का है ?

  1. लहरों के राजहंस
  2. आषाढ़ का एक दिन
  3. ध्रुवस्‍वामिनी
  4. स्‍कन्‍द गुप्‍त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लहरों के राजहंस

नाटक Question 10 Detailed Solution

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ये संवाद-1)लहरों के राजहंस नाटक का है।

Important Points

  • लहरों के राजहंस नाटक कवि  मोहन राकेश का है।
  • इनका जन्म 8 जनवरी 1925 को अमृतसर में हुआ था।
  • 1950 दशक के हिंदी साहित्य पत्रिका में नई कहानी आंदोलन के साहित्यकार थे।
  • प्रमुख नाटकों में-आषाढ़ का एक दिन,लहरों के राजहंस और आधे अधूरे आदि मोहन राकेश की कुछ प्रमुख कृतियाँ है।
  • इन्हें संगीत नाटक अकादमी द्वारा सम्मानित किया गया था।

Additional Information

  • 1968 में लहरों के राजहंस का एक संशोधित परिवर्तित नया रूप प्रकाशित हुआ था।
  • इसकी विषयवस्तु में पर्याप्त सघनता, एकाग्रता और संगति नहीं है। 
  • आषाढ़ का एक दिन(1958) मोहन राकेश द्वारा रचित नाटक है।
  • ध्रुवस्‍वामिनी(1933) और स्‍कन्‍दगुप्‍त(1928) नाटक जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित है। 

Hint

  • यह कथन सुंदरी पात्र का है। 
  • सुंदरी संसार का प्रतीक है। 
  • सुंदरी द्वारा अभिजात वर्ग का सर्वंगीण सौन्द्रर्य ही उसके व्यक्तित्व का प्रमुख आकर्षण है।   

भारतेन्दु द्वारा रचित मौलिक नाटक कौन सा है?

  1. विद्या सुंदर
  2. भारत जननी
  3. मुद्रा राक्षस
  4. भारत दुर्दशा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भारत दुर्दशा

नाटक Question 11 Detailed Solution

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  • अंधेर नगरी - 1881 भारतेंदु जी का मौलिक नाटक है।
  • इस प्रहसन में राजा की मूर्खता, अन्याय, और अंधेरगर्दी पर व्यंग्य है।
  • राजनीतिक व्यंग्य का अच्छा उदाहरणI


  

  • भारतेंदु के समस्त मौलिक एवं अनूदित नाटकों की संख्या - 17
  • भारतेंदु को ही हिंदी साहित्य में नाट्य विधा का प्रवर्तक माना जाता हैI
  • अंधेर नगरी, भारत - जननी, नील देवी, भारत दुर्दशा की रचना देश वस्त्सलता के उद्देश्य से की।


Additional Information

  • भारतेंदु के मौलिक नाटक
  1. विषस्य विषमौषधम - 1876 (भाण -एक पात्रीय नाटक)
  2. प्रेम जोगिनी - 1875 (4 अंकों की नाटिका)
  3. चंद्रावली - 1876 (नाटिक)
  4. भारत दुर्दशा - 1880 (नाट्य रूपक)
  5. नीलदेवी - 1881 (गीतिरूपक)
  6. अंधेर नगरी - 1881 (प्रहसन)
  7. सती प्रताप (यह नाटक अधूरा रहा जिसे राधा कृष्णदास ने पूरा किया) - 1883 (पौराणिक नाटक)


Key Points

  • अन्य विकल्प 
    • मुद्रा राक्षस : मुद्रा राक्षस (1878), संस्कृत के विख्यात नाटककार विशाखदत्त के मुद्राराक्षस का अनुवाद -- भारतेंदु 
    • विद्या सुंदर :विद्या सुन्दर (1868), बंगला से छायानुवाद -- भारतेंदु 
    • भारत जननी : भारत जननी (1877), बंगला नाटक ‘भारतमाता’ का भारतेन्दु जी के मित्र ने अनुवाद किया था जिसे उन्होंने संशोधित किया।

निम्‍नलिखित में से कौन - सा नाटक उदयशंकर भट्ट का नहीं है ?

  1. विश्र्वामित्र
  2. मत्‍स्‍यगंधा
  3. राधा
  4. नारद की वीणा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : नारद की वीणा

नाटक Question 12 Detailed Solution

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  • नारद की वीणा नाटक उदयशंकर भट्ट का नहीं हैI
  • यह लक्ष्मी नारायण मिश्र द्वारा रचित हैI यह नाटक 1946 में लिखा गया थाI

Key Points

  • उदयशंकर भट्ट के नाटक विश्वामित्र, मत्स्यगंधा और राधा हैंI
  • इनके उपन्यास 'सागर, लहरें और मनुष्य', 'शेष-अशेष' भी लोकप्रिय हैंI

Additional Information

  • लक्ष्मी नारायण मिश्र हिन्दी के प्रसिद्ध नाटककार थे इन्होने 100 के लगभग एकांकी और 25 के लगभग नाटकों का सृजन किया हैI
  • इनके नाटकों और एकांकी का स्वर `पौराणिक, ऐतिहासिक, तथा मनोवैज्ञानिक हैI 
  • 'सन्यासी', 'राक्षस का मंदिर', 'नारद की वीणा', 'वितस्ता की लहरें', 'मुक्ति का रहस्य', 'सिन्दूर की होली', आदि इनके प्रमुख नाटक हैंI

निम्नलिखित में से किस पात्र का संबंध 'चंद्रगुप्त' नाटक से नहीं है?

  1. एलिस 
  2. जयमाला
  3. अलका 
  4. लीला

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : जयमाला

नाटक Question 13 Detailed Solution

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 जयमाला का संबंध चंद्रगुप्त नाटक से नहीं है।

Key Points

चंद्रगुप्त  नाटक

  • रचनाकार - जयशंकर प्रसाद
  • रचनाकाल - 1931 ई.
  • अन्य - इसका कथानक प्रसिद्ध ऐतिहासिक घटनाओं अलक्षेंद्र का आक्रमण, नंद वंश का नाश, सेल्यूकस का पराभव, चंद्रगुप्त की प्रतिष्ठा के आधार पर निर्मित है।
    • `चंद्रगुप्त नाटक में कुल 4 अंक और 44 दृश्य है।
  • चंद्रगुप्त नाटक के पात्र
    • नारी पात्र - अलका, सुवासिनी, कल्याणी, मालविका, कार्नेलिया ,एलिस, नीला, लीला। 
    • पुरुष पात्र - चंद्रगुप्त, चाणक्य, राक्षस ,पर्वतेश्वर ,सिहरण, आम्भिक, वररूचि, शकटार,सिकंदर, फिलिप्स, देवल, नागदा, गांधार नरेश,मौर्य सेनापति

 Important Points

जयशंकर प्रसाद के नाटक-

  • सज्जन (1910 ई.)
  • कल्याणी परिणय (1912 ई.)
  • करुणालय (1912 ई.)
  • प्रायश्चित (1913 ई.)
  • राजश्री (1915 ई.)
  • विशाख (1921 ई.)
  • अजातशत्रु (1922 ई.)
  • जन्मेजय का नाग यज्ञ (1926 ई.)
  • कामना (1927 ई.)
  • स्कंदगुप्त (1928 ई.)
  • एक घूंट (1930 ई.)
  • चंद्रगुप्त (1931 ई.)
  • ध्रुवस्वामिनी (1933 ई.)

 Additional Information

जयशंकर प्रसाद

  • जन्म - 1889 ई.
  • जन्म स्थान - काशी सुघनी साहू परिवार  उत्तर प्रदेश में।
  • उपनाम - झारखंडी, खंडेराव, कलाधर
  • गुरु -  रसमयसिद्ध और दीनबंधु
  • अन्य - ब्रज भाषा में कलाधर नाम से रचना करते थे।
    • इन्हें 'छायावाद का ब्रह्मा' कहा जाता था
    • मुकुटधर पांडे के अनुसार यह छायावाद के प्रवर्तक है।
    • छायावादी शैली का प्रथम काव्य संग्रह 'झरना' (1918 ई.)
    • कालक्रमानुसार प्रथम काव्य संग्रह 'चित्राधार' (1917 ई.)
    • खड़ी बोली रचनाओं का प्रथम काव्य संग्रह 'कानन कुसुम' (1918 ई.)

हिन्दी का प्रथम मौलिक नाटक 'नहुष'  के रचनाकार हैं -

  1. भारतेन्दु हरिश्चंद्र
  2. श्रीनिवास दास
  3. गोपाल चंद्र
  4. जयशंकर प्रसाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : गोपाल चंद्र

नाटक Question 14 Detailed Solution

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  • “नहुष' हिन्दी का प्रथम मौलिक नाटक है |
  • “नहुष' नाटक के लेखक बाबू गोपाल चन्द्र है। 
  • “नहुष' नाटक के लेखक बाबू गिरधरदास का भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से पिता का सम्बन्ध था।
  • गोपाल चन्द्र जी का उपनाम: गिरिधर दास 


Additional Information

गोपालचन्द्र गिरिधरदास श्री काले हर्षचन्द्र के पुत्र तथा भारतेन्दु हरिश्चन्द्र के पिता थे। बाबू गोपालचन्द्र ‘गिरिधरदास’ का जन्म काशी में सन 1833 ई. में हुआ था।

  • गिरिधर महाराज के कृपापात्र होने के कारण गोपालचन्द्र ने 'गिरिधरदास' उपनाम रखा था।
  • हिन्दी साहित्य का प्रथम नाटक ‘नहुष’ लिखने का श्रेय इन्हें प्राप्त है।
  • गोपालचन्द्र गिरिधरदासने 1846 में तैरह वर्ष की न्यूनतम आयु में ‘वाल्मीकि रामायण’ के कई हिस्सों का भाषागत छन्द बद्ध अनुवाद किया था।

निम्नांकित नाटकों को हिन्दी में उनके प्रथम प्रकाशन वर्ष के आधार पर पहले से बाद के क्रम में लगाइए-

A. बकरी

B. महाबली

C. आगरा बाजार

D. माधवी

E. आषाढ़ का एक दिन

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:

  1. E, A, C, B, D 
  2. A, C, E, D, B
  3. C, E, A, D, B 
  4. D, E, C, A, B

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : C, E, A, D, B 

नाटक Question 15 Detailed Solution

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नाटकों को हिंदी में उनके प्रथम प्रकाशन वर्ष के आधार पर पहले से बाद का सही क्रम है- C, E, A, D, B Key Points

नाटक

प्रकाशन वर्ष

लेखक

आगरा बाजार

1954

हबीब तनवीर

आषाढ़ का एक दिन

1958

मोहन राकेश

बकरी

1974

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना

माधवी

1985

भीष्म साहनी

महाबली

2009

असगर वजाहत

Important Points

  • आगरा बाजार-
    • आगरा बाजार नाटक में इसका स्थान 'आगरा' के 'किनारी बाजार' का एक 'चौराहा' है।
    • नाटक के दो अंक है।
    • नाटक में हास्य रस का प्रयोग दिखाएं।
    • इस नाटक में सामाजिक और सांस्कृतिक समस्याओं का चित्रण किया गया है नाटक में स्थानीय संस्कृति लोक जीवन और लोक परंपराओं का भी चित्रण है।
    • व्यापारियों का दर्द इतिहास के फलक पर आधुनिक समस्याओं के रूप में चित्रण किया गया।
  • आषाढ़ का एक दिन –
    • आषाढ़ का एक दिन एक ऐतिहासिक नाटक है।
    • इसके पुरुष पात्र है कालिदास विलोम, मातूल,दंतुल।
    • इस नाटक के स्त्री पात्र है अंबिका और मल्लिका।
    • इस नाटक में अपने परिवेश से कटकर दूसरे से जुड़ पाने का अंतर्द्वंद साहित्यकार की पीड़ा को उभारता है।
    • आषाढ़ का एक दिन महाकवि कालिदास के परिवेश रचना प्रक्रिया प्रेरणा स्रोत और उनके अचूक जाने की संबंध की कथा को प्रस्तुत करने वाला नाटक है।
    • कालिदास की रचना की प्रेरणा अपने गांव से परिवेश से और प्रकृति से प्राप्त होती है इस प्रेरणा का सबसे प्रभावी स्रोत है मल्लिका, किंतु राज आश्रय प्राप्त होने पर कालिदास अपने परिवेश से उखड़ गया है।
  • बकरी –
    • बकरी एक प्रतीक नाटक है।
    • इसके 2 अंक है।
    • इसमें 6 दृश्य है प्रत्येक अंत में 3 -3 दृश्य  है।
    • इस नाटक की शैली प्रतीकात्मक और व्यंग्यात्मक है।
    • बकरी गरीब जनता का प्रतीक है।
    • इसमें आम आदमी की पीड़ा का चित्रण है.।
    • भ्रष्टाचार और विसंगतियों का चित्रण है।
    • समकालीन राजनीति की कुरूपता पर व्यंग्य है।
  • माधवी –
    • यह 3 अंकों का एक नाटक है।
    • यह नाटक महाभारत के राजा ययाति की बेटी माधवी की एक प्राचीन कहानी का वर्णन करता है।
  • महाबली
    • महाबली नाटक में भारतीय इतिहास के दो महान पात्रों अकबर और तुलसीदास को  कल्पना केंद्र में रखकर रचा है।
    • गोस्वामी तुलसीदास गंगा तट पर बैठे अपना सारा समय ध्यान भक्ति और साहित्य में लगाते थे जबकि बादशाह अकबर चाहते थे कि मैं उनके दरबार की शोभा में रहे।
    • महाबली नाटक पर 2021 में व्यास सम्मान मिला है।

 Additional Information

हबीब तनवीर के नाटक -

  • आगरा बाजार 1954
  • शतरंज के मोहरे 1954
  • लाला शोहरत राय 1954
  • मिट्टी की गाड़ी 1958
  • गांव का नाम ससुराल हमारा नाम दामाद- 1973
  • चरणदास चोर 1975

मोहन राकेश के नाटक-

  • आषाढ़ का एक दिन 1958
  • लहरों के राजहंस 1963
  • आधे अधूरे 1969
  • पैर तले की जमीन (अधूरा)

सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के नाटक -

  • बकरी 1974 (सभी भारतीय भाषाओं में अनुवाद तथा मंचन हुआ है)
  • लड़ाई 1989
  • अब गरीबी हटाओ 1981
  • कल भात आएगा, हवालात 1989 (यह एकांकी नाटक है)

भीष्म साहनी साहनी के नाटक-

  • हानूश 1977
  • कबीरा खड़ा बाजार में 1981
  • माधवी 1984
  • मुआवजे 1993
  • रंग दे बसंती चोला 1996
  • आलमगीर 1999.

असगर वजाहत के नाटक -

  • फिरंगी लौट आये
  • इन्ना कि आवाज 1986
  • वीरगति 1981
  • समिधा
  • जिस लाहौर नहीं देख्या ओ जम्याइ नई 1991
  • अकी
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