प्रमुख रचनाकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रमुख रचनाकार - Download Free PDF
Last updated on Jun 12, 2025
Latest प्रमुख रचनाकार MCQ Objective Questions
प्रमुख रचनाकार Question 1:
'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 1 Detailed Solution
'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता हैं - आचार्य विश्वनाथ
Key Points
- 'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता आचार्य विश्वनाथ हैं।
- यह संस्कृत का एक महत्वपूर्ण काव्यशास्त्र ग्रंथ है जिसमें साहित्य और उसके तत्वों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।
- 'साहित्य दर्पण' में साहित्य के विभिन्न तत्वों, जैसे- काव्य के विभिन्न प्रकार, अलंकार, रस, ध्वनि,
- रीति और नायिका-भेद जैसे साहित्यिक विधाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है।
- इस ग्रंथ में कुल दस अध्याय (परीक्षा) हैं, जिनमें साहित्य के विभिन्न पक्षों को समाहित किया गया है।
- आचार्य विश्वनाथ का समय लगभग 13वीं-14वीं शताब्दी माना जाता है।
- आचार्य विश्वनाथ ने इस ग्रंथ में काव्य, नाटक, अलंकार, रस और साहित्यिक विधाओं के विभिन्न पहलुओं को वर्णित किया है,
- जो भारतीय साहित्यशास्त्र के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Important Pointsकुछ प्रमुख साहित्यशास्त्रीय ग्रंथ और उनके रचनाकार हैं:
-
'नाट्यशास्त्र' - भरतमुनि
- यह भारतीय नाट्यकला और प्रदर्शन कला पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन ग्रंथ है।
- इसमें नाट्य, अभिनय, संगीत, नृत्य, आदि से संबंधित विस्तृत सिद्धांत और विधान दिए गए हैं।
-
'ध्वन्यालोक' - आनंदवर्धन
- यह ग्रंथ "ध्वनि" सिद्धांत पर आधारित है, जो काव्य में ध्वनि (सुझाव) के महत्व को स्पष्ट करता है।
- आनंदवर्धन ने काव्य की प्रभावशीलता और सुंदरता को ध्वनि के सिद्धांत के माध्यम से विश्लेषित किया।
-
'काव्यालंकार' - भामह
- यह ग्रंथ काव्य में अलंकारों (आभूषणों) के महत्व और उनकी विभिन्न प्रकारों की चर्चा करता है।
- इसमें काव्यशास्त्र के कई सिद्धांतों का भी विवेचन किया गया है।
-
'साहित्यदर्पण' - विश्वनाथ कवीराज:
- इस ग्रंथ में काव्यशास्त्र के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत समालोचनात्मक विवेचन किया गया है।
- यह संस्कृत काव्यशास्त्र का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
-
'काव्यप्रकाश' - मम्मट
- काव्यप्रकाश एक विस्तृत काव्यशास्त्र ग्रंथ है
- जो काव्य के विभिन्न तत्वों जैसे रस, अलंकार, ध्वनि, रीति, गुण-दोष इत्यादि का स्पष्ट और व्यवस्थित विवेचन करता है।
-
'साहित्यमीमांसा' - कुंतक
- इस ग्रंथ ने "वक्रोक्ति" सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जिसमें काव्य में वक्रता (इन्द्रियज्यत्व और सूक्ष्मता) के महत्व के बारे में चर्चा की गई है।
-
'रसगंगाधर' - पंडितराज जगन्नाथ
- यह ग्रंथ काव्य में रस (भाव) के सिद्धांत और विभिन्न रसों की विशेषताओं पर गहन चिकित्सा करता है।
- इसके अलावा, इसमें काव्यलालित्य और अलंकारों की विस्तृत व्याख्या की गई है।
-
'ध्वन्यलोकलोचन' - आलोचक
- यह ग्रंथ आनंदवर्धन के ध्वन्यालोक पर किया गया व्याख्या और विस्तार है, जिससे ध्वनि सिद्धांत की गहरी समझ प्राप्त होती है।
Additional Informationगोस्वामी तुलसीदास-
- जन्म - 1511 - 1623 ई.
- हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे।
- मुख्य रचनाएँ-
- कृष्ण-गीतावली (1571 ई.)
- रामचरितमानस (1574 ई.)
- पार्वती-मंगल (1582 ई.)
- विनय-पत्रिका (1582 ई.)
- जानकी-मंगल (1582 ई.)
- रामललानहछू (1582 ई.)
- वैराग्यसंदीपनी (1612 ई.)
प्रमुख रचनाकार Question 2:
कौन सी रचना सुमित्रानंदन पंत की है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 2 Detailed Solution
दिए गए सभी विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘गुंजन’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।
Key Points
- दिए गए विकल्पों में ‘गुंजन’ रचना सुमित्रानंदन पंत की।
- सुमित्रानंदन पंत जी हिन्दी साहित्य के छात्रावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक थे।
- सुमित्रानंदन पंत जी को हिन्दी साहित्य का ‘वर्डस्वर्थ’ भी कहा गया।
- उनकी महत्वपूर्ण रचनाओं में उच्छ्वास, ज्योत्सना, पल्लव, स्वर्णधूलि, वीणा, युगांत, गुंजन, ग्रंथि, मेघनाद वध (कविता संग्रह), ग्राम्या, मानसी, हार (उपन्यास), युगवाणी, स्वर्णकिरण, युगांतर, काला और बूढ़ा चाँद, अतिमा, उत्तरा, लोकायतन, मुक्ति यज्ञ, अवगुंठित, युग पथ, सत्यकाम, शिल्पी, सौवर्ण, चिदम्बरा, पतझड़, रजतशिखर, तारापथ, आदि शामिल हैं।
अन्य विकल्प:
- अनामिका – सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
- पंचवटी – मैथिलीशरण गुप्त
- नीरजा – महादेवी वर्मा
Additional Information
रचनाकार |
रचनाएँ |
सूर्यकांत त्रिपाठी |
परिमल, गीतिका, कुकुरमुत्ता, अणिमा, राम की शक्ति पूजा, सरोज-स्मृति, बेला, आराधना आदि। |
मैथिलीशरण गुप्त |
साकेत, भारत-भारती, यशोधरा, द्वापर, जयद्रथ-वध, गीत, नहुष आदि। |
महादेवी वर्मा |
नीहार, यामा, रश्मि, सप्तपर्णा, सांध्यगीत, दीपशिखा आदि। |
प्रमुख रचनाकार Question 3:
जयशंकर प्रसाद जी की पहली कहानी कौन-सी थी?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 3 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से विकल्प 'ग्राम' सही है अन्य विकल्प सही विकल्प नही हैं अतः सही विकल्प 3 ग्राम है
Key Points
- सन् 1912 ई.में 'इन्दु' में उनकी पहली कहानी 'ग्राम' प्रकाशित हुई।
- जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे। जयशंकर प्रसाद जी एक युगप्रवर्तक लेखक थे जिन्होंने एक ही साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिन्दी को गौरवान्वित होने योग्य कृतियाँ दीं।
- प्रसाद की काव्य रचनाएँ दो वर्गो में विभक्त है : काव्यपथ अनुसंधान की रचनाएँ और रससिद्ध रचनाएँ। 'चित्राधार' से लेकर 'झरना' तक प्रथम वर्ग की रचनाएँ हैं, जबकि 'आँसू', 'लहर' तथा 'कामायनी' दूसरे वर्ग की रचनाएँ हैं।
Additional Information
- जयशंकर प्रसाद की प्रमुख कहानियाँ - देवदासी, बिसाती, प्रणय-चिह्न, नीरा, शरणागत, चंदा, गुंडा, स्वर्ग के खंडहर में, पंचायत, जहांआरा, मधुआ, उर्वशी, इंद्रजाल, गुलाम आदि। उनके कहानी संग्रह हैं: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आंधी और इन्द्रजाल ।
- जयशंकर प्रसाद को 'कामायनी' पर मंगलाप्रसाद पारितोषिक प्राप्त हुआ था।
प्रमुख रचनाकार Question 4:
'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 4 Detailed Solution
'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता हैं - आचार्य विश्वनाथ
Key Points
- 'साहित्य दर्पण' नामक ग्रंथ के रचयिता आचार्य विश्वनाथ हैं।
- यह संस्कृत का एक महत्वपूर्ण काव्यशास्त्र ग्रंथ है जिसमें साहित्य और उसके तत्वों का विस्तार से विश्लेषण किया गया है।
- 'साहित्य दर्पण' में साहित्य के विभिन्न तत्वों, जैसे- काव्य के विभिन्न प्रकार, अलंकार, रस, ध्वनि,
- रीति और नायिका-भेद जैसे साहित्यिक विधाओं का विस्तार से वर्णन किया गया है।
- इस ग्रंथ में कुल दस अध्याय (परीक्षा) हैं, जिनमें साहित्य के विभिन्न पक्षों को समाहित किया गया है।
- आचार्य विश्वनाथ का समय लगभग 13वीं-14वीं शताब्दी माना जाता है।
- आचार्य विश्वनाथ ने इस ग्रंथ में काव्य, नाटक, अलंकार, रस और साहित्यिक विधाओं के विभिन्न पहलुओं को वर्णित किया है,
- जो भारतीय साहित्यशास्त्र के अध्ययन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
Important Pointsकुछ प्रमुख साहित्यशास्त्रीय ग्रंथ और उनके रचनाकार हैं:
-
'नाट्यशास्त्र' - भरतमुनि
- यह भारतीय नाट्यकला और प्रदर्शन कला पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण और प्राचीन ग्रंथ है।
- इसमें नाट्य, अभिनय, संगीत, नृत्य, आदि से संबंधित विस्तृत सिद्धांत और विधान दिए गए हैं।
-
'ध्वन्यालोक' - आनंदवर्धन
- यह ग्रंथ "ध्वनि" सिद्धांत पर आधारित है, जो काव्य में ध्वनि (सुझाव) के महत्व को स्पष्ट करता है।
- आनंदवर्धन ने काव्य की प्रभावशीलता और सुंदरता को ध्वनि के सिद्धांत के माध्यम से विश्लेषित किया।
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'काव्यालंकार' - भामह
- यह ग्रंथ काव्य में अलंकारों (आभूषणों) के महत्व और उनकी विभिन्न प्रकारों की चर्चा करता है।
- इसमें काव्यशास्त्र के कई सिद्धांतों का भी विवेचन किया गया है।
-
'साहित्यदर्पण' - विश्वनाथ कवीराज:
- इस ग्रंथ में काव्यशास्त्र के विभिन्न पहलुओं का विस्तृत समालोचनात्मक विवेचन किया गया है।
- यह संस्कृत काव्यशास्त्र का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ माना जाता है।
-
'काव्यप्रकाश' - मम्मट
- काव्यप्रकाश एक विस्तृत काव्यशास्त्र ग्रंथ है
- जो काव्य के विभिन्न तत्वों जैसे रस, अलंकार, ध्वनि, रीति, गुण-दोष इत्यादि का स्पष्ट और व्यवस्थित विवेचन करता है।
-
'साहित्यमीमांसा' - कुंतक
- इस ग्रंथ ने "वक्रोक्ति" सिद्धांत को प्रस्तुत किया, जिसमें काव्य में वक्रता (इन्द्रियज्यत्व और सूक्ष्मता) के महत्व के बारे में चर्चा की गई है।
-
'रसगंगाधर' - पंडितराज जगन्नाथ
- यह ग्रंथ काव्य में रस (भाव) के सिद्धांत और विभिन्न रसों की विशेषताओं पर गहन चिकित्सा करता है।
- इसके अलावा, इसमें काव्यलालित्य और अलंकारों की विस्तृत व्याख्या की गई है।
-
'ध्वन्यलोकलोचन' - आलोचक
- यह ग्रंथ आनंदवर्धन के ध्वन्यालोक पर किया गया व्याख्या और विस्तार है, जिससे ध्वनि सिद्धांत की गहरी समझ प्राप्त होती है।
Additional Informationगोस्वामी तुलसीदास-
- जन्म - 1511 - 1623 ई.
- हिन्दी साहित्य के महान सन्त कवि थे।
- मुख्य रचनाएँ-
- कृष्ण-गीतावली (1571 ई.)
- रामचरितमानस (1574 ई.)
- पार्वती-मंगल (1582 ई.)
- विनय-पत्रिका (1582 ई.)
- जानकी-मंगल (1582 ई.)
- रामललानहछू (1582 ई.)
- वैराग्यसंदीपनी (1612 ई.)
प्रमुख रचनाकार Question 5:
रामचंद्रिका की रचना किसने की?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 5 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में रामचंद्रिका 'केशवदास' की रचना है अन्य विकल्प सही नही हैं अतः विकल्प 4 केशव सही है
Key Points
- 'रामचंद्र चंद्रिका' केशवदास की सुप्रसिद्ध कृति है जो सामान्यतः 'रामचंद्रिका' कहलाती है। इस महाकाव्य में कुल 1717 छंद हैं। इसमें सुविदित भगवान राम की कथा ही वर्णित है, यह एक काव्य ग्रन्थ है।
- रामचंद्रिका के नाम से विख्यात रामचंद्र चंद्रिका (रचनाकाल सन् 1601 ई०) हिन्दी साहित्य के रीतिकाल के आरंभ के सुप्रसिद्ध कवि केशवदास रचित महाकाव्य है।
- आचार्य केशवदास उच्चकोटि के विद्वान थे।तथा हिन्दी साहित्य के रीतिकाल की कवि-त्रयी के एक प्रमुख स्तंभ। और संस्कृत काव्यशास्त्र का सम्यक् परिचय कराने वाले हिंदी के प्राचीन आचार्य और कवि थे।
Additional Information
- केशव का दूसरा रूप आचार्य का है। कवि-प्रिया और रसिक-प्रिया में इन्होंने संस्कृत के लक्षण, ग्रंथों का अनुवाद किया और उदाहरण स्वरूप अपनी कविताओं की रचना की।
- केशवदास रचित प्रामाणिक ग्रंथ नौ हैं : रसिकप्रिया, कविप्रिया, नखशिख, छंदमाला, रामचंद्रिका, वीरसिंहदेव चरित, रतनबावनी, विज्ञानगीता और जहाँगीर जसचंद्रिका।
Top प्रमुख रचनाकार MCQ Objective Questions
'रंगभूमि' किस प्रसिद्ध लेखक द्वारा रचित उपन्यास है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'रंगभूमि' प्रेमचंद द्वारा रचित उपन्यास है। अत: सही उत्तर विकल्प 2 प्रेमचंद है।
Key Points
- रंगभूमि लेखक-मुंशी प्रेमचंद की पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष व बदलाव की महान गाथा है। प्रेमचंद (1880-1936) का पूरा साहित्य, भारत के आम जनमानस की गाथा है। विषय, मानवीय भावना और समय के अनंत विस्तार तक जाती इनकी रचनाएँ इतिहास की सीमाओं को तोड़ती हैं, और कालजयी कृतियों में गिनी जाती हैं। रंगभूमि (1924-1925) उपन्यास ऐसी ही कृति है।
- नौकरशाही तथा पूँजीवाद के साथ जनसंघर्ष का ताण्डव, सत्य, निष्ठा और अहिंसा के प्रति आग्रह, ग्रामीण जीवन में उपस्थित मध्यपान तथा स्त्री दुर्दशा का भयावह चित्र यहाँ अंकित है।
- परतंत्र भारत की सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और आर्थिक समस्याओं के बीच राष्ट्रीयता की भावना से परिपूर्ण यह उपन्यास लेखक के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को बहुत ऊँचा उठाता है।
-
देश की नवीन आवश्यकताओं, आशाओं की पूर्ति के लिए संकीर्णता और वासनाओं से ऊपर उठकर निःस्वार्थ भाव से देश सेवा की आवश्यकता उन दिनों सिद्दत से महसूस की जा रही थी।
- रंगभूमि की पूरी कथा इन्हीं भावनाओं और विचारों में विचरती है। कथानायक सूरदास का पूरा जीवनक्रम, यहाँ तक कि उसकी मृत्यु भी, राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी की छवि लगती है। सूरदास की मृत्यु भी समाज को एक नई संगठन-शक्ति दे गई।
- विविध स्वभाव, वर्ग, जाति, पेशा एवं आय वित्त के लोग अपने-अपने जीवन की क्रीड़ा इस रंगभूमि में किये जा रहे हैं। और लेखक की सहानुभूति सूरदास के पक्ष में बनती जा रही है।
- पूरी कथा गाँधी दर्शन, निष्काम कर्म और सत्य के अवलंबन को रेखांकित करती है। यह संग्रहणीय पुस्तक कई अर्थो में भारतीय साहित्य की धरोहर है।
Additional Information
अन्य विकल्प -
रचनाकार |
परिचय |
प्रमुख रचनाएँ |
हरिशंकर परसाई |
हरिशंकर परसाई (२२ अगस्त, १९२४ - १० अगस्त, १९९५) हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंगकार थे। वे हिंदी के पहले रचनाकार हैं जिन्होंने व्यंग्य को विधा का दर्जा दिलाया और उसे हल्के–फुल्के मनोरंजन की परंपरागत परिधि से उबारकर समाज के व्यापक प्रश्नों से जोड़ा। |
आंखन देखि, देश के दौर में आदि। |
धर्मवीर भारती |
धर्मवीर भारती आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे। वे एक समय की प्रख्यात साप्ताहिक पत्रिका धर्मयुग के प्रधान संपादक भी थे। डॉ धर्मवीर भारती को पद्मश्री से सम्मानित किया गया। उनका उपन्यास गुनाहों का देवता सदाबहार रचना मानी जाती है। |
मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, ठंडा लोहा, सात गीत वर्ष, कनुप्रिया, गुनाहों का देवता, सूरज का सातवां घोड़ा, अँधा युग आदि। |
विष्णु शर्म |
पं॰ विष्णु शर्मा प्रसिद्ध संस्कृत नीतिपुस्तक पंचतन्त्र के रचयिता थे। नीतिकथाओं में पंचतन्त्र का पहला स्थान है। वे दक्षिण भारत के महिलारोप्य नामक नगर में रहते थे। |
पंचतंत्र |
Additional Information
प्रेमचंद का परिचय -
- धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं।
- उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।
- हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।
इनमें से नागार्जुन द्वारा रचित कौन-सी नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1 ‘उस जनपद का कवि हूँ’ इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प इसके सही उत्तर नहीं हैं।
- नागार्जुन की पहली हिन्दी रचना 'राम के प्रति' नामक कविता थी
- जो 1934 ई० में लाहौर से निकलने वाले साप्ताहिक 'विश्वबन्धु' में छपी थी।
- नागार्जुन द्वारा रचित और भी बहुत सी कृतियाँ हैं =
- युगधारा
- सतरंगे पंखो वाली
- प्यासी पथारी आँखें
- तालाब की मछलियां
- चन्दना
- खिचड़ी विप्लव देखा हमने
उस जनपद का कवि हूँ कविता 'त्रिलोचन' की है|
मैथिली भाषा के प्रसिद्ध कवि कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFमैथिली भाषा के प्रसिद्ध कवि विद्यापति हैं।
अन्य सभी विकल्प असंगत है।
Key Points
- विद्यापति भारतीय साहित्य की 'शृंगार-परम्परा' के साथ-साथ 'भक्ति-परम्परा' के प्रमुख स्तंभों मे से एक और मैथिली के सर्वोपरि कवि के रूप में जाने जाते हैं।
- इनके काव्यों में मध्यकालीन मैथिली भाषा के स्वरूप का दर्शन किया जा सकता है।
- इन्हें वैष्णव , शैव और शाक्त भक्ति के सेतु के रूप में भी स्वीकार किया गया है।
- मिथिला के लोगों को 'देसिल बयना सब जन मिट्ठा' का सूत्र दे कर इन्होंने उत्तरी-बिहार में लोकभाषा की जनचेतना को जीवित करने का महान प्रयास किया है।
- विद्यापति का जन्म स्थान बिहार माना जाता है।
- इनके गुरु का नाम पंडित हरि मिश्र है।
Additional Information
- अन्य विकल्पों के बारे में:-
रचनाकार | रचना |
तुलसीदास | विनय-पत्रिका, कृष्ण-गीतावली, बरवै रामायण, दोहावली और कवितावली आदि। |
जायसी | पद्मावत,अखरावट,सखरावत,चंपावत,इतरावत,मटकावत आदि। |
बिहारीलाल | बिहारी-सतसई आदि। |
माखनलाल चतुर्वेदी को किस पुस्तक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFमाखनलाल चतुर्वेदी को हिमतरंगिनी पुस्तक के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला था.
Key Pointsमाखनलाल चतुर्वेदी-
- जन्म- 1889-1968 ई.
- हिंदी साहित्य के ख्यातिप्राप्त कवि, लेखक और पत्रकार थे जिनकी रचनाएँ अत्यंत लोकप्रिय हुईं।
- सरल भाषा और ओजपूर्ण भावनाओं के वे अनूठे हिंदी रचनाकार थे।
- प्रमुख रचनाएँ-
- कृष्णार्जुन युद्ध' (1918 ई.)
- हिमकिरीटिनी' (1941 ई.)
- साहित्य देवता' (1942 ई.)
- हिमतरंगिनी' (1948 ई.)
- माता (1952 ई.)आदि।
Additional Informationभूले बिसरे चित्र-
- रचनाकार- भगवतीचरण वर्मा
- विधा-उपन्यास
- विषय-
- तीन पीढ़ियों के मध्य आये बदलाव को चित्रित किया गया है।
Important Pointsभगवतीचरण वर्मा-
- जन्म-1903-1981 ई.
- उपन्यास-
- पतन(1928 ई.)
- तीन वर्ष(1936 ई.)
- प्रश्न और मरीचिका(1973 ई.) आदि।
भवानीप्रसाद मिश्र-
- जन्म- 1913 - 1985 ईo
- काव्य कृतियाँ-
- गीत फरोश (1956)
- चकित है दुख (1968)
- अँधेरी कविताएँ (1968)
- गांधी पंचशती (1969)
- बुनी हुई रस्सी (1971)
- खुशबू के शिलालेख (1973)
शिवमंगल सिंह 'सुमन' -
- जन्म - 1915 - 2002 ई.
- एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और शिक्षाविद थे।
- कविता संग्रह -
- हिल्लोल -(1939 ई.)
- जीवन के गान -(1942 ई.)
- युग का मोल -(1945 ई.)
- मिट्टी की बारात (1972 ई.)
- वाणी की व्यथा (1980 ई.)
- कटे अँगूठों की वंदनवारें (1991 ई.) आदि।
निम्नलिखित में से कौन-सी रचना पुष्पदन्त की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- जसहर-चरिउ, जय कुमार चरिउ तथा महापुराण पुष्पदंत की रचनाएँ है। जबकि पउमचरिउ नहीं है। अत: सही विकल्प 4 "पउमचरिउ" है।
Key Points
- रामकथा पर आधारित अपभ्रंश का एक महाकाव्य:- पउमचरिउ है।
- जिसके रचयिता जैन कवि स्वयंभू (सत्यभूदेव) हैं।
- स्वयम्भू की यह रचना इनके पुत्र ने पूर्ण की थी।
'मारीशस का प्रेमचंद' किसे कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - अभिमन्यु अनत।
Key Pointsअभिमन्यु अनत -- (1937 - 1918)
- मॉरीशस के हिन्दी कथा-साहित्य के सम्राट हैं।
- उनका जन्म 9 अगस्त 1937 को मॉरीशस के उत्तर प्रान्त में स्थित त्रियोले गांव में हुआ।
- अभिमन्यु का मूल भारत की ही मिट्टी है ।
- इनके पूर्वज अन्य भारतीयों के साथ अंग्रेजों द्वारा वहां गन्ने की खेती में श्रम करने के लिए लाए गए थे।
- मजदूरों के रूप में गए भारतीय वहीं पर बस गए।
- इन्हें मॉरीशस का उपन्यास सम्राट कहा जाता है ।
- लाल पसीना इनका कालजयी महाकाव्यात्मक उपन्यास है।
Additional Information
कविता संग्रह --
- कैक्टस के दांत
- नागफनी में उलझी सांसे
- नाटक --
- गूंगा इतिहास
- देख कबीरा हंसी
- कहानी संग्रह --
- इंसान और मशीन
- अब कल आएगा यमराज
- लघु उपन्यास --
- लहरों की बेटी
- एक बीघा प्यार
- कुहासे का दायरा
- महाकाव्यात्मक उपन्यास --
- लाल पसीना
इनमें से कौन-सा कवि 'फूल बाबू' के नाम से भी जाना जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFराजकमल चौधरी कवि 'फूल बाबू' के नाम से भी जाना जाता है
Key Pointsराजकमल चौधरी-
- जन्म- 1931 ई.
- उपन्यास-
- नदी बहती थी(1962)
- शहर था शहर नहीं था(1966)
- बीस रानियों के बाइस्कोप (1972)
- अग्निस्नान (1978)
- देहगाथा
- एक अनार एक बीमार
- ताश के पत्तों का शहर आदि।
Important Pointsसुमित्रानंदन पंत-
- जन्म-1900-1977 ई.
- छायावादी युग के प्रमुख स्तंभ है।
- काव्य रचनाएँ-
- छायावादी-
- ग्रंथि(1920 ई.)
- पल्लव(1926 ई.)
- वीणा(1927 ई.)
- गुंजन(1932 ई.)
- प्रगतिवादी-
- युगान्त(1936 ई.)
- युगवाणी(1939 ई.)
- ग्राम्या(1940 ई.)
- अरविन्द दर्शन से प्रभावित-
- स्वर्ण किरण(1947 ई.)
- स्वर्णधूलि(1947 ई.)
- युगांतर(1948 ई.)
- युगपथ(1949 ई.)
- नवमानवतावादी-
- उत्तरा(1949 ई.)
- रजतशिखर(1952 ई.)
- शिल्पी(1952 ई.)
- अतिमा(1955 ई.)
- कला और बूढ़ा चाँद(1959 ई.)
- लोकायतन(1964 ई.) आदि।
केदारनाथ अग्रवाल-
- जन्म-1911-2000 ई.
- प्रगतिवाद के महत्त्वपूर्ण कवि है।
- काव्य रचनाएँ-
- युग की गंगा(1947 ई.)
- लोक और आलोक(1957 ई.)
- फूल नहीं रंग बोलते हैं(1965 ई.)
- गुलमेहंदी(1978 ई.)
- पंख और पतवार(1979 ई.) आदि।
केदारनाथ सिंह-
- जन्म-1934-2018 ई.
- तीसरा सप्तक के महत्तवपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- अभी बिल्कुल अभी (1960 ई.)
- जमीन पक रही है(1980 ई.)
- यहाँ से देखो(1983 ई.)
- बाघ(1996 ई.)
- अकाल में सारस(1988 ई.)
- उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ(1995 ई.)
- तालस्ताय और साइकिल(2005 ई.) आदि।
'एक भारतीय आत्मा' के नाम से कविता की रचना किसने की?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'एक भारतीय आत्मा' के नाम से कविता की रचना की- माखनलाल चतुर्वेदी
Key Pointsमाखनलाल चतुर्वेदी-
- 1889-1968
- ये राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के कवि है।
- एक भारत की आत्मा के नाम से 'माखनलाल चतुर्वेदी' कविताएँ लिखते थे |
- इनकी प्रमुख कविताः-
- कैदी और कोकिल, पुष्प की अभिलाषा है।
- प्रमुख रचनाएँः-
- हिमकिरीटिनी (1943)
- हिमतरंगिनी (1949)
- माता(1951)
- समर्पण (1956)।
Important Pointsसोहनलाल द्विवेदी-
- हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे।
- रचनाएँ-
- युगावतार
- गांधी
- खादी गीत
- गाँवों में किसान
- दांडीयात्रा आदि।
बालकृष्ण शर्मा 'नवीन'-
- जन्म-1897-1960 ई.
- रचनाएँ-
- कुंकुम(1939 ई.)
- अपलक(1951 ई.)
- रश्मि रेखा(1951 ई.)
- क्वासि(1952 ई.)
- विनोबा स्तवन(1951 ई.) आदि।
मैथिलीशरण गुप्त-
- जन्म-1886-1964 ई.
- रचनाएँ-
- पंचवटी(1925 ई.)
- साकेत(1931 ई.)
- यशोधरा(1932 ई.)
- विष्णु प्रिया(1957 ई.) आदि।
प्रमुख रचनाकार Question 14:
'तेरी मेरी उसकी बात' किसकी रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रमुख रचनाकार Question 14 Detailed Solution
सही उत्तर है- "यशपाल"। अन्य विकल्प असंगत है।Key Points
- रचना- तेरी मेरी उसकी बात।
- रचनाकार- यशपाल।
- विधा- उपन्यास।
- प्रकाशन- 1974
- पुरस्कार- 1976 में साहित्य अकादमी पुरस्कार।
Important Points
लेखक | रचना |
यशपाल | दादा कामरेड, देशद्रोही, दिव्या, पार्टी कामरेड, मनुष्य के रूप, अमिता, झूठा सच (उपन्यास)। |
निराला | परिमल, गीतिका, अनामिका, तुलसीदास, कुकुरमुत्ता, अणिमा, नए पत्ते, बेला, अर्चना, आराधना, गीतगुंज (काव्य संग्रह)। |
भीष्म साहनी | झरोखे, कड़ियाँ, तमस, बसन्ती (उपन्यास),भटकती राख( कहानी-संग्रह), भाग्यरेखा ( कहानी-संग्रह), पहला पाठ( कहानी-संग्रह), पटरियाँ( कहानी-संग्रह), वाङ्चू ( कहानी-संग्रह), हानूश (नाटक)। |
हजारी प्रसाद द्विवेदी | अशोक के फूल, विचार और वितर्क, कल्पलता, कुटज, आलोक पर्व ( निबंध - संकलन ), चारूचंद्रलेख, बाणभट्ट की आत्मकथा, पुनर्नवा, अनामदास का पोथा (उपन्यास), सूर - साहित्य, कबीर, हिंदी साहित्य की भूमिका, कालिदास की लालित्य-योजना (आलोचनात्मक ग्रंथ )। |
प्रमुख रचनाकार Question 15:
'शेखर एक जीवनी' किसका प्रसिद्ध उपन्यास है?
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प्रमुख रचनाकार Question 15 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 2 ‘अज्ञेय’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' को कवि, शैलीकार, कथा-साहित्य को एक महत्त्वपूर्ण मोड़ देने वाले कथाकार, ललित-निबन्धकार, सम्पादक और अध्यापक के रूप में जाना जाता है।
- 'शेखर एक जीवनी' अज्ञेय की प्रसिद्ध रचना है।
- इनके अन्य उपन्यास हैं- नदी के द्वीप, अपने-अपने अजनबी आदि।
Additional Information
- यशपाल - देशद्रोह, दिव्या, झूठा-सच, दादा कामरेड आदि।
- नागार्जुन - बलचनमा, इमरतिया, रतिनाथ की चाची, बाबा बटेसरनाथ, पारो, जमनिया का बाबा आदि।
- फणीश्वर नाथ 'रेणु' - मौला आंचल, परती परिकथा, जुलूस आदि।