बालकः ‘प्रयोगाश्रितपरीक्षाविधिना (Trial and Error Method) शिक्षति इत्येतत् _______ भाषाशिक्षणस्य सैद्धान्तिक-परिप्रेक्ष्यात् स्पष्टम् अस्ति।

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CTET Paper 1 - 24th Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. संज्ञानात्मक (Cognitive)
  2. व्यवहाराश्रित (Behaviouristic)
  3. सामाजिक-सांस्कृतिक (Socio-Cultural)
  4. जन्माश्रित (Nativist)

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Option 2 : व्यवहाराश्रित (Behaviouristic)
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प्रश्नानुवाद - बालक ‘प्रयोगाश्रित परीक्षा विधि द्वारा (Trial and Error Method) सीखता है यह _______ भाषा शिक्षण के सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्य से स्पष्ट है।

स्पष्टीकरण - जब बालक प्रयोगाश्रित परीक्षा विधि के द्वारा सीखता है, तो इसे व्यवहाराश्रित भाषा शिक्षण कहा जाता है। जहाँ बालक किसी विषय को प्रयोग द्वारा सीखते हुए उसमें त्रुटि करता है एवं धीरे-धीरे उस त्रुटि में सुधार करते हुए विषय को सीख जाता है। 'व्यवहाराश्रित' अधिगम यह व्यवहारवाद से सम्बन्धित है। जिसे प्रयास और त्रुटि का सिद्धान्त कहा जाता है।

Important Pointsव्यवहारवाद-

  •  जे. बी. वाटसन को व्यवहारवाद का संस्थापक और जनक के रूप में जाना जाता है।
  • व्यवहारवाद की स्थापना वाटसन के पारम्परिक पत्र "साइकोलॉजी ऐज़ द बिहेवियरिस्ट व्यू इट" के प्रकाशन के साथ हुई थी।
  • व्यवहारवाद के अनुसार किसी भी व्यक्ति के व्यवहार को मनोवैज्ञानिक प्रयोगों द्वारा परिवर्तित किया जा सकता है।
  • व्यवहारवादियों के अनुसार मनुष्य के व्यवहार पर पर्यावरण का बहुत प्रभाव पड़ता है। व्यवहारवाद इस विचार पर केंद्रित है कि सभी व्यवहार पर्यावरण के साथ अंत:क्रिया के माध्यम से सीखे जाते हैं।
  • व्यवहारवाद के मुख्य प्रतिनिधि  - जे.बी. वाटसन, ई.एल. थार्नडाइक, बी.एफ.स्किनर, ई. टोलमैन आदि हैं।
  • थार्नडाइक एक अमेरिकी पशु मनोवैज्ञानिक थे, इन्होंने बिल्ली, चूहे, मुर्गी आदि पर प्रयोग करके यह निष्कर्ष निकाला कि पशु-पक्षी व बच्चे प्रयत्न व भूल द्वारा सीखते हैं।

व्यवहारवादी सिद्धांत से सम्बंधित नियम निम्नलिखित हैं-

  1. तत्परता का नियम - यदि बालक अधिगम के लिये तैयार नहीं है, तो उसके अधिगम का दर कम होता है।
  2. प्रभाव का नियम - सकारात्मक परिणाम मिलने पर अधिक पाने की अभिलाषा रखता है।
  3. अभ्यास का नियम - सीखने के लिये क्रिया को बार बार दोहराने क्रिया अनुकूलित होती है।
  4. बहु प्रतिक्रिया का नियम - समस्या के समाधान हेतु अधिगमकर्ता की बहुत सारी प्रतिक्रियाएं देनी होती हैं।
  5. मानसिक मनोवृत्ति का नियम - सकारात्मक दृष्टिकोण से विद्यार्थी शीघ्रतापूर्वक सीखता है।
  6. आंशिक क्रिया का नियम - विषयवस्तु के छोटे विभाग कर उन्हें सीखने से शीघ्रता से समझ आता है।
  7. साहचर्य - परिवर्तन का नियम - अधिगम परिस्थितीयाँ समान होने पर दो क्रियायें एकसाथ कर सकते है।
  8. आत्मसातीकरण का नियम - लंबे समय तक चलती आयी क्रियाऐं आत्मसात् होती है।

 

अतः कहा जा सकता है कि बालक जब प्रयोगाश्रित परीक्षा विधि द्वारा (Trial and Error Method) सीखता है, तो यह व्यवहाराश्रित भाषा शिक्षण का सैद्धान्तिक परिप्रेक्ष्य है।

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