निम्नलिखित में से विनिमय साध्य विलेख अधिनियम,1881 के किस धारणा को साक्ष्य का विशेष नियम बनाने का प्रावधान करता है, जब तक कि इसके विपरीत प्रावधान न किया जाए?

  1. प्रत्येक विनिमय साध्य विलेख जिस पर तारीख अंकित हो, उस तारीख को न तो बनाया गया था और न ही तैयार किया गया था।
  2. प्रत्येक विनिमय साध्य विलेख का हस्तांतरण उसकी परिपक्वता से पहले नहीं किया गया था
  3. खोए हुए प्रतिज्ञापत्र, विनिमय पत्र या चेक पर विधिवत् स्टाम्प लगा हुआ था
  4. ऊपर के सभी।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : खोए हुए प्रतिज्ञापत्र, विनिमय पत्र या चेक पर विधिवत् स्टाम्प लगा हुआ था

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 है।

Key Points 

  • साध्य विलेख अधिनियम 1881 की धारा 118 विनिमय साध्य विलेख के संबंध में अनुमानों के बारे में बात करती है। - जब तक विपरीत साबित नहीं हो जाता, तब तक निम्नलिखित अनुमान लगाए जाएंगे
    (a) प्रतिफल के संबंध में:—कि प्रत्येक विनिमय साध्य विलेख प्रतिफल के लिए बनाई गई थी या तैयार की गई थी, और यह कि प्रत्येक ऐसा लिखत, जब उसे स्वीकार किया गया, पृष्ठांकित किया गया, बातचीत करके या हस्तांतरित किया गया था, वह प्रतिफल के लिए स्वीकार किया गया, पृष्ठांकित किया गया, बातचीत करके या हस्तांतरित किया गया था;
    (b) तारीख के संबंध में:- कि प्रत्येक विनिमय साध्य विलेख, जिस पर तारीख अंकित है, उस तारीख को बनाई या लिखी गई थी;
    (b) स्वीकृति के समय के संबंध में:- प्रत्येक स्वीकृत विनिमय पत्र उसकी तिथि के पश्चात् तथा उसकी परिपक्वता से पूर्व उचित समय के भीतर स्वीकार किया गया था;
    (d) अंतरण के समय के संबंध में:- विनिमय साध्य विलेख का प्रत्येक अंतरण उसकी प्रकृति से पूर्व किया गया था;
    (e) पृष्ठांकन के क्रम के बारे में: - कि विनिमय साध्य विलेख पर प्रदर्शित पृष्ठांकन उसी क्रम में किए गए थे जिसमें वे उस समय प्रदर्शित होते हैं;
    (f) स्टाम्प के संबंध में:—कि खोए हुए प्रतिज्ञापत्र, विनिमय पत्र या चेक पर विधिवत् स्टाम्प लगा दिया गया था;
    (छ) धारक सम्यक् अनुक्रम में धारक है: विनिमय साध्य विलेख का धारक सम्यक् अनुक्रम में धारक है: परन्तु जहां लिखत उसके वैध स्वामी से या उसकी वैध अभिरक्षा में किसी व्यक्ति से अपराध या कपट द्वारा प्राप्त की गई है, या उसके निर्माता या स्वीकारकर्ता से अपराध या कपट द्वारा या विधिविरुद्ध प्रतिफल से प्राप्त की गई है, वहां यह साबित करने का भार कि धारक सम्यक् अनुक्रम में धारक है, उस पर है।
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