Question
Download Solution PDFसमीप-दूराभिमुख सिद्धांत को निम्नलिखित में से किस उदाहरण में दर्शाया गया है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFविकास गर्भधारण से लेकर मृत्यु तक, उनके पूरे जीवन काल में मनुष्यों की वृद्धि का वर्णन करता है। यह विकास को समय के साथ परिवर्तन के प्रारूप में संदर्भित करता है। इसमें न केवल वृद्धि के जैविक और भौतिक पहलू शामिल होते हैं, बल्कि विकास से जुड़े संज्ञानात्मक और सामाजिक पहलू भी शामिल होते हैं।
Key Pointsविकास अनुक्रमों का सिद्धांत: प्रत्येक जीवित प्राणी विकास के एक प्रारूप का अनुसरण करता है। एक बच्चे का विकास भी एक क्रमबद्ध क्रम में होता है जो लगभग सभी बच्चों के समान होता है। बच्चे के शरीर के विकास के दो सिद्धांत हैं। (a) समीपदूराभिमुख सिद्धांत (b) शीर्षाभिमुख सिद्धांत
- समीपदूराभिमुख अनुक्रम: इसका अर्थ है कि विकास शरीर के मध्य भाग से परिधि की ओर बढ़ता है। इस क्रम में पहले व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी का विकास होता है और उसके बाद बाहरी विकास होता है।
- उदाहरण के लिए, बच्चे पहले सामने वाले दांतो से काटते है उसके बाद किनारे वाले दांतो से काटते हैं।
- अत:, हम यह निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि शिशु पहले अपने धड़ और फिर अपने हाथ और पैर हिलाना सीखते हैं, इसका अर्थ है कि वह विकास के समीपदूराभिमुख सिद्धांत का पालन करता है।
Important Points
- शीर्षाभिमुख अनुक्रम: इसका अर्थ है कि विकास अनुदैर्ध्य दिशा में अर्थात् सिर से पैर तक आगे बढ़ता है। सूफी ने पहले अपने सिर पर नियंत्रण हासिल किया, फिर वह वस्तुओं को पकड़ सकती थी, बैठ सकती थी, घिसट सकती थी और बाद में वह खड़ी हो सकती थी और चल सकती थी।
Additional Informationविकास के कुछ सिद्धांत निम्नलिखित हैं:
- व्यक्तिगत भिन्नता का सिद्धांत: यह कहता है कि प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में/स्वयं में अद्वितीय है क्योंकि आनुवंशिकता और पर्यावरणीय कारक उसे दूसरों से भिन्न बनाते हैं।
- सामान्यता से विशिष्टता का सिद्धांत: विकास प्रक्रिया बच्चे द्वारा दर्शाई गई सामान्य प्रतिक्रियाओं से शुरू होती है क्योंकि वह बाद के चरणों से गुजरते हैं, वह विशिष्ट व्यवहारों का प्रदर्शन करना शुरू कर देते है।
- पारस्परिक संबंध का सिद्धांत: किसी व्यक्ति का विकास जीवन के सभी पहलुओं के संतुलित संबंध के माध्यम से परिलक्षित होता है। किसी भी स्थिति में विकास दूसरे पहलू को भी प्रभावित करता है।
- परस्पर क्रिया का सिद्धांत: परस्पर क्रिया का सिद्धांत बताता है कि एक व्यक्ति आनुवंशिकता और पर्यावरण का उत्पाद है। दूसरे शब्दों में, परस्पर क्रिया बच्चे के भीतर और बाहर की शक्तियों से होती है।
Last updated on Apr 30, 2025
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