Question
Download Solution PDFशोध कार्य में शोध से सबंधित प्रतिभागियों को प्रतिभागिता के स्वरूप/ प्रकृति, शोध तथा इसके जोखिम से अवगत कराने की अपेक्षा होती है जिसे क्या कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFKey Points
अनुसंधान में वह आवश्यकता जो निर्दिष्ट करती है कि शोधकर्ताओं को प्रतिभागियों को भागीदारी अनुसंधान की प्रकृति और इसमें शामिल किसी भी जोखिम के बारे में सूचित करना चाहिए, सूचित सहमति के रूप में जानी जाती है।
सूचित सहमति:
- सूचित सहमति एक नैतिक सिद्धांत है जिसके लिए शोधकर्ताओं को अनुसंधान में भाग लेने से पहले प्रतिभागियों से स्वैच्छिक, सूचित और विशिष्ट सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
- इसका अर्थ यह है कि प्रतिभागियों को भाग लेने या न लेने के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए अनुसंधान के बारे में पर्याप्त जानकारी दी जानी चाहिए। उन्हें जबरदस्ती या अनुचित प्रभाव से भी मुक्त होना चाहिए।
- सूचित सहमति दस्तावेज़ में जो जानकारी शामिल की जानी चाहिए उसमें आम तौर पर निम्नलिखित शामिल होते हैं:
- शोध का उद्देश्य
- जिन प्रक्रियाओं का उपयोग किया जाएगा
- भाग लेने के जोखिम और लाभ
- प्रतिभागी को किसी भी समय शोध से हटने का अधिकार
- शोधकर्ता की संपर्क जानकारी
- सूचित सहमति एक महत्वपूर्ण नैतिक सिद्धांत है जो अनुसंधान प्रतिभागियों के अधिकारों की रक्षा करता है।
- यह सुनिश्चित करता है कि प्रतिभागियों को अनुसंधान में भाग लेने के जोखिमों और लाभों के बारे में पता है और वे भाग लेने या न लेने के बारे में अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं।
अन्य विकल्प ग़लत हैं-
- अनामत्व का अर्थ है कि प्रतिभागियों की पहचान उजागर नहीं की जाएगी।
- गोपनीयता का अर्थ है कि प्रतिभागियों द्वारा प्रदान की गई जानकारी को निजी रखा जाएगा।
- किसी को कुछ करने के लिए राजी करने के लिए बल प्रयोग या धमकी का प्रयोग ही जबरदस्ती है।
इसलिए, अनुसंधान में आवश्यकता जो निर्दिष्ट करती है कि शोधकर्ताओं को प्रतिभागियों को भागीदारी अनुसंधान की प्रकृति और इसमें शामिल किसी भी जोखिम के बारे में सूचित करना चाहिए, सूचित सहमति के रूप में जाना जाता है।
Last updated on Jun 12, 2025
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