कापि उद्विग्ना छात्रा विचारमग्ना दृश्यते। बोधनकाले तस्याः अवग्रहणम् अपि तथैव अनुकूलम् नास्ति यथा भवितव्यम्। अधिगमन-प्रक्रिया-सन्दर्भे एतादृशी स्थितिः बाधा अस्ति

This question was previously asked in
CTET Sept 2014 Paper 1 (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit) (Hinglish Solution)
View all CTET Papers >
  1. शारीरिकी
  2. मनोगत्यात्मकी
  3. संज्ञानात्मकी
  4. भावात्मकी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भावात्मकी
Free
CTET CT 1: TET CDP (Development)
73.3 K Users
10 Questions 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

प्रश्न अनुवाद - कोई उद्विग्न छात्रा विचारमग्न दिखाई देता है। बोधनकाल में  उसका ध्यान नहीं रहता तथा वह अनुकूल भी नहीं होती। तथा अधिगमन प्रक्रिया में इसप्रकार की स्थिति बाधक है। 

स्पष्टीकरण - कोई उद्विग्न छात्रा विचारमग्न दिखाई देता है। बोधनकाल में  उसका ध्यान नहीं रहता तथा वह अनुकूल भी नहीं होती। तथा अधिगमन प्रक्रिया में इसप्रकार की स्थिति बाधक होती है। इसका मुख्य कारण भावात्मक विकार है । 

कोई भी व्यक्ति अगर विचारमग्न तथा विचाराधीन आदि दिखाई देती है तो उसका संबंध भावात्मकता से होता है 

मनोविकार किसी व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य की वह स्थिति है जिसे किसी स्वस्थ व्यक्ति से तुलना करने पर 'सामान्य' नहीं कहा जाता। स्वस्थ व्यक्तियों की तुलना में मनोरोगों से ग्रस्त व्यक्तियों का व्यवहार असामान्‍य अथवा दुरनुकूली निर्धारित किया जाता है और जिसमें महत्‍वपूर्ण व्‍यथा अथवा असमर्थता अन्‍तर्ग्रस्‍त होती है। इन्हें मनोरोग, मानसिक रोग, मानसिक बीमारी अथवा मानसिक विकार भी कहते हैं। मनोरोग मस्तिष्क में रासायनिक असंतुलन की वजह से पैदा होते हैं तथा इनके उपचार के लिए मनोरोग चिकित्सा की जरूरत होती है।

Key Points

भावनात्मक विकार -  

भावनात्मक विकार या 'मनोदशा विकार' मनोवैज्ञानिक बीमारियों के सबसे आम प्रकारों में से एक है।

जो व्यक्ति मनोदशा विकार के अनुभवों से ग्रसित होते हैं उनके मनोभाव दीर्घकाल तक प्रतिबंधित हो जाते हैं, वे व्यक्ति किसी एक मनोभाव पर स्थिर हो जाते हैं, या इन भावों की श्रेणियों में अदल-बदल करते रहते हैं। उदाहरण स्वरूप चाहे कोई व्यक्ति कुछ दिनों तक उदास रहे या किसी एक दिन उदास रहे और दूसरे ही दिन खुश रहे, उस के व्यवहार का परिस्थिति से कुछ संबंध न हो। इस तरह व्यक्ति के व्यवहारिक लक्षणों पर आश्रित मनोदशा विकार दो प्रकार के होते है-

  • अवसाद 
  • द्विध्रुविय 
अवसाद ऐसी मानसिक अवस्था है जो कि उदासी, रूचि का अभाव और प्रतिदिन की क्रियाओं में प्रसन्नता का अभाव अशांत निद्रा व नींद घट जाना कम भूख लगना, वजन कम होना, या ज्यादा भूख लगना व वजन बढ़ना, आलस, दोषी महसूस करना, अयोग्यता, असहायता, निराशा, एकाग्रता स्थापित करने में परेशानी और अपने व दूसरों के प्रति नकरात्मक विचारधारा के लक्षणों को दर्शाती है। 
अत: उपर्युक्त विवेचन से यह स्पष्ट होता है की 'उद्विग्न तथा विचारमग्न' ये लक्षण भावनात्मक विकारों में पाए जाते है। 
Additional Information
  • शारिरिकी - शारिरिक विकास से संबंधित होता है। 
  • मनोगत्यात्मकी - मनोगत्यात्मक विकास का संबंध माँसपेषियों के कार्य तथा शरीर में गतियों या क्रियाओं की उत्पत्ति से है जो मानसिक क्रिया के सचेतन नियंत्रण के अंतर्गत होती है।
  • संज्ञानात्मकी - बालक द्वारा सूचना प्रसंस्करण, भाषा सीखने, तथा मस्तिष्क के विकास के अन्य पहलुओं पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है।
Latest CTET Updates

Last updated on Apr 30, 2025

-> The CTET 2025 Notification (July) is expected to be released anytime soon.

-> The CTET Exam Date 2025 will also be released along with the notification.

-> CTET Registration Link will be available on ctet.nic.in.

-> CTET is a national-level exam conducted by the CBSE to determine the eligibility of prospective teachers.  

-> Candidates can appear for CTET Paper I for teaching posts of classes 1-5, while they can appear for CTET Paper 2 for teaching posts of classes 6-8.

-> Prepare for the exam with CTET Previous Year Papers and CTET Test Series for Papers I &II.

More भाषा विकार Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti apk download all teen patti game teen patti wealth