कहानीशिक्षणस्य प्रमुखम् उद्देश्यम् अस्ति-

This question was previously asked in
UTET 2021 Paper 1 (Hindi-English-Sanskrit)
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  1. मनोरंजनम्
  2. कल्पनाशक्तेः विकासः
  3. तार्किक शक्तेः विकासः
  4. श्रवणशक्तेः विकासः

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कल्पनाशक्तेः विकासः
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Uttarakhand TET (UTET) CDP Mock Test - 1
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प्रश्न का अनुवाद - कहानी शिक्षण का मुख्य उद्देश्य है -
स्पष्टीकरण - 'कल्पनाशक्ति का विकास' यह कहानी शिक्षण का मुख्य उद्देश्य है।

  • कहानियाँ सुनाना प्राथमिक कक्षाओं में बच्चों को भाषा सीखने में बहुत मदद करती है। कहानी सुनना बच्चों के लिए रुचिकर होने के साथ-साथ उनकी सृजनात्मकता को भी बढ़ाने वाला होता है। कई बार बच्चे सुनी हुई कहानी में मनचाहा बदलाव करके अपने मित्रों को सुनाते हैं।
  • इसके द्वारा बच्चे न केवल शब्दों के अर्थ बल्कि विभिन्न घटनाओं को भी समझने लगते हैं और साथ ही यह बच्चों की कल्पनाशीलता को भी बढ़ाती है। कहानी इस मायने में भी महत्त्वपूर्ण है कि यह बच्चों में अनुमान लगाने की क्षमता बढ़ाती है जैसे – जब कभी बच्चे कहानी सुन रहे होते हैं, तो उनकी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है कि आगे क्या होगा? वे अपने स्तर पर अनुमान लगाते रहते हैं और अगर कहानी उनकी सोच के अनुरूप आगे बढ़ती है, तो वे ज्यादा आत्मविश्वासी होने लगते हैं और समय के साथ-साथ उनके अनुमान ज्यादा सटीक होते जाते हैं। और उनकी काल्पनिकता को बढ़ावा मिलता है। 
  • मानव जीवन की किसी घटना, भाव आदि पर आधारित कथा को कहानी की संज्ञा दी जाती है। कहानी संक्षिप्त होती है तथा आधुनिक व्यस्त जीवन के लिए उत्कृष्ट साहित्य है। गय साहित्य की अनेक विधाओं में कहानी सबसे अधिक लोकप्रिय विधा है। 

Important Points

कहानी शिक्षण के उद्देश्य :

  • साहित्य के प्रति रुचि विकसित करना।
  • कहानी में निहित भावों, विचारों, नैतिक मूल्यों को ग्रहण करने की क्षमता विकसितकरना।
  • सृजनात्मक शक्ति का विकास करना।
  • शब्द, सूक्ति, मुहावरे आदि के भंडार को समृद्ध करना।
  • अनुमान लगाने की क्षमता का विकास करना।
  • एकाग्रता को विकसित करना।
  • कहानी की रचनाशीलता का विकास करना ।
  • कल्पना और स्मरण शक्ति का विकास करना।

Additional Information

कहानी शिक्षण विधि -

  1. प्रस्तावना : सबसे पहले कक्षा में उचित वातावरण बनाकर कहानी कहने का माहौल बनाया जाता है। जिससे कहानी की पढ़ाई को मनोरंजक और प्रेरणादायी बनाया जा सके।
  2. कहानी कथन/प्रस्तुतीकरण : प्रस्तावना के बाद इस सोपान में कहानी को मजेदार ढंग से सुनाया जाता है। इस सोपान में कहानी को ऐसे सुनाया जाता है कि कहानी सुनने वाले और कहानी सुनाने वाले आपस में विचारों को बाँट सकें। उचित उतार चढाव और जिज्ञासा के साथ कहानी को सुना और सुनाया जाता है।
  3. कहानी सुनना/पुनरावृत्ति : इस सोपान में कहानी सुनाने वाला कहानी सुनने वाले से कहानी सुनता है। इस प्रकार कक्षा में एक-एक करके विद्यार्थी कहानी सुनाते हैं। इस प्रकार कहानी पर चर्चा होती है और बोध प्रश्न भी करवाए जाते हैं। कहानी में नैतिक शिक्षा, भाव, कहानी के चरित्रों, पात्रों पर चर्चा की जाती है।
  4. प्रश्नोत्तर - शिक्षक छात्रों से कहानी से सम्बन्धित प्रश्न पूछता है।
  5. गृहकार्य : इस सोपान में कहानी से संबन्धित प्रश्नों के आधार पर गृह कार्य करने के लिए दिया जाता है।

 

इस प्रकार स्पष्ट होता है कि छात्रों के कल्पनाशक्ति का विकास यह कहानी शिक्षण का मुख्य उद्देश्य है।

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Last updated on Jul 11, 2025

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