"लक्ष्यलक्षणे व्याकरणं" इति कम् विधिम् द्योतयति?

This question was previously asked in
REET Level 2 Social Science - 23rd July 2022 (S2) (Hindi-English-Sanskrit)
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  1. समाहारविधिम्
  2. आगमननिगमनविधिम्
  3. प्रत्यक्षविधिम्
  4. वार्तालापविधिम्

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Option 2 : आगमननिगमनविधिम्
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प्रश्नानुवाद - "लक्ष्यलक्षणे व्याकरणं" यह किस विधि को द्योतित करता है?

स्पष्टीकरण - लक्ष्यलक्षणे व्याकरणं - यह वार्तालाप विधि को द्योतित करता है।

  • लक्ष्यलक्षणे व्याकरणं - यह पंक्ति व्याकरण महाभाष्य में उल्लिखित है, जिसके रचनाकार महर्षि पतंजलि है। यह भाष्य गद्य शैली में लिखित है।
  • जहाँ पक्ष और प्रतिपक्ष है, जिनके मध्य संवाद है, जहाँ एक पक्ष अपनी शंका व्यक्त करता है, तो दूसरा पक्ष उसका निराकरण
  • लक्ष्य-लक्षणे व्याकरणम् - शब्द को व्याकरण मानते हुए पतञ्जलि ने व्याकरण का स्वरूप भी बताया है।
  • महाभाष्यकार कहते है कि “लक्ष्यलक्षणे व्याकरणम्” अर्थात् लक्ष्य यानि "शब्द" और लक्षण अर्थात् "सूत्र' इन दोनों से मिलकर ही 'व्याकरण' बनता है। न केवल लक्ष्य और न केवल लक्षण ही व्याकरण है।
  • इस पर पूछते हैं कि लक्ष्य क्या है और लक्षण क्या है? इसका उत्तर देते हैं कि - 'शब्द' लक्ष्य है और ‘सूत्र' लक्षण है।
  • ''सूत्र" द्वारा शब्दों का साधन होगा, तो 'सूत्र' लक्षण बन जाता है और जिन शब्दों का साधन होगा, वे 'शब्द' लक्ष्य हैं।
  • इस प्रकार 'उदाहरण' और 'सूत्र' दोनों ही मिलकर 'व्याकरण' शब्द का अर्थ बन जाते हैं।
  • भाष्यकार आगे इस पर आपत्ति करते हुए कहते हैं कि किन्तु 'व्याकरण' शब्द का ऐसा अच्छा अर्थ करने पर भी यह दोष आता ही है कि शब्द और सूत्र अर्थात् लक्ष्य और लक्षण दोनों को मिलाकर ही 'व्याकरण' शब्द का अर्थ बनेगा।
  • इसके फलस्वरूप केवल 'लक्ष्य' और केवल 'लक्षण' इन में अलग-अलग 'व्याकरण' शब्द का अर्थ नहीं घट सकेगा अर्थात् लक्ष्य-लक्षण मिला हुआ जो समुदाय है, वही व्याकरण होगा।
  • परिणामत: उनका अवयव जो केवल 'लक्ष्य' और केवल 'लक्षण' है, वह 'व्याकरण' नहीं बन सकेगा। परन्तु हम चाहते यह हैं कि केवल 'सूत्र' पढ़ने वाला भी 'वैयाकरण' कहलाए - "व्याकरणमधीते इति वैयाकरणः"। यहाँ 'व्याकरण' शब्द से 'तदधीते तद् वेद" (पा. 4.2.59) सूत्र से 'अण्' प्रत्यय होकर यह 'वैयाकरण' शब्द बनता है। यहाँ केवल 'सूत्र' को पढ़ने वाला भी 'वैयाकरण' कहलाता है।

 

अतः कहा जा सकता है कि लक्ष्यलक्षणे व्याकरणं - यह वार्तालाप विधि को द्योतित करता है।

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