लघुकथानाम् आख्यानाञ्च एक सङ्कलनं भाषाशिक्षणार्थं पूरकपाठ्यवस्तुरूपेण निर्धार्यते। पूरकपाठ्यवस्तुनः मुख्य प्रयोजनं किम् अस्ति ?

This question was previously asked in
CTET Paper 2 Social Science 22nd Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
View all CTET Papers >
  1. सघनपठनस्य संवृद्धिः
  2. नैतिकशिक्षायाः संवृद्धिः
  3. व्यापक-अध्ययनस्य संवृद्धिः
  4. शैक्षणिक योग्यतानां संवृद्धिः

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : व्यापक-अध्ययनस्य संवृद्धिः
Free
CTET CT 1: TET CDP (Development)
74.3 K Users
10 Questions 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF

प्रश्नानुवाद - लघु कथाओं और आख्यानों के एक सङ्कलन को भाषा शिक्षण के लिए पूरक पाठ्यवस्तु के रूप में निर्धारित करते है। पूरक पाठ्यवस्तु का मुख्य प्रयोजन क्या है?

स्पष्टीकरण - पूरक पाठ्यवस्तु का मुख्य प्रयोजन व्यापक अध्ययन में वृद्धि करना होता है। जिससे छात्रों को किसी विषय से सम्बद्ध सभी बिन्दुओं का ज्ञान अच्छे से हो जाये। साथ ही उनकी स्वाध्याय की प्रवृत्ति भी विकसित हो। कथाओं और आख्यानों में छात्रों की विशेष रुचि होती है, जिन्हें पढ़ने के लिए वे उत्सुक रहते हैं। इस तरह की सामग्री को पूरक विषयवस्तु के रूप में प्रयोग करने से उनकी अध्ययन प्रवृत्ति का विकास होगा।

Important Points

पूरक पाठ्यवस्तु/सामग्री

भाषा के अधिगम के लिए बोधगम्य सामग्री की आवश्यकता होती है। यह बोधगम्य सामग्री ऐसी होनी चाहिये, जिससे पढ़ते समय विद्यार्थी की प्रेरणा, आत्मविश्वास​, उत्सुकता और भाषा सीखने के प्रति उसके सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहन मिले और भाषा के अधिगम हेतु विद्यार्थी की क्षमता का विकास हो। अतः यदि ऐसे बोधगम्य सामग्री में पूरकपठन सामग्री का उपयोग किया जाये तो निम्नलिखित परिणाम देखने को मिल सकते हैं -

  • इससे विद्यार्थियों को लक्ष्यभाषा श्रवण करने के लिये, बोलने के लिये अथवा पढ़ने के लिये अवसर मिलेगा।
  • इससे छात्रों की पढ़ने के प्रवृत्ति विकसित होती है। जिससे वे किसी विषय को व्यापक रूप से समझने का प्रयास करते हैं।
  • पूरकपठन होने के कारण स्वरूप विद्यार्थियों में उत्साह जागृत होकर​ सीखने में उनकी रुचि बढे़गी।
  • विद्यार्थियों का ध्यान केन्द्रित रखने में यह सहायक सिद्ध होगा। 
  • पूरकपठन में अंतर्भूत शिक्षा/मूल्य के कारण​ सीखे हुये पाठ को वह लंबे समय तक याद रख सकते हैं।
  • विद्यार्थियों की कल्पनाशक्ति का विकास होता है।
  • पूरकपठन नीतिपूर्ण गुणों, विविध कौशलों को बढ़ावा देता है, जिससे विद्यार्थियों का भावनात्मक और बौद्धिक क्षमताओं का भी विकास होता है। 

 

अतः कहा जा सकता है कि पूरक पाठ्यवस्तु का मुख्य उद्देश्य छात्रों के व्यापक अध्ययन में वृद्धि करना है। (अन्य सभी विकल्पों का समावेश व्यापक अध्ययन के अन्तर्गत हो जाता है।)

Latest CTET Updates

Last updated on Apr 30, 2025

-> The CTET 2025 Notification (July) is expected to be released anytime soon.

-> The CTET Exam Date 2025 will also be released along with the notification.

-> CTET Registration Link will be available on ctet.nic.in.

-> CTET is a national-level exam conducted by the CBSE to determine the eligibility of prospective teachers.  

-> Candidates can appear for CTET Paper I for teaching posts of classes 1-5, while they can appear for CTET Paper 2 for teaching posts of classes 6-8.

-> Prepare for the exam with CTET Previous Year Papers and CTET Test Series for Papers I &II.

More शिक्षण विधियाँ Questions

Get Free Access Now
Hot Links: master teen patti teen patti 3a teen patti pro