काव्यपाठनस्य विषये निम्नलिखितेषु किम् कथनम् समीचीनम् अस्ति ?

a. व्याकरणं पाठयितुं काव्यम् प्रयोक्तव्यम्।

b. काव्यम् समीक्षार्थम् प्रसन्नतार्थम्, मनोरञ्जनार्थम् च भवति।

c. भाषाशिक्षणार्थम् काव्यम् निवेशः (input) अस्ति।

d. काव्यम् सौन्दर्यबोधम् समीक्षात्मकम् चिन्तनम् च वर्धयति।

This question was previously asked in
CTET Paper 2 Social Science 24th Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
View all CTET Papers >
  1. a तथा b तथा c
  2. b तथा c तथा d
  3. a तथा d तथा c
  4. a तथा b तथा c तथा d

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : b तथा c तथा d
Free
CTET CT 1: TET CDP (Development)
75.4 K Users
10 Questions 10 Marks 8 Mins

Detailed Solution

Download Solution PDF
प्रश्नानुवाद - काव्य पाठन के विषय में निम्नलिखित में से कौनसा कथन समीचीन है ?

a. व्याकरण को पढ़ाने के लिए काव्य का प्रयोग करना चाहिए।

b. काव्य समीक्षा, प्रसन्नता, मनोरञ्जन के लिए होता है।

c. भाषा शिक्षण के लिए काव्य निवेश (input) है।

d. काव्य सौन्दर्य बोध और समीक्षात्मक चिन्तन को बढ़ाता है।

स्पष्टीकरण - दिये गये विकल्पों में काव्य शिक्षण के विषय में b. काव्य समीक्षा, प्रसन्नता, मनोरञ्जन के लिए होता है, c. भाषा शिक्षण के लिए काव्य निवेश (input) है, d. काव्य सौन्दर्य बोध और समीक्षात्मक चिन्तन को बढ़ाता है - ये तीनों कथन समीचीन हैं।

काव्य शिक्षण पद्य शिक्षण है, जिसमें किसी कविता या श्लोक को पढ़ा जाता है। जिसका मुख्य उद्देश्य भावानुभूति, रसानुभूति और प्रसन्नता प्राप्त करना है।

Important Pointsपद्य शिक्षण -

  • संस्कृत शिक्षण में ऐसी अनेक विधाएं हैं, जो अधिगम को प्रभावशाली होने के साथ-साथ रोचक भी बनाती है।
  • उन विधाओं में पद्य शिक्षण भी एक विशिष्ट विधा है, जिसके द्वारा किसी छन्दोबद्ध विषय को सरलतया गेय रूप में पढ़ाया जाता है।
  • जो छात्रों को अधिगम कराने के साथ-साथ शिक्षण को भी रोचक बनाता है।

पद्य शिक्षण के निम्नलिखित उद्देश्य हैं, जो शिक्षण प्रक्रिया को विशिष्ट बनाते हैं - 

  • छात्रों में संस्कृत के प्रति निष्ठा वर्धन करना।
  • छात्रों को काव्य सौन्दर्यानुभूति से परिचित कराना।
  • छात्रों में छन्द, लय, भावानुसार काव्य पाठ की योग्यता को बढ़ाना।
  • कल्पनाशक्ति तथा तर्कशक्ति का विकास करना।
  • भाषा कौशलों का विकास करना।
  • शब्दकोश में वृद्धि करना।
  • छात्रों में नैतिक मूल्यों का विकास करना।
  • छात्रों में सृजनात्मक शक्ति का विकास करना।
  • छात्रों की कल्पना शक्ति का विकास करना।
  • पद्य के मूल भाव बोध की क्षमता उत्पन्न करना।
  • पद्य-रसानुभूति कराना।
  • छात्रों में शुद्धोच्चारण की योग्यता का विकास करना।
  • छात्रों को संस्कृत छन्द सम्बन्धित नियमों से अवगत कराना।

 

अतः कहा जा सकता है कि काव्य शिक्षण के विषय में b. काव्य समीक्षा, प्रसन्नता, मनोरञ्जन के लिए होता है, c. भाषा शिक्षण के लिए काव्य निवेश (input) है, d. काव्य सौन्दर्य बोध और समीक्षात्मक चिन्तन को बढ़ाता है - (b, c, d) ये तीनों कथन समीचीन हैं। (जबकि व्याकरण को पढ़ाने के लिए काव्य का प्रयोग करना चाहिए। यह कथन असंगत है।)

Latest CTET Updates

Last updated on Apr 30, 2025

-> The CTET 2025 Notification (July) is expected to be released anytime soon.

-> The CTET Exam Date 2025 will also be released along with the notification.

-> CTET Registration Link will be available on ctet.nic.in.

-> CTET is a national-level exam conducted by the CBSE to determine the eligibility of prospective teachers.  

-> Candidates can appear for CTET Paper I for teaching posts of classes 1-5, while they can appear for CTET Paper 2 for teaching posts of classes 6-8.

-> Prepare for the exam with CTET Previous Year Papers and CTET Test Series for Papers I &II.

More शिक्षण विधियाँ Questions

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti joy mod apk teen patti master downloadable content teen patti master apk