कठोराभ्यासः निम्नलिखितेषु कस्य मुख्यपद्धतिः अस्ति ?

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CTET Paper 1 - 24th Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. समग्रभाषापक्षस्य
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  3. व्याकरण-अनुवादविधेः
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Option 3 : व्याकरण-अनुवादविधेः
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प्रश्नानुवाद - कठोराभ्यास निम्नलिखित में किसकी मुख्य पद्धति है ?

स्पष्टीकरण - कठोराभ्यास /निरन्तराभ्यास व्याकरणानुवाद विधि की मुख्य पद्धति है। जिसमें निरन्तर अभ्यास अपेक्षित है, जिससे विषय को समझा जा सके। इसमें निरन्तर अभ्यास अपेक्षित होता है। तभी विषय को समझा जा सकता है।

  • व्याकरण-अनुवाद विधि का दूसरा नाम भण्डारकर विधि है।
  • इसका प्रतिपादन डाॅ रामकृष्ण गोपाल भण्डारकार महोदय द्वारा किया गया, जिसके कारण इस विधि को भण्डारकर विधि भी कहा जाता है।

Important Points

व्याकरणानुवाद विधि-

  • भारत में इस विधि का प्रयोग सर्वप्रथम रामकृष्ण गोपाल भण्डारकर द्वारा किया गया, इसलिए उनके सम्मान में इस विधि को भण्डारकर विधि कहा जाता है।
  • इस विधि में शिक्षण करने के लिए व्याकरण और अनुवाद पद्धति का सहारा लिया जाता है।
  • इस विधि में जिस भाषा का शिक्षण करना होता है, उस भाषा के व्याकरण का प्रयोग किया जाता है। 
  • अनुवाद में दो भाषाओं की आवश्यकता होती है। एक को स्रोत भाषा कहते हैं तथा दूसरी को लक्ष्य भाषा कहते हैं।
  • जिस भाषा के पाठ का अनुवाद किया जाता है, उसे स्रोत भाषा एवं जिस भाषा में अनुवाद किया जाता है, उसे लक्ष्य भाषा कहते हैं। 
  • जिस भाषा का शिक्षण करना होता है, उस भाषा से विद्यार्थी की मातृभाषा एवं विद्यार्थी की मातृभाषा से जिस भाषा का शिक्षण किया जा रहा है, उस भाषा में अनुवाद किया जाता है और करवाया जाता है। 
  • संस्कृत भाषा के सन्दर्भ में यहाँ संस्कृत व्याकरण की सहायता ली जाती है। संस्कृत भाषा से हिन्दी या विद्यार्थी की मातृभाषा में तथा हिन्दी या विद्यार्थी की मातृभाषा से संस्कृत में अनुवाद किया जाता है और कराया जाता है।
  • इसमें अभ्यास अपेक्षित है, तभी अन्य भाषा में अनुवाद किया जा सकता है या उसे समझा जा सकता है, क्योंकि अनुवाद करते समय व्याकरण का भी ध्यान रखना होता है, जो अत्यन्त जटिल कार्य है।
  • यदि अनुवाद करते समय व्याकरण का ध्यान न रखा जाये, तो अनुवाद सही रूप ने नहीं होगा और भाषागत अशुद्धता भी होगी।

 

अतः कहा जा सकता है कि व्याकरण-अनुवाद विधि में कठोराभ्यास की आवश्यकता होती है। (अन्य विकल्प यहाँ असंगत हैं।)

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