शब्दालंकार MCQ Quiz in বাংলা - Objective Question with Answer for शब्दालंकार - বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন [PDF]

Last updated on Mar 29, 2025

পাওয়া शब्दालंकार उत्तरे आणि तपशीलवार उपायांसह एकाधिक निवड प्रश्न (MCQ क्विझ). এই বিনামূল্যে ডাউনলোড করুন शब्दालंकार MCQ কুইজ পিডিএফ এবং আপনার আসন্ন পরীক্ষার জন্য প্রস্তুত করুন যেমন ব্যাঙ্কিং, এসএসসি, রেলওয়ে, ইউপিএসসি, রাজ্য পিএসসি।

Latest शब्दालंकार MCQ Objective Questions

Top शब्दालंकार MCQ Objective Questions

शब्दालंकार Question 1:

जहां पर किसी एक शब्द का प्रयोग अनेक अर्थों में हो, वहाँ कौन सा अलंकार होता है।

  1. उपमा
  2. उत्प्रेक्षा
  3. अतिश्योक्ति
  4. श्लेष

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : श्लेष

शब्दालंकार Question 1 Detailed Solution

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 4 श्लेष होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

स्पष्टीकरण:

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

 

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

उत्प्रेक्षा

उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलौने गात।

मनहु नीलमणि सैल  पर, आवत परयो प्रभात।।

अतिश्योक्ति

जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये तो वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है।

लहरें व्योम चूमती उठती

देख लो साकेत नगरी है यही!

स्वर्ग से मिलने गगन जा रही हैं!!

शब्दालंकार Question 2:

जिस पंक्ति या जिन पंक्तियों में एक ही शब्द के अनेक अर्थ निकलते हैं, तो वहाँ कौन-सा अलंकार होता है?

  1. अनुप्रास अलंकार
  2. यमक अलंकार
  3. वक्रोक्ति अलंकार
  4. श्लेष अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : श्लेष अलंकार

शब्दालंकार Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर है- ‘श्लेष अलंकार’।

  • जिन पंक्तियों में एक ही शब्द के अनेक अर्थ निकलते हैं, तो वहां श्लेष अलंकार होता है।
  • श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ, अर्थात इस अलंकार में कई अर्थ चिपके हुए होते हैं।

Key Points

उदाहरण :
मेरी भव बाधा हरो राधा नागरि सोय।
जा तन की झाँई परे श्याम हरित दुति होय।

  • ऊपर दिए गए काव्यांश में कवि द्वारा हरित शब्द का प्रयोग दो अर्थ प्रकट करने के लिए किया है।
  • यहाँ हरित शब्द के अर्थ हैं- हर्षित (प्रसन्न होना) और हरे रंग का होना।
  • अतः यह उदाहरण श्लेष के अंतर्गत आएगा क्योंकि एक ही शब्द के दो अर्थ प्रकट हो रहे हैं।

Additional Informationअलंकार:

  • अलंकार, कविता के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। जिस प्रकार आभूषण से नारी का लावण्य बढ़ जाता है,
    उसी प्रकार अलंकार से कविता की शोभा बढ़ जाती है।
  • शब्द तथा अर्थ की जिस विशेषता से काव्य का श्रृंगार होता है उसे ही अलंकार कहते हैं।
  • अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिश्योक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं। इसके अलावा अन्य अलंकार भी हैं।

शब्दालंकार Question 3:

“कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय'' -इस पंक्ति में प्रयुक्त अलंकार पहचानें।

  1. अनुप्रास
  2. श्लेष
  3. रूपक
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

शब्दालंकार Question 3 Detailed Solution

यमक अलंकार यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है।

कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय'' पंक्ति में यमक अलंकार का प्रयोग किया गया है।

यहाँ दो समान शब्द अलग-अलग अर्थों में प्रयोग किए गए हैं।

अत: सही विकल्प (1) यमक ही होगा।                   

विशेष

यमक अलंकार-

जिस पंक्ति में दो समान दिखने वाले शब्द भिन्न-भिन्न अर्थों में प्रयोग हो तो वहाँ यमक अलंकार ही होता है।

जैसे- “कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय'

उक्त पंक्ति में कनक का अर्थ स्वर्ण और धतूरा दोनो के अर्थ में किया गया है।

शब्दालंकार Question 4:

“रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।

पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून ।”

इन पंक्तियों में कौन सा अलंकार है ?

  1. यमक अलंकार
  2. श्लेष अलंकार
  3. वीप्सा अलंकार 
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : श्लेष अलंकार

शब्दालंकार Question 4 Detailed Solution

  • श्लेष अलंकार यहाँ उचित विकल्प है, अन्य सभी विकल्प असंगत है। उपरोक्त पंक्ति में श्लेष अलंकार के भाव स्पष्ट झलक रहे हैं।
  • अत: सही विकल्प श्लेष ही होगा।

Key Points 

श्लेष अलंकार की परिभाषा :-

  • जहां शब्द एक बार प्रयोग हो परंतु उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं अर्थात उसके दो या दो से अधिक अर्थ निकलते हैं तो वहां श्लेष अलंकार होता है।

श्लेष अलंकार की पहचान :-

  • इस अलंकार की पहचान शब्दों के आपस में चिपके होने से की जाती है। मतलब की एक ही शब्द में दो अर्थ चिपके होते हैं , वहां श्लेष अलंकार होता है। उदाहरण के लिए आप ऊपर दिए गए दोहे में देख सकते हैं कि पानी शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है और सब का अर्थ भिन्न है।

Important Points 

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है। रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। इस एक शब्द के द्वारा अनेक अर्थों का बोध कराए जाने के कारण यहाँ श्लेष अलंकार है। 

यमक

जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा,
नभ मंडल तारक वृन्द खिले। 

उपर्युक्त काब्य पंक्ति में शरद के आगमन पर उसके सौंदर्य का चित्रण किया गया है। वर्षा बीत गई है, शरद ऋतु आ गई है। काली घटा का घमंड घट गया है। "घटा" शब्द के दो विभिन्न अर्थ है- घटा= काले बादल और घटा= कम हो गया। घटा शब्द ने इस पंकित में सौंदर्य उतपन्न कर दिया है। यह यमक का सौंदर्य है।  इसलिए यहां पर यमक अलंकार होगा। 

शब्दालंकार Question 5:

'पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून' इस काव्य पँक्ति में प्रयुक्त अलंकार है-

  1. श्लेष
  2. यमक
  3. रूपक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : श्लेष

शब्दालंकार Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर 'श्लेष' है।

  • 'पानी गये न ऊबरे, मोती, मानुष, चून' इस काव्य पँक्ति में श्लेषअलंकार प्रयुक्त है।
  • यहाँ पानी शब्द का प्रयोग हुआ है और पानी का तीन अर्थ हैं – चमक (मोती के पक्ष में), प्रतिष्ठा (मनुष्य के पक्ष में) तथा जल (चूने के पक्ष में)।
  • इस आधार पर यहाँ श्लेष अलंकार है।
  • श्लेष अलंकार: जिस अंलकार में शब्दों की आवृत्ति एक से अधिक बार हुए बिना संदर्भ अनुसार दो या दो से अधिक अर्थ निकले वहां पर श्लेष अलंकार होता है।

Key Points अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक 

यमक अलंकार अर्थात जहाँ किसी भी पंक्ति में एक ही शब्द का दो बार प्रयोग किया गया हो और दोनों का अर्थ अलग-अलग हो।

कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। 

रूपक

उपमेय और उपमान में जब अंतर दिखाई ना दे तो हम उसे रूपक अलंकार कहते हैं।

चरण-कमल बंदों हरि राई।

उपमा 

उप का अर्थ है समीप से और पा का अर्थ है तोलना या देखना। अतः जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है, तब वहाँ उपमा अलंकार होता है।

पीपर पात सरिस मन ड़ोला।

शब्दालंकार Question 6:

एक या अनेक वर्णों की पास-पास तथा क्रमानुसार आवृत्ति को कौन-सा अलंकार माना जाता है?

  1. वक्रोक्ति अलंकार
  2. मानवीकरण अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अनुप्रास अलंकार

शब्दालंकार Question 6 Detailed Solution

एक या अनेक वर्णों की पास-पास तथा क्रमानुसार आवृत्ति को अनुप्रास अलंकार माना जाता है।

  • उदाहरण - मुदित हापति मंदिर आये।
    • (यहाँ पर ‘म’ वर्ण की आवृति हो रही है। यह आवृति वाक्य का सौंदर्य बढ़ा रही है। अतः यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आएगा।) 

Key Points 

वक्रोक्ति अलंकार:-

  • जिस शब्द से कहने वाले व्यक्ति के कथन का अर्थ न ग्रहण कर सुनने वाला व्यक्ति अन्य ही चमत्कारपूर्ण अर्थ लगाये और उसका उत्तर दे, तब उसे वक्रोक्ति अलंकार कहते हैं। 

उदाहरण -

  • एक कह्यौ वर देत भव भाव चाहिए चित्त।
  • सुनि कह कोउ भोले भवहिं भाव चाहिए मित्त।।
  • (किसी ने कहा शिव वर देते हैं लेकिन उसके लिए चित्त में भाव होना चाहिये। यह सुन कर दूसरे ने कहा - अरे मित्र, शिव इतने भोले हैं कि उनके रिझाने के लिए ‘भाव’ की भी आवश्यकता नहीं।)

मानवीकरण अलंकार:-

  • जब प्राकृतिक वस्तुओं कैसे पेड़, पौधे बादल आदि में मानवीय भावनाओं का वर्णन हो यानी निर्जीव चीज़ों में सजीव होना दर्शाया जाए तब वहां मानवीकरण अलंकार आता है। 

उदाहरण -

  • मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के। 
  • (यहाँ बादल बड़े सज कर आये लेकिन ये सब क्रियाएं तो मनुष्य कि होती हैं न कि बादलों की।)

श्लेष अलंकार:-

  • श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। 
  • जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण -

  • रावण सर सरोज बनचारी। चलि रघुवीर सिलीमुख
  • (यहाँ पर सिलीमुख शब्द के दो अर्थ निकल रहे हैं। इस शब्द का पहला अर्थ बाण से एवं दूसरा अर्थ भ्रमर से है।)

शब्दालंकार Question 7:

निम्न में कौन सा अलंकार अर्थालंकार नहीं है?

  1. उत्प्रेक्षा
  2. उपमा
  3. रूपक
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

शब्दालंकार Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर 'यमक' है। 

Key Points

  • 'यमक' अलंकार अर्थालंकार नहीं है 
  • 'यमक' अलंकार शब्दालंकार है
  • शब्दालंकार के प्रकार- अनुप्रास, यमक, श्लेष, पुनरुक्ति, विप्सा, वक्रोक्ति

 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक 

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

 

Additional Information

  • अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है आभूषण या गहना।
  • जैसे विभिन्न प्रकार के आभूषणों से शरीर की शोभा और सुंदरता में वृद्धि होती है।
  • उसी प्रकार अलंकारों से काव्य या कविता की सुंदरता बढ़ जाती है।
  • अलंकार के तीन भेद हैं- शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार 

अलंकार

परिभाषा

प्रकार

शब्दालंकार

जब अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल कर देने से फिर उस शब्द का अस्तित्व ही न बचे तो ऐसी स्थिति को शब्दालंकार कहते हैं। 

अनुप्रास, यमक, श्लेष, पुनरुक्ति, विप्सा, वक्रोक्ति

अर्थालंकार

काव्य में जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ अर्थालंकार होता है।

उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, अन्योक्ति, विरोधाभास,  अपह्नुति, भ्रांतिमान, संदेह,  व्याजस्तुति,  व्याजनिंदा,  विशेषोक्ति,  विभावना, मानवीकरण,  व्यतिरेक, दृष्टान्त,

उभयालंकार

जहाँ काव्य में ऐसा प्रयोग किया जाए जिससे शब्द और अर्थ दोनों में चमत्कार हो वहाँ उभयालंकार होता है।

संसृष्टि, संकर

 

शब्दालंकार Question 8:

“तट तमाल तरूवर बहू छाए।“ में कौन सा अलंकार है?

  1. यमक
  2. श्लेष
  3. रूपक
  4. अनुप्रास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अनुप्रास

शब्दालंकार Question 8 Detailed Solution

‘तट तमाल तरूवर बहू छाए।‘ में अनुप्रास अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 4 अनुप्रास अलंकार होगा। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

स्पष्टीकरण:

प्रस्तुत पंक्तियों ‘तट तमाल तरूवर बहू छाए’ में ‘त’ वर्ण की आवृत्ती हो रही है और यह अनुप्रास अलंकार में होता है। इसलिए यहाँ अनुप्रास अलंकार होगा।

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

 

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

रूपक

जहां उपमेय और उपमान में कोई अंतर नहीं होता है वहाँ पर रूपक अलंकार होता है।

चरण-कमल बंदौ हरि राई!

शब्दालंकार Question 9:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।

भिखारिन को देखकर पट देत बार - बार 

  1. श्लेष अलंकार
  2. अतिश्योक्ति अलंकार
  3. रूपक अलंकार 
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : श्लेष अलंकार

शब्दालंकार Question 9 Detailed Solution

सही उत्तर 'श्लेष अलंकार' है। 

Key Points
  • 'भिखारिन को देखकर पट देत बार-बार है' इस पंक्ति में 'श्लेष अलंकार' है।
  • इसमें 'पट' के दो अर्थ हैं– (1) वस्त्र और (2) किवाड़।
  • पहला अर्थ– वह व्यक्ति किसी याचक को देखकर उसे बार-बार 'वस्त्र' देता और और दूसरा अर्थ है– वह व्यक्ति याचक को देखते ही दरवाजा बंद कर लेता है। 
  • 'श्लेष' का अर्थ है 'चिपकना'।
  • जहां एक शब्द एक ही बार प्रयुक्त होने पर दो अर्थ दें वहां श्लेष अलंकार होता है।

अन्य विकल्प: 

  • आतिशयोक्ति अलंकार - जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है।
  • रूपक अलंकार - जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय में ही उपमान का अभेद आरोप कर दिया हो, वहाँ रूपक अलंकार होता है।
  • उत्प्रेक्षा अलंकार - जहां समानता के कारण उपमेय में संभावना या कल्पना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। 

Additional Information

  • अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आभूषण या गहना’ जिस प्रकार स्वर्ण आदि के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार काव्य अलंकारों से काव्य की शोभा बढ़ती है।
  • अलंकार के तीन प्रकार अथवा भेद होते हैं, किन्तु प्रधान रूप से अलंकार के दो भेद माने जाते हैं — शब्दालंकार तथा अर्थालंकार। 

शब्दालंकार Question 10:

कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि। कहत लखन सन राम हृदय गुनि।। - में निम्न में से कौन सा अलंकार है?

  1. रूपक अलंकार
  2. यमक अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. उपमा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अनुप्रास अलंकार

शब्दालंकार Question 10 Detailed Solution

कंकन किंकिन नूपुर धुनि सुनि।

कहत लखन सन राम हृदय गुनि।। 

प्रस्तुत पंक्तियों में "अनुप्रास अलंकार" है।

इसका कारण यह है कि इसमें "क" वर्ण की आवृत्ति हो रही है जिससे काव्य में चमत्कार उत्पन्न हो रहा है।

Key Points

अनुप्रास अलंकार:
अनुप्रास अलंकार दो शब्दों से मिलकर बना है – अनु + प्रास। इसमें अनु का मतलब होता है बार बार और प्रास का अर्थ होता है वर्ण।

अर्थात जब किसी की वर्ण की बार बार आवृति से चमत्कार उत्पन्न होता है तो वो अनुप्रास अलंकार कहलाता है।

दुसरे शब्दों में कहें तो किसी वर्ण विशेष की आवृत्ति से वाक्य की सुन्दरता बढ़ जाए तो उसे अनुप्रास अलंकार कहते हैं।

उदाहरण :

  • चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में। ( इसमें च वर्ण की आवृति से वाक्य की सुंदरता बढ़ रही है।)

Additional Information

रूपक अलंकार:
रूपक शब्द का अर्थ होता है एकता। यहाँ दो वस्तुओं (या उपमेय और उपमान) के मध्य का भेद खत्म करना है। इसे रूपक अलंकार कहते हैं।

उदाहरण: 

  • मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों

यहाँ पर खिलौना और चाँद में किसी प्रकार की समानता न दिखाते हुए चंद्र को ही खिलौना बता दिया गया है। यानी एक ही बतया गया है।

यमक अलंकार:
यमक अलंकार में काव्य रचना में कोई शब्द या शब्द समूह का प्रयोग बार बार हो और प्रत्येक बार उसका अर्थ भिन्न हो, तो उसे यमक अलंकार कहते हैं।

उदाहरण :

  • कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।।

यहाँ कनक शब्द का प्रयोग एक से अधिक बार हुआ है। इसमें पहले कनक का अर्थ धतूरे से है और दूसरे का अर्थ स्वर्ण से।

उपमा अलंकार:
जब सामान धर्म के आधार पर विभिन्न वस्तुओं की तुलना की जाती है, वहां उपमा अलंकार का प्रयोग होता है।

तुलन करने के लिए सा, सी, से, जैसे- सम आदि शब्दों का प्रयोग होता है वहां उपमा अलंकार होता है।

उदाहरण: 

  • कर कमल-सा कोमल है

यहाँ कमल के सामान कोमल हाथों की बात की जा रही है। हाथ कमल के सामान कोमल हैं।

Get Free Access Now
Hot Links: teen patti master new version teen patti fun teen patti diya