शब्दालंकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for शब्दालंकार - Download Free PDF

Last updated on Jun 16, 2025

Latest शब्दालंकार MCQ Objective Questions

शब्दालंकार Question 1:

''तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है।'' में कौन सा अलंकार है?

  1. अनुप्रास
  2. यमक
  3. श्‍लेष
  4. रुपक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : यमक

शब्दालंकार Question 1 Detailed Solution

उपरोक्त पंक्तियों में 'यमक' अलंकर है। अतः सही उत्तर विकल्प 2 'यमक' है।

Key Points

  • 'तीन बेर खाती थी वो तीन बेर खाती है' - यहाँ पर बेर शब्द दो बार दिया गया है, पर इसका मतलब अलग – अलग है।  
    • बेर = समय  
    • बेर= फल
  • किसी कविता या काव्य में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और भिन्न-भिन्न स्थानों पर उसका अर्थ भिन्न-भिन्न हो, वहां यमक अलंकार होता है।

अन्य विकल्प - 

  • अनुप्रास अलंकार -  अनुप्रास अलंकार का अर्थ है, जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है, वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है। किसी विशेष वर्ण की आवृति से वाक्य सुनने में सुंदर लगता है। इस अलंकार में किसी वर्ण या व्यंजन की एक बार या अनेक वणों या व्यंजनों की अनेक बार आवृत्ति होती है।
  • श्‍लेष अलंकार - श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ।  जब एक ही शब्द से हमें विभिन्न अर्थ मिलते हों तो उस समय श्लेष अलंकार होता है। यानी जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है।

  • रूपक अलंकार -  रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात् उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है। इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं।

Additional Information

अलंकार

अलंकार का अर्थ है आभूषण। अतः काव्य में आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के दो भेद माने गए हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जब शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो शब्दालंकार कहलाता है। जब अर्थों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो अर्थालंकार कहलाता है।

जैसे - सिंधु से अथाह ( उपमा) - शब्दालंकार

काली घटा का घमंड घटा (अनुप्रास) - अर्थालंकार

शब्दालंकार Question 2:

जहाँ शिलष्ट शब्दों से दो अर्थ लगाकर अन्य अर्थ की कल्पना होती है वहाँ कौन सा अलंकार होता है?

  1. वक्रोक्ति
  2. श्लेष
  3. श्लेष वक्रोक्ति
  4. काकु वक्रोक्ति
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : श्लेष वक्रोक्ति

शब्दालंकार Question 2 Detailed Solution

जहाँ शिलष्ट शब्दों से दो अर्थ लगाकर अन्य अर्थ की कल्पना होती है वहाँ श्लेष वक्रोक्ति अलंकार होता है।

  • अतः सही उत्तर श्लेष वक्रोक्ति होगा।

Key Points

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है।

  • रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।।
  • इस एक शब्द के द्वारा अनेक अर्थों का बोध कराए जाने के कारण यहाँ श्लेष अलंकार है।

Additional Information

अन्य विकल्प:

वक्रोक्ति अलंकार

 जहाँ किसी उक्ति का अर्थ जान बूझकर वक्ता के अभिप्राय से अलग लिया जाता है, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।

श्लेष अलंकार

जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। 

काकु वक्रोक्ति अलंकार

कण्ठध्वनि की विशेषता से अन्य अर्थ कल्पित हो जाना ही काकु वक्रोक्ति है।

शब्दालंकार Question 3:

“कनक कनक ते सौ गुनी मादकता अधिकाय ।

या खाये बौराय जग, वा पाये बौराय ।। "

इसमें कौन सा अलंकार है ?

  1. अनुप्रास
  2. रुपक
  3. उपमा
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

शब्दालंकार Question 3 Detailed Solution

इसका सही उत्तर यमक अलंकार है ।Key Points

यमक अलंकार- जब किसी पंक्ति में एक से अधिक बार कोई शब्द आये,और उनके अर्थ भी अलग-अलग हों, तब यमक अलंकार होता है।

  • उदाहरण- 'कनक-कनक ते सौगुनी, मादकता अधिकाय'।
  • पंक्ति में एक कनक का अर्थ 'सोना' तथा दुसरे कनक का अर्थ 'धतूरा' है।

अनुप्रास अलंकार- जब एक ही वर्ण की आवृति हों, तब अनुप्रास अलंकार होता है।

  • उदाहरण- 'मधुर मधुर मुस्कान मनोहर , मनुज वेश का उजियाला'।
  • यहाँ 'म' वर्ण की आवृत्ति हो रही है।

उपमा अलंकार- जब उपमेय की तुलना उपमान से की जाये तब उपमा अलंकार होता है।

  • उदाहरण-  गिरी- सा ऊँचा हो जिसका मन।
  • इसमें गिरी उपमान, मन उपमेय सा वाचक,तथा ऊँचा साधारण धर्म है।

रूपक अलंकार- जब उपमेय का उपमान मे अभेद हों, तब रूपक अलंकार होता है।

  • उदाहरण- पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।
  • उदाहरण में राम रतन को ही धन बता दिया गया है। 'राम रतन'उपमेय पर 'धन' उपमान का आरोप है एवं दोनों में अभिन्नता है।

Additional Information

  • अलंकार- 'काव्य की शोभा बढ़ाने वाले शब्दों को अलंकार कहते है'।
  • अलंकार सम्प्रदाय के प्रतिष्ठापक 'भामह' को माना जाता है।

अलंकार के भेद- 3 भेद होते।

  1. शब्दालंकार- 5 भेद ( अनुप्रास, यमक, श्लेष, वीप्सा, वक्रोक्ति)।
  2. अर्थालंकार- उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अन्योक्ति, अतिश्योक्ति आदि।
  3. उभयालंकार- शब्द व अर्थ दोनों के माध्यम से चमत्कार उत्पन्न करने वाले शब्दों को उभयालंकार कहते।

शब्दालंकार Question 4:

"रघुकुल रीती सदा चलि आई, प्राण जाये पर वचन न जाई।" प्रस्तुत पंक्ति में कौन सा अंलकार प्रयुक्त हुआ है?

  1. अन्त्यानुप्रास
  2. श्रुत्यानुप्रास
  3. वृत्यानुप्रास
  4. लाटानुप्रास
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अन्त्यानुप्रास

शब्दालंकार Question 4 Detailed Solution

उक्त पँक्तियों में अन्त्यानुप्रास अलंकार का प्रयोग किया गया है, अत: सही विकल्प 1 अन्त्यानुप्रास​लंकार होगा।

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  • रघुकुल रीती सदा चलि आई, प्राण जाये पर वचन न जाई। पंक्ति में अन्त्यानुप्रास अलंकार है।
  • उदाहरण - नभ लाली, चाली निसा, चटकाली धुनि कौन।
  • उपर्युक्त पंक्ति में यहाँ लाली, चाली और चटकाली इन शब्दों के अन्त में बीच के व्यंजन ल् के सहित अन्त के दो स्वरों (आ और ई) की आवृत्ति हुई है।
  • जब किसी छंद के चरणों के अंत में एक जैसे स्वरों या व्यंजन वर्णों का प्रयोग होता है तो वहाँ अन्त्यानुप्रास अलंकार माना जाता है।


Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

श्रुत्यानुप्रास

जब किसी पद में एक ही उच्चारण स्थान वाले वर्णों की बार-बार आवृत्ति होती है तो वहाँ श्रुत्यनुप्रास अलंकार माना जाता है।

तुलसीदास सीदत निस दिन देखत तुम्हारी निठुराई।।

वृत्यानुप्रास

जब किसी पद में एक या अनेक वर्णों की एक से अधिक बार आवृत्ति (दो से अधिक बार प्रयोग) होती है तो वहाँ वृत्यनुप्रास अलंकार माना जाता है।

रघुनंद आनंद कंद कौसल चंद दशरथ नंदनम्।

लाटानुप्रास

जब किसी पद में शब्द और अर्थ तो एक ही रहते हैं परन्तु अन्य पद के साथ अन्वय करते ही तात्पर्य या अभिप्राय भिन्न रूप में प्रकट होता है, वहाँ लाटानुप्रास अलंकार माना जाता है।

पूत सपूत तो क्यों धन संचै।
पूत कपूत तो क्यों धन संचै।।

 

शब्दालंकार Question 5:

जिन पंक्तियों में एक या अनेक वर्णों की एक ही क्रम में एक बार आवृत्ति हो तो वहाँ कौन-सा अलंकार होता है? 

  1. वृत्यानुप्रास अलंकार
  2. छेकानुप्रास अलंकार
  3. श्रुत्यानुप्रास अलंकार
  4. लाटानुप्रास अलंकार
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : छेकानुप्रास अलंकार

शब्दालंकार Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - “छेकानुप्रास अलंकार”।
  • जिन पंक्तियों में एक या अनेक वर्णों की एक ही क्रम में एक बार आवृत्ति हो तो वहाँ छेकानुप्रास अलंकार होता है।

जैसे:-

  • “इस करुणा कलित हृदय में,
    अब विकल रागिनी बजती”
  • ​यहाँ ‘करुणा कलित’ में छेकानुप्रास है।

Key Pointsअन्य विकल्प:

वृत्यानुप्रास अलंकार : वृत्यानुप्रास काव्य में पाँच वृत्तियाँ होती हैं-मधुरा, ललिता, प्रौढ़ा, परुषा और भद्रा। कुछ विद्वानों ने तीन वृत्तियों को ही मान्यता दी है
उपनागरिका, परुषा और कोमला। इन वृत्तियों के अनुकूल वर्ण साम्य को वृत्यानुप्रास कहते हैं।

जैसे:-

  • ‘कंकन, किंकिनि, नूपुर, धुनि, सुनि’
  • यहाँ पर ‘’ की आवृत्ति पाँच बार हुई है और कोमला या मधुरा वृत्ति का पोषण हुआ है। अत: यहाँ वृत्यानुप्रास है।

श्रुत्यानुप्रास अलंकार : श्रुत्यनुप्रास जहाँ एक ही उच्चारण स्थान से बोले जाने वाले वर्णों की आवृत्ति होती है, वहाँ श्रुत्यानुप्रास अलंकार होता है।

जैसे:-

  • तुलसीदास सीदति निसिदिन देखत तुम्हार निठुराई।
  • यहाँ ‘’, ‘’, ‘’, ‘’ एक ही उच्चारण स्थान (दन्त्य) से उच्चरित होने। वाले वर्णों की कई बार आवृत्ति हुई है, अत: यहाँ श्रुत्यानुप्रास अलंकार है।

लाटानुप्रास अलंकार : लाटानुप्रास जहाँ समानार्थक शब्दों या वाक्यांशों की आवृत्ति हो परन्तु अर्थ में अन्तर हो, वहाँ लाटानुप्रास अलंकार होता है।

जैसे:-

  • “पूत सपूत, तो क्यों धन संचय?
  • पूत कपूत, तो क्यों धन संचय”?
  • यहाँ प्रथम और द्वितीय पंक्तियों में एक ही अर्थ वाले शब्दों का प्रयोग हुआ, है परन्तु प्रथम और द्वितीय पंक्ति में अन्तर स्पष्ट है,
    अतः यहाँ लाटानुप्रास अलंकार है।

Additional Informationअलंकार:

  • अलंकार, कविता के सौन्दर्य को बढ़ाने वाले तत्व होते हैं। जिस प्रकार आभूषण से नारी का लावण्य बढ़ जाता है, उसी प्रकार अलंकार से कविता की शोभा बढ़ जाती है।
  • शब्द तथा अर्थ की जिस विशेषता से काव्य का श्रृंगार होता है उसे ही अलंकार कहते हैं।
  • अनुप्रास, उपमा, रूपक, अनन्वय, यमक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, संदेह, अतिश्योक्ति, वक्रोक्ति आदि प्रमुख अलंकार हैं। इसके अलावा अन्य अलंकार भी हैं।

Top शब्दालंकार MCQ Objective Questions

“रघुपति राघव राजा राम।” में कौन सा अलंकार है?

  1. श्लेष
  2. अनुप्रास
  3. रूपक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुप्रास

शब्दालंकार Question 6 Detailed Solution

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अनुप्रास अलंकर, यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।

यहाँ रघुपति राघव राजा राम में वर्ण की आवृति हुई है, अत: यह 2 अनुप्रास अलंकर है।

  • जब  वाक्य में एक ही वर्ण का बार-बार प्रयोग किया जाता है तो उसे अनुप्रास अलंकर कहते है। जैसे- सेवक सचिव सुमंत्र बुलाए

अन्य अलंकार:-

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

श्लेष

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त हो

पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।

रूपक

उपमेय और उपमान को अभेद रूप में बताना।

अम्बर-पनघट, रात-दिन, चन्द्र खिलौना

उपमा

किसी से किसी की तुलना।

राम का चाँद सा मुखड़ा।

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है|

रघुपति राघव राजा राम

  1. अनुप्रास अलंकार
  2. यमक अलंका
  3. रूपक अलंकार
  4. उमपा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अनुप्रास अलंकार

शब्दालंकार Question 7 Detailed Solution

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रघुपति राघव राजा राम में अनुप्रास अलंकार है, अत: विकल्प 1 अनुप्रास अलंकार सही है |

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अनुप्रास अलंकार - जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है। जैसे - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।

 

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अलंकार
· काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
1. अनुप्रास अलंकार - जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है। जैसे - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।
2. यमक अलंकार - जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे। जैसे - काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’।
3. श्लेष अलंकार - जब एक ही शब्द के विभिन्न अर्थ निकलते हों। जैसे – ‘रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून ‘पानी’ गए न ऊबरे मोती मानस चून’ यहाँ ‘पानी’ मोती के सन्दर्भ में ‘चमक’, मनुष्य के सन्दर्भ में ‘विनम्रता’ तथा ‘चून (आटा)’ के सन्दर्भ में ‘जल अर्थात पानी’ है।

काली घटा का घमंड घटा। इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. यमक अलंकार
  2. उपमा अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यमक अलंकार

शब्दालंकार Question 8 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्ति मेंयमक अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 यमक अलंकार है। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।

  • काली घटा का घमंड घटा। अर्थात कवि कहना चाहता है की काली घटा अथवा बदली का घमंड घट गया है घट गया अर्थात कम हो गया।
    • हम जानते हैं की यहाँ घटा का अर्थ: ऊपर पर छाने वाली घटा, दूसरा अर्थात घटना , कम होना।

Key Points

स्पष्टीकरण:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

Additional Information

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है?

  1. उपमा
  2. रुपक
  3. उत्प्रेक्षा
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

शब्दालंकार Question 9 Detailed Solution

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उपरोक्त विकल्पों में से 'यमक अलंकर' शब्दालंकार है. अत: सही उत्तर विकल्प 4 'यमक अलंकार' होगा. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं. 

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  • यमक अलंकार - जब कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है। जैसे - 
  • काली घटा का घमण्ड घटा।  यहाँ 'घटा' शब्द की आवृत्ति भिन्न-भिन्न अर्थ में हुई है। पहले 'घटा' शब्द 'वर्षाकाल' में उड़ने वाली 'मेघमाला' के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है और दूसरी बार 'घटा' का अर्थ है 'कम हुआ'। अतः यहाँ यमक अलंकार है।

    • यमक अलंकार शब्दालंकार है क्योंकि इसमें शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है. 

​शब्दालंकार और अर्थालंकार में भेद - 

  • जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी दूसरे शब्दों के रख देने से वह चमत्कार समाप्त हो जाता है, वह शब्दालंकार माना जाता है। 
  • जिस अलंकार में अर्थ प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है, वह अर्थालंकार माना जाता है।

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अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।

"मेघमय आसमान से उतर रही है वह संध्या-सुंदरी परी सी धीरे धीरे'।

दी गई पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

  1. उपमा अंलकार
  2. मानवीकरण अलंकार
  3. विभावना अलंकार
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मानवीकरण अलंकार

शब्दालंकार Question 10 Detailed Solution

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सही उत्तर "मानवीकरण अलंकार" है।

Key Pointsमानवीकरण अलंकार-

  • जहाँ अचेतन वस्तु का चेतन अथवा जीवित (प्राणी) के समान वर्णन किया जाये अर्थात जब प्रकृति के पदार्थो पर मानवीय क्रियाकलापों का आरोप कर दिया अथवा प्रकृति की वस्तुओं को मनुष्य की तरह कार्य करते हुए प्रकट किया जाये, वहां मानवीकरण अलंकार होता है।

Important Pointsअन्य विकल्प - 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा अंलकार

जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। 

कर कमल-सा कोमल।

विभावना अलंकार

जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का हुआ जाना पाया जाए वहाँ पर विभावना अलंकार होता है। अर्थात हेतु क्रिया (कारण) का निषेध होने पर भी फल की उत्पत्ति विभावनालंकार है।

बिनु पग चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना। आनन रहित सकल रस भोगी। बिनु वाणी वक्ता बड़ जोगी।

उत्प्रेक्षा अलंकार

जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसके लक्षण है- जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि। पहचान – मनो, मानो, मनु, मनुह, जानो, इव, जनु, जानहु, ज्यों आदि शब्द अगर किसी अलंकार में आते है तो वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

ले चला मैं तुझे कनक, ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक।

Additional Information

अलंकार की​ परिभाषा

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

निम्नलिखित दोहे में कौन-सा अलंकार है? 

रहिमन पानी रखिये बिन पानी सब सुन।

पानी गए न उबरे मोती मानस चुन।

  1. श्लेष
  2. रूपक
  3. उपमा
  4. उत्प्रेक्षा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : श्लेष

शब्दालंकार Question 11 Detailed Solution

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उपर्युक्त दोहे में 'श्लेष' अलंकार है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'श्लेष' है।

Key Points

अन्य विकल्प

श्लेष अलंकार - जब एक ही शब्द के विभिन्न अर्थ निकलते हों। जैसे –‘रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून ‘पानी’ गए न ऊबरे मोती मानस चून’ यहाँ ‘पानी’ मोती के सन्दर्भ में ‘चमक’, मनुष्य के सन्दर्भ में ‘विनम्रता’ तथा ‘चून (आटा)’ के सन्दर्भ में ‘जल अर्थात पानी’ है।

रूपक अलंकार - जब उपमान और उपमेय में अभिन्नता या अभेद दिखाया जाए। जैसे - मैया मैं तो चन्द्र-खिलौना लैहों में चन्द्रमा और खिलौने में समानता न दिखाकर चन्द्र को ही खिलौना बोल दिया गया है।

उपमा अलंकार - जब दो भिन्न वस्तुओं में समानता दिखाई जाती है। जैसे – कर कमल-सा कोमल है।

उत्प्रेक्षा अलंकार - जहाँ उपमेय में उपमान के होने की संभावना का वर्णन होता हो। जैसे - मुख मानो चन्द्रमा है में मुख को चंद्रमा कहा जा रहा है।

“रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून ।

पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून ।”

इन पंक्तियों में कौन सा अलंकार है ?

  1. यमक अलंकार
  2. श्लेष अलंकार
  3. वीप्सा अलंकार 
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : श्लेष अलंकार

शब्दालंकार Question 12 Detailed Solution

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  • श्लेष अलंकार यहाँ उचित विकल्प है, अन्य सभी विकल्प असंगत है। उपरोक्त पंक्ति में श्लेष अलंकार के भाव स्पष्ट झलक रहे हैं।
  • अत: सही विकल्प श्लेष ही होगा।

Key Points 

श्लेष अलंकार की परिभाषा :-

  • जहां शब्द एक बार प्रयोग हो परंतु उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं अर्थात उसके दो या दो से अधिक अर्थ निकलते हैं तो वहां श्लेष अलंकार होता है।

श्लेष अलंकार की पहचान :-

  • इस अलंकार की पहचान शब्दों के आपस में चिपके होने से की जाती है। मतलब की एक ही शब्द में दो अर्थ चिपके होते हैं , वहां श्लेष अलंकार होता है। उदाहरण के लिए आप ऊपर दिए गए दोहे में देख सकते हैं कि पानी शब्द का प्रयोग तीन बार हुआ है और सब का अर्थ भिन्न है।

Important Points 

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है। रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।। इस एक शब्द के द्वारा अनेक अर्थों का बोध कराए जाने के कारण यहाँ श्लेष अलंकार है। 

यमक

जहां एक ही शब्द कई बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त होता है वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा,
नभ मंडल तारक वृन्द खिले। 

उपर्युक्त काब्य पंक्ति में शरद के आगमन पर उसके सौंदर्य का चित्रण किया गया है। वर्षा बीत गई है, शरद ऋतु आ गई है। काली घटा का घमंड घट गया है। "घटा" शब्द के दो विभिन्न अर्थ है- घटा= काले बादल और घटा= कम हो गया। घटा शब्द ने इस पंकित में सौंदर्य उतपन्न कर दिया है। यह यमक का सौंदर्य है।  इसलिए यहां पर यमक अलंकार होगा। 

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है।

भिखारिन को देखकर पट देत बार - बार 

  1. श्लेष अलंकार
  2. अतिश्योक्ति अलंकार
  3. रूपक अलंकार 
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : श्लेष अलंकार

शब्दालंकार Question 13 Detailed Solution

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सही उत्तर 'श्लेष अलंकार' है। 

Key Points
  • 'भिखारिन को देखकर पट देत बार-बार है' इस पंक्ति में 'श्लेष अलंकार' है।
  • इसमें 'पट' के दो अर्थ हैं– (1) वस्त्र और (2) किवाड़।
  • पहला अर्थ– वह व्यक्ति किसी याचक को देखकर उसे बार-बार 'वस्त्र' देता और और दूसरा अर्थ है– वह व्यक्ति याचक को देखते ही दरवाजा बंद कर लेता है। 
  • 'श्लेष' का अर्थ है 'चिपकना'।
  • जहां एक शब्द एक ही बार प्रयुक्त होने पर दो अर्थ दें वहां श्लेष अलंकार होता है।

अन्य विकल्प: 

  • आतिशयोक्ति अलंकार - जब किसी वस्तु का बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाये वहां पर अतिश्योक्ति अलंकार होता है।
  • रूपक अलंकार - जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय में ही उपमान का अभेद आरोप कर दिया हो, वहाँ रूपक अलंकार होता है।
  • उत्प्रेक्षा अलंकार - जहां समानता के कारण उपमेय में संभावना या कल्पना की जाए, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। 

Additional Information

  • अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है ‘आभूषण या गहना’ जिस प्रकार स्वर्ण आदि के आभूषणों से शरीर की शोभा बढ़ती है उसी प्रकार काव्य अलंकारों से काव्य की शोभा बढ़ती है।
  • अलंकार के तीन प्रकार अथवा भेद होते हैं, किन्तु प्रधान रूप से अलंकार के दो भेद माने जाते हैं — शब्दालंकार तथा अर्थालंकार। 

निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प हैI
काली घटा का घमंड घटा

  1. यमक अलंकार
  2. अतिश्योक्ति अलंकार
  3. उत्प्रेक्षा अलंकार
  4. उपमा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यमक अलंकार

शब्दालंकार Question 14 Detailed Solution

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सही उत्तर 'यमक अलंकार' है।

Key Points 

  • 'काली घटा का घमंड घटा' में यमक अलंकार है।
  • जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। यानी जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।

अन्य विकल्प - 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अतिश्योक्ति

जहाँ किसी वस्तु का इतना बढ़ा-चढ़ाकर वर्णन किया जाए कि सामान्य लोक सीमा का उल्लंघन हो जाए वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है। 

हनुमान की पूँछ में, लगन न पाई आग। सारी लंका जरि गई, गए निशाचर भाग।

उत्प्रेक्षा

जहाँ पर उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए। अथार्त जहाँ पर अप्रस्तुत को प्रस्तुत मान लिया जाए वहाँ पर उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। 

उस काल मारे क्रोध के तनु कॉपने उनका लगा। मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जगा।

उपमा

 उपमा शब्द का अर्थ होता है – तुलना।, जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है।

हाय फूल सी कोमल बच्ची , हुई राख की ढेरी थी।

Additional Information 

अलंकार की​ परिभाषा

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

‘“सारंग लै सारंग चली कई सारंग की ओट सारंग झीनो पाइकें सारंग कई गई चोट। "

उक्त पद्य में कौन-सा अलंकार विद्यमान है ? 

  1. उत्प्रेक्षा अलंकार
  2. श्लेष अलंकार
  3. यमक अलंकार
  4. रूपक अलंकार

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Option 3 : यमक अलंकार

शब्दालंकार Question 15 Detailed Solution

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‘“सारंग लै सारंग चली कई सारंग की ओट सारंग झीनो पाइकें सारंग कई गई चोट। "
उक्त पद्य में  "यमक अलंकार" विद्यमान है।

Key Points

  • यहाँ सारंग का प्रयोग एक से अधिक बार प्रयोग किया गया है तथा इसका अर्थ अलग - अलग है,
  • अतः यहाँ यमक अलंकार होगा ।
  • ‘जहाँ पर एक ही शब्द की अनेक बार भिन्न अर्थों में आवृत्ति हो वहाँ पर यमक अलंकार होता है।’
  • अर्थात जब किसी पंक्ति में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आये और हर बार उसका अर्थ भिन्न हो तब यमक अलंकार होता है।
  • 1- सारंगः दीपक, 2- सारंगः स्त्री, 3- सारंगः आँचल,  4- सारंगः आँचल,5- सारंगः हवा।

Important Points

  • अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है कि आभूषण, यह दो शब्दों से मिलकर बनता है- अलम + कार
  • जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषणों से होती है उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है।
  • इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो शब्द आपके वाक्यांश को अलंकृत करें वह अलंकार कहलाता है।

Additional Information

अलंकार 

परिभाषा 

उदाहरण 

उत्प्रेक्षा अलंकार उत्प्रेक्षा अलंकार वह है, जिसे प्रकृत (उपमेय) की उसके समान (अप्रकृत) उपमान के साथ तादात्म्य-सम्भावना कहा करते हैं। उत्प्रेक्षा का अर्थ है संभावना या कल्पना अर्थात् एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाये। जहां उपमेय में उपमान की संभावना या कल्पना की जाय वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। उत्प्रेक्षा अलंकार के कुछ वाचक शब्द हैं-मानों, मनु, मनहुं, जानो, जनु, ज्यों, इमि आदि। सखि सोहत गोपाल के, उर गुंजन की माल
बाहर सोहत मनु पिये, दावानल की ज्वाल।।
श्लेष अलंकार जहां पर एक ही शब्द से अनेक अर्थ का बोध हो रहा हो वहां श्लेष अलंकार होता है 

"सुवरन को खोजत फिरत

कवि व्यभिचारी चोर।"

रूपक अलंकार जहाँ उपमेय पर उपमान का आरोप करते हुए दोनों में अभेद बताया जाय, वहाँ पर रूपक अलंकार होता है। उपमेय और उपमान दोनों की एकरूपता प्रदर्शित करना ही इस अलंकार का प्रमुख धर्म है।  ‘अम्बर-पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा-नागरी।’
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