प्रेमचंद युग कहानीकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रेमचंद युग कहानीकार - Download Free PDF
Last updated on May 28, 2025
Latest प्रेमचंद युग कहानीकार MCQ Objective Questions
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 1:
बुधिया की मृत्यु का कारण क्या था?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर है- प्रसव-वेदना और उपेक्षा
- बुधिया प्रसव-वेदना से तड़प रही थी, और घीसू-माधव की उपेक्षा के कारण वह और उसका बच्चा मर गया।
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 2:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 2 Detailed Solution
'कफ़न' कहानी का अंत होता है- दोनों नशे में गिर पड़ते हैं
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 3:
'परीक्षा', 'शतरंज के खिलाड़ी', सवा सेर गेहूँ, कफ़न कहानियों के लेखक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 3 Detailed Solution
'परीक्षा', 'शतरंज के खिलाड़ी', सवा सेर गेहूँ, कफ़न कहानियों के लेखक हैं- प्रेमचंद
Key Pointsप्रेमचंद-
- जन्म-1880-1936 ई.
- अन्य नाम- धनपत राय, नवाब राय
- हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- प्रमुख कहानियाँ-
- बड़े घर की बेटी(1910 ई.)
- नमक का दरोगा(1913 ई.)
- सौत(1915 ई.)
- सवा सेर गेहूँ(1924 ई.)
- बड़े भाई साहब(1934 ई.) आदि।
- कहानी संग्रह-
- सप्त सरोज(1917 ई.)
- नवनिधि(1917 ई.)
- प्रेम पूर्णिमा(1918 ई.)
- प्रेम तीर्थ(1928 ई.)
- कफन(1936 ई.) आदि।
Important Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- कहानी संग्रह-
- छाया(1912 ई.)
- प्रतिध्वनि(1926 ई.)
- आँधी(1931 ई.)
- इंद्रजाल(1936 ई.) आदि।
- कहानियाँ-
- ग्राम
- देवदासी
- देवरथ
- विरामचिह्न
- मधुआ
- पुरस्कार
- गुंडा आदि।
जैनेन्द्र-
- जैनेन्द्र की कहानियों में चरित्र वैशिष्ट्य,मानसिक द्वन्द्व,स्त्री-पुरुष के संबंधों को लेकर सूक्ष्म एवं गहन स्तरों का स्पर्श आदि का चित्रण मिलता है।
- जैनेन्द्र जी बाह्य जीवन-यथार्थ को महत्त्व नहीं देते।
- वे मन स्थिति में ही परिस्थिति को भी संश्लिष्ट मानते है।
- कहानी संग्रह-
- फाँसी(1929ई.)
- वातायन(1930ई.)
- नीलम देश की राजकन्या(1933ई.)
- पाजेब(1942ई.)
- जयसंधि(1949ई.) आदि।
- प्रमुख कहानियाँ-
- स्पद्र्धा
- पत्नी
- एक कैदी
- गदर के बाद
- बाहुबली
- लाल सरोवर
- जान्ह्वी आदि।
सुदर्शन-
- जन्म-1895-1967
- पूरा नाम-बद्रीनाथ भट्ट 'सुदर्शन'
- रचनाएँ-
- पुष्पलता(1919 ई.)
- हार की जीत(1922 ई.)
- परिवर्तन(1926 ई.)
- सुदर्शन सुधा(1926 ई.)
- गल्प मंजरी(1934 ई.)
- अँगूठी का मुकदमा(1940 ई.) आदि।
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 4:
अच्छे कामों की सिद्धि में बड़ी देर लगती है, पर बुरे कामों की सिद्धि में यह बात नहीं होती।' यह किस पाठ का अंश है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है- पंच परमेश्वर
Key Pointsपंच परमेश्वर-
- रचनाकार- प्रेमचंद
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1916 ई.
- सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित।
- पात्र-
- जुम्मन शेख, अलगू चौधरी, जुम्मन की बूढ़ी खाला, साहू, सहूआइन आदि।
- विषय-
- प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से यह संदेश दिया है कि जब व्यक्ति न्याय करने की स्थिति में होता है, तो उसे निजी हितों और भावनाओं को अलग रखकर निष्पक्ष होकर निर्णय लेना चाहिए।
Important Pointsमुंशी प्रेमचंद-
- जन्म- 1880-1936 ई.
- ये हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- इनका मूल नाम धनपतराय था।
- कहानी - संग्रह -
- सप्तसरोज
- नवनिधि
- प्रेमपूर्णिमा
- प्रेम-पचीसी
- प्रेम-प्रतिमा
- प्रेम-द्वादशी
- समरयात्रा
- मानसरोवर
- प्रमुख कहानी -
- नमक का दरोगा (1913 ई.)
- बूढी काकी (1920 ई.)
- शतरंज के खिलाडी (1924 ई.)
- पूस की रात (1930 ई.)
- समर यात्रा (1930 ई.)
- सद्गति (1930 ई.)
- दो बैलो की कथा (1931 ई.)
- ठाकुर का कुआँ (1932 ई.)
- ईदगाह (1933 ई.)
- बड़े भाई साहब (1934 ई.) आदि।
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 5:
प्रेमचंद की 'नशा' कहानी मानसरोवर के किस भाग में संकलित है ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 5 Detailed Solution
प्रेमचंद की 'नशा' कहानी मानसरोवर के भाग में संकलित है - 1
Key Pointsनशा -
- रचनाकार - मुंशी प्रेमचंद
- विधा - कहानी
- प्रकाशन वर्ष - 1947 ई.
- मुख्य पात्र - ईश्वरी और बीर।
- विषय -
- यह कहानी, प्रेमचंद के कहानी-संग्रह 'मानसरोवर 1' का हिस्सा है।
- इसमें धन के नशे और समाज की वास्तविकताओं का चित्रण है।
- इस कहानी में ईश्वरी और बीर नाम के दो युवकों के बीच के वाद-विवाद को दिखाया गया है।
Important Pointsप्रेमचंद की प्रमुख कहानियाँ:-
पंच परमेश्वर (1917) |
सौभाग्य के कोङे (1924) |
ईश्वरीय न्याय (1917) |
समर यात्रा (1930) |
दुर्गा का मंदिर (1917) |
सद्गति (1930) |
बूढ़ी काकी (1920) |
दो बैलों की कथा (1931) |
सवा सेर गेहूँ (1924) |
होली का उपहार (1931) |
शतरंज के खिलाङी (1924) |
ठाकुर का कुँआ (1932) |
मुक्ति मार्ग (1924) |
ईदगाह (1933) |
मुक्ति धन (1924) |
बङे भाई साहब (1934) |
Additional Informationप्रेमचंद-
- जन्म-1880-1936 ई.
- अन्य नाम- धनपत राय, नवाब राय
- प्रमुख कहानियाँ-
- बड़े घर की बेटी(1910 ई.)
- नमक का दरोगा(1913 ई.)
- सौत(1915 ई.)
- सवा सेर गेहूँ(1924 ई.)
- पुस की रात(1930 ई.)
- बड़े भाई साहब(1934 ई.) आदि।
- कहानी संग्रह-
- सप्त सरोज(1917 ई.)
- नवनिधि(1917 ई.)
- प्रेम पूर्णिमा(1918 ई.)
- प्रेम तीर्थ(1928 ई.)
- कफन(1936 ई.) आदि।
Top प्रेमचंद युग कहानीकार MCQ Objective Questions
कौन-सी कहानी निराला ने लिखी है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFपद्मा, कहानी निराला ने लिखी है।
Key Points
- सूर्यकांत त्रिपाठी निराला - छायावाद के प्रमुख स्तंभों में से एक
- परिमल (काव्य संग्रह) - 1929
- अन्य काव्य संग्रह
- गीतिका
- तुलसीदास
- कुकुरमुत्ता
- अणिमा
- बेला
- नए पत्ते आदि
- रोज:- अज्ञेय
- उन्मादिनी:- सुभद्रा कुमारी चौहान
निम्न में से कौन-सी कहानी प्रेमचंद जी की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFपुरस्कार, प्रेमचन्द की कहानी नही है, जयशंकर प्रसाद की कहानी है।
Key Points
- पुरस्कार कहानी का केंद्रीय भाव - यह कहानी प्रेम और संघर्ष की कहानी है। इस कहानी की नायिका मधुलिका है।
- मधुलिका कर्तव्य की बलिवेदी पर, अपने प्रेम का बलिदान कर देती है तथा आक्रमण के पूर्व कौशल नरेश को खबर देकर अपनी मातृभूमि की रक्षा करती है।
- वह पुरस्कार के रूप में, मृत्युदंड मांगती है।
Additional Information
- प्रेमचन्द की प्रसिद्ध कहानियाँ-
- नमक का दारोगा - 1913ई
- शतरंज का खिलाडी- 1924ई
- ईदगाह- 1933 ई
- बड़े भाई साहब- 1934ई
- कफ़न- 1936ई
जयशंकर प्रसाद जी की मधुआ कहानी किसके बारे में है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 शराबी के ह्रदय परिवर्तन के बारे में सही उत्तर हैं|
Key Points
- 'मधुआ' कहानी 'आँधी'(1931ई.) कहानी संग्रह में संकलित है।
- इसमें प्रसाद जी की 11 कहानियां हैं-आँधी,मधुआ,दासी,घीसू,बेडी आदि।
- पात्र-शराबी,बालक मधुआ,ठाकुर सरदार सिंह आदि।
- विषय:कर्तव्य और वैयक्तिक प्रेम के अंतर्द्वंद्व में कर्तव्य के आगे प्रेम के त्याग का आदर्श स्थापित किया गया है।
Important Points
- कहानी संग्रह-छाया(1912ई.),प्रतिध्वनि(1926ई.),आकाशदीप(1928ई.),इंद्रजाल(1936ई.)।
- प्रमुख कहानियां-मधुआ,ममता,घीसू,छोटा जादूगर,गुलाम आदि।
Additional Information
- प्रथम कहानी- 'ग्राम'(1911ई.),इंदु पत्रिका में प्रकाशित।
- अंतिम कहानी- 'सालवती'।
- 'छाया' हिंदी का प्रथम कहानी-संग्रह है।
- राजेंद्र यादव-"अतिरिक्त रोमानी वातावरण और कल्पित कथानकों के बावजूद प्रसाद हिंदी के पहले सफल कहानीकार हैं।"
'समुद्र संतरण' कहानी के रचयिता कौन है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "जयशंकर प्रसाद" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- समुद्र संतरण जयशंकर प्रसाद रचित कहानी है।
- जयशंकर प्रसाद की हिन्दी कहानियाँ
- अघोरी का मोह, अनबोला, अपराधी, अमिट स्मृति, अशोक, आकाशदीप, आँधी, इंद्रजाल, उर्वशी, उस पार का योगी, करुणा की विजय
- कला, कलावती की शिक्षा, खंडहर की लिपि, ग्राम, ग्राम-गीत, गुदड़ी में लाल, गुंडा, गुलाम, गूदड़ साईं, घीसू, चक्रवर्ती का स्तम्भ, चंदा, चित्र-मंदिर, चित्रवाले पत्थर
- चित्तौर-उद्धार, चूड़ीवाली, छोटा जादूगर, जहाँआरा, ज्योतिष्मती, तानसेन, दासी, दुखिया, देवदासी, देवरथ, नीरा, नूरी, पत्थर की पुकार, पंचायत, प्रणय-चिह्न, प्रतिध्वनि, प्रतिमा, प्रलय, प्रसाद, परिवर्तन, पाप की पराजय, पुरस्कार
- बनजारा, बभ्रुवाहन, ब्रह्मर्षि, बिसाती, बेड़ी, भिखारिन, भीख में, मदन-मृणालिनी, मधुआ, ममता, रमला, रसिया बालम, रूप की छाया
- व्रत-भंग,विजया, विराम-चिह्न, वैरागी, शरणागत, संदेह, समुद्र-संतरण, सलीम, सहयोग, स्वर्ग के खंडहर में, सालवती, सिकंदर की शपथ, सुनहला साँप, हिमालय का पथिक
- जयशंकर प्रसाद के कहानी-संग्रह
- छाया - 1912 ई॰
- प्रतिध्वनि - 1926 ई॰
- आकाशदीप - 1929 ई॰
- आँधी - 1931 ई॰
- इन्द्रजाल - 1936 ई॰
- जैनेन्द्र के कहानी संग्रह
- फाँसी (1929), वातायन (1930), नीलम देश की राजकन्या (1933), एक रात (1934), दो चिड़ियाँ (1935), पाजेब (1942), जयसंधि (1942) तथा जैनेंद्र की कहानियाँ (सात भाग)।
- यशपाल के कहानी संग्रह
- पिंजरे की उड़ान (1939), फूलो का कुर्ता (1949), धर्मयुद्ध (1950), सच बोलने की भूल (1962), भस्मावृत चिंगारी (1946), उत्तनी की मां (1955), चित्र का शीर्षक (1951), तुमने क्यों कहा था मै सुंदर हूं (1954), ज्ञान दान (1943), वो दुनिया (1948), खच्चर और आदमी (1965), भूख के तीन दिन (1968), उत्तराधिकारी (1951),अभिशिप्त (1943)
- हजारी प्रसाद द्विवेदी के निबन्ध संग्रह
- अशोक के फूल (1948), कल्पलता (1951), मध्यकालीन धर्मसाधना (1952), विचार और वितर्क (1957), विचार-प्रवाह (1959),कुटज (1964), आलोक पर्व (1972)
'आकाशदीप' और 'पुरस्कार' किस कहानीकार की रचनाएं हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFImportant Points
- जयशंकर प्रसाद की कहानी संग्रह
- छाया (1912), प्रतिध्वनि (1926), आकाशदीप (1928), आंधी (1931), इंद्रजाल (1936)
Additional Information
- जयशंकर प्रसाद की प्रथम कहानी १९११ ई में 'ग्राम' शीषर्क से 'इंदु' पत्रिका में प्रकाशित हुई |
- 'छाया' प्रसाद का प्रथम कहानी संग्रह है ,साथ ही हिंदी का भी प्रथम कहानी संग्रह है |
- प्रसाद की प्रमुख कहानी संग्रह - छाया (१९१२) , प्रतिध्वनि (१९२६) , आकाशदीप (१९२८) ,आंधी (१९३१ ), इंद्रजाल (१९३६)
- प्रसाद की अंतिम कहानी 'सालवती' है |
- चर्चित कहानियां - देवदासी ,ममता , पुरस्कार , छोटाजादूगर , घीसू , मधुआ , गुंडा अदि |
प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित कहानियों का सही अनुक्रम है:
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त कहानियों का अनुक्रम "एक टोकरी भर मिट्टी, उसने कहा था, राजा निरबंसिया, परिंदे" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Mistake Pointsपरिंदे का लेखन वर्ष : 1956
परिंदे का प्रकाशन वर्ष : 1958/ 60
- परिंदे (1956) कहानी के प्रमुख पात्र:-
- लतिका- इस कहानी की नायिका या केन्द्र बिन्दु यही है। सुधा- होस्टल में शायद वह सबसे अधिक लोकप्रिय लड़की।
- जूली- होस्टल की लड़की, जिसका प्रेमपत्र लतिका के हाँथ लग गया है।
- करीमुद्दीन- होस्टल का नौकर, मिलिट्री में अर्दली रह चुका था।
- राजा निरबंसिया कहानी के प्रमुख पात्र :-
- जगपती- चन्दा का पति
-
चन्दा- जगपती की पत्नी
- दयाराम- जगपती का रिश्तेदार (दूर रिश्ते का भाई)
- बचनसिंह- कस्बे के अस्पताल का कम्पाउण्डर
- भटियारिन- राजा निरबंसिया की रानी ही भटियारिन बनकर राजा निरबंसिया से मिलने जाती है।
- उसने कहा था कहानी के प्रमुख पात्र :-
- इस कहानी का मुख्य पात्र लहना सिंह है।
- सूबेदार हजारा सिंह , सूबेदारनी , बोधा सिंह , वजीरा सिंह आदि अन्य उल्लेखनीय पात्र हैं।
- लहना सिंह में प्रेम , त्याग , बलिदान, विनोद वृत्ति , बुद्धिमत्ता एवं सतर्कता आदि विविध गुण मिलते हैं।
- एक टोकरी भर मिट्टी
- यह कहानी वर्ग भेद पर आधारित है। इसमें एक गरीब के शोषण का चित्रण है।
- इस कहानी में अहंकार और स्वार्थ का चित्रण जमींदार के रूप में किया गया है।
- एक गरीब बुजुर्ग महिला द्वारा जमींदार का हृदय परिवर्तन होना दिखाया गया है।
प्रेमचंद की पहली हिन्दी कहानी का क्या नाम था?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- पञ्च परमेश्वर - ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित
- प्रेमचन्द की प्रथम कहानी।
Important Points
- प्रेमचंद की अन्य कहानियां -
- नमक का दरोगा - 1913
- बूढी काकी - 1920
- सौभाग्य के कोढ़े- 1924
- पूस की रात - 1930
- सद्गति - 1930
- दो बैलों की कथा - 1931
Additional Information
- प्रेमचंद - कहानी सम्राट
- लगभग 300 कहानियां जो मानसरोवर नाम से 8 भागों में संकलित हैंI
'बड़े घर की बेटी' कहानी का क्या उद्देश्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'बड़े घर की बेटी' कहानी का उद्देश्य है-घर-परिवार को बिखरने से बचाना।
- इस कहानी में पारिवारिक संबंधों को बचाए रखने की बात कही गयी है।
Key Pointsबड़े घर की बेटी-
- रचनाकार-प्रेमचन्द
- विधा-कहानी
- प्रकाशन वर्ष-1910 ई.
- यह कहानी जमाना पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
- मुख्य पात्र-
- आनंदी,श्रीकंठ,लालबिहारी आदि।
- विषय-
- लेखक ने एक आदर्श बेटी,जो किसी घर में बहू बनकर जाती है, उसके कर्तव्य को भली-भाँति प्रस्तुति दी है।
- बहू उस घर को टूटने से बचाती है।
- यहाँ आनंदी ने अपने देवर के अपराध को क्षमा किया,अपने विवेकपूर्ण निर्णय से घर को बिखरने से बचा लिया ।
- अच्छे संस्कारों वाली बेटी अपने पीहर और ससुराल दोनों का मान रखती है,प्रेमचन्दजी ने आनंदी के चरित्र से समझदारी रखने का उद्देश्य व्यक्त किया है।
Important Pointsप्रेमचन्द-
- जन्म-1880-1936 ई.
- अन्य नाम-धनपत राय,नवाब राय
- मुख्य कहानियाँ-
- नमक का दरोगा(1913 ई.),सौत(1915 ई.),पंच परमेश्वर(1916 ई.),बूढी काकी(1921 ई.),सवा सेर गेंहू(1924 ई.),कफन(1936 ई.) आदि।
Additional Informationकहानी का सार-
- इस कहानी में स्त्रियों के मनोभवों को चित्रित किया गया है।
- स्त्रियाँ एकल परिवार का समर्थन करती है,इसमें श्रीकंठ आनंदी के एकल होने की बात पर नाराज हो जाता है।
- आनंदी का उदार व्यक्तितव दिखाया गया है।
- आदर्शपूर्ण कहानी है।
'छोटा जादूगर' कहानी के रचनाकार हैं -
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'जयशंकर प्रसाद' (1889 - 1937 ) हैं।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएँः-
रचनाकार | रचना |
जयशंकर प्रसाद |
कहानीः- छाया , प्रतिध्वनि , आकाशदीप , आँधी , इंद्रजाल। काव्य रचनाः- उर्वशी ( 1909 ) , वन मिलन ( 1909 ) , प्रेमराज्य (1909 ) , आँसू ( 1925 ) लहर ( 1933 ) कामयनी (1935 ) आदि। |
Additional Information
रचनाकार | रचना |
प्रेमचंद |
उपन्यास - सेवासदन , प्रेमाश्राय , रंगभूमि , निर्मला आदि। कहानी - कफन , पूस की रात , पंच परमेश्वर आदि। |
महादेवी वर्मा | नीहार ( 1930 ) , रश्मि ( 1932 ) , नीरजा ( 1935 ) संध्यागीत ( 1936 ) ,यामा ( 1940 ) आदि। |
यशपाल | वो दूनिया , दिव्या , देशद्रोही , फूलो का कुर्त्ता आदि। |
कहानी इतिवृत्त ही तो है। यानी उसमें स्थिति से स्थित्यंतर, अर्थात् जीवन गति होनी चाहिए। काल का कुछ स्पन्दन, कुछ तनाव अनुभव हो, वही तो कहानी का रस है।"
कहानी के विषय में उपर्युक्त विचार किस लेखक के है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद युग कहानीकार Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFउपर्युक्त विचार-1) जैनेन्द्र कुमार लेखक के हैं।
Important Points
- जैनेन्द्र कुमार हिंदी उपन्यास के इतिहास में मनोविश्लेषणात्मक परंपरा के प्रवर्तक के रूप में मान्य हैं।
- इनकी प्रमुख कृतियाँ-परख,सुनीता,त्यागपत्र,कल्याणी,वातायन,पाजेब,एक रात आदि हैं।
Additional Information
- हिन्दी कहानी ने प्रयोगशीलता का पहला पाठ जैनेन्द्र से ही सीखा।