कहानियों के पात्र MCQ Quiz - Objective Question with Answer for कहानियों के पात्र - Download Free PDF
Last updated on Apr 10, 2025
Latest कहानियों के पात्र MCQ Objective Questions
कहानियों के पात्र Question 1:
पोल्टूराम किस कहानी का पात्र है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 1 Detailed Solution
कहानियों के पात्र Question 2:
'उसने कहा था' कहानी के अनुसार अंत में लहना सिंह किसे अपना भाई कीरत सिंह समझ लेता है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 2 Detailed Solution
'उसने कहा था' कहानी के अनुसार अंत में लहना सिंह वजीरा सिंह को अपना भाई कीरत सिंह समझ लेता है।
कहानियों के पात्र Question 3:
“मैं पाधा बन गया हूँ। करो जर्मनी के बादशाह का तर्पण!”- यह कथन 'उसने कहा था' कहानी में किस पत्तर द्वारा कहा गया है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- वजीरा सिंह
कहानियों के पात्र Question 4:
"सिद्धेश्वरी फिर झूठ बोल गई, 'आज तो सचमुच नहीं रोया। वह बड़ा ही होशियार हो गया है।"'
उपर्युक्त पंक्ति 'दोपहर का भोजन' कहानी में सिद्धेश्वरी किससे कहती है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर है- रामचन्द्र से
Key Pointsकहानी के अनुसार-
- रामचंद्र ने अचानक चुप्पी को भंग करते हुए पूछा, 'प्रमोद खा चुका?'
- सिद्धेश्वरी ने प्रमोद की ओर देखते हुए उदास स्वर में उत्तर दिया, 'हाँ, खा चुका।'
- 'रोया तो नहीं था?'
- सिद्धेश्वरी फिर झूठ बोल गई, 'आज तो सचमुच नहीं रोया। वह बड़ा ही होशियार हो गया है। कहता था, बड़का भैया के यहाँ जाऊँगा। ऐसा लड़का...'
Important Pointsदोपहर का भोजन-
- रचनाकार- अमरकान्त
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1956 ई.
- कहानी पत्रिका में प्रकाशित।
- पात्र-
- सिद्धेश्वरी, रामचन्द्र, मोहन, प्रमोद, चंद्रिका प्रसाद।
- विषय-
- "दोपहर का भोजन" का मुख्य विषय गरीबी, भूख और मानवीय संघर्ष है।
- अमरकांत ने एक निर्धन परिवार की स्थिति को चित्रित किया है, जिसमें सिद्धेश्वरी अपने परिवार को धैर्य और त्याग के साथ संभालती है।
- कहानी में आर्थिक तंगी, बेकारी और जीवन की कठोर सच्चाईयों का मार्मिक चित्रण किया गया है, जो समाज की वास्तविकता को दर्शाता है।
Additional Informationअमरकान्त-
- जन्म- 1925- 2014 ई.
- कहानी संग्रह-
- ज़िंदगी और जोक
- देश के लोग
- मौत का नगर
- मित्र मिलन
- कुहासा
- तूफान
- कला प्रेमी
- प्रतिनिधि कहानियाँ आदि।
कहानियों के पात्र Question 5:
अलगू के अनुसार विद्या कैसे आती है ?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है- गुरु के आशीर्वाद से
Key Pointsपंच परमेश्वर-
- रचनाकार- प्रेमचंद
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1916 ई.
- सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित।
- पात्र-
- जुम्मन शेख, अलगू चौधरी, जुम्मन की बूढ़ी खाला, साहू, सहूआइन आदि।
- विषय-
- प्रेमचंद ने इस कहानी के माध्यम से यह संदेश दिया है कि जब व्यक्ति न्याय करने की स्थिति में होता है, तो उसे निजी हितों और भावनाओं को अलग रखकर निष्पक्ष होकर निर्णय लेना चाहिए।
Important Pointsमुंशी प्रेमचंद-
- जन्म- 1880-1936 ई.
- ये हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक थे।
- इनका मूल नाम धनपतराय था।
- कहानी - संग्रह -
- सप्तसरोज
- नवनिधि
- प्रेमपूर्णिमा
- प्रेम-पचीसी
- प्रेम-प्रतिमा
- प्रेम-द्वादशी
- समरयात्रा
- मानसरोवर
- प्रमुख कहानी -
- नमक का दरोगा (1913 ई.)
- बूढी काकी (1920 ई.)
- शतरंज के खिलाडी (1924 ई.)
- पूस की रात (1930 ई.)
- समर यात्रा (1930 ई.)
- सद्गति (1930 ई.)
- दो बैलो की कथा (1931 ई.)
- ठाकुर का कुआँ (1932 ई.)
- ईदगाह (1933 ई.)
- बड़े भाई साहब (1934 ई.) आदि।
Top कहानियों के पात्र MCQ Objective Questions
प्रेमचंद कृत 'प्रायश्चित' कहानी के पात्र हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFसुबोध चंद्र और मदारी लाल प्रायश्चित कहानी के पात्र हैं।
प्रायश्चित कहानी के पात्र सुबोध चंद्र और मुरारीलाल है।
प्रायश्चित कहानी प्रेमचंद की कहानी है।
प्रेमचंद की अन्य प्रमुख कहानियां-
नमक का दारोगा, बूढ़ी काकी, शतरंज के खिलाड़ी, अलग्योझा, पूस की रात, सद्गति, दो बैलों की आत्मकथा, नशा ,कफ़न इत्यादि हैं।
प्रायश्चित नाम से कहानी भगवती चरण वर्मा की भी कहानी है।
मुख्य पात्र :- रामू की बहू, कबरी बिल्ली, पण्डित परमसुख और रामू की माँ हैं।
गौण पात्र :- मिसरानी, छन्नू की दादी, महरी, किसनू की माँ आदि।
गंगी ठाकुर का कुआँ का पात्र है।
करुणा और प्रकाश मानसरोवर भाग-1 में संकलित कहानी के पात्र हैं।
श्यामा और धर्मदास ज़िहाद कहानी के पात्र हैं।
जिहाद' मे मुख्यतः तीन ही चरित्र हैं।
धर्मदास, श्यामा और खजानचंद।
उपर्युक्त सभी कहानियाँ प्रेमचंद की है।
‘ईदगाह’ कहानी का केंद्रीय पात्र है
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDF'हामिद' ईदगाह कहानी का प्रमुख केंद्रीय पात्र है। अन्य पात्र असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 1) 'हामिद' होगा।
विशेष:
- 'ईदगाह' हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध रचनाकार "मुंशी प्रेमचंद" द्वारा लिखी गई है।
- यह सर्वप्रथम चांद पत्रिका मे 1938 मे प्रकाशित हुई थी।
निम्नलिखित पात्रों को उनसे सम्बद्ध कहानियों के साथ सुमेलित कीजिए:
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. कालिन्दी चरण |
I. गैंग्रीन |
B. मालती |
II. पत्नी |
C. शामनाथ |
III. जिन्दगी और गुलाब |
D. सुबोध |
IV. चीफ की दावत |
नीचे दिए गए विकल्पों मे से सही उत्तर चुनिए:
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFपात्र और उनसे सम्बन्धित कहानियां-1) A-II,B-I,C-IV,D-III
Key Points
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. कालिन्दी चरण |
II. पत्नी |
B. मालती |
I. गैंग्रीन |
C. शामनाथ |
IV. चीफ की दावत |
D. सुबोध |
III. जिन्दगी और गुलाब |
Important Points
कहानी |
कहानीकार |
पात्र |
पत्नी |
जैनेन्द्र कुमार |
सुनन्दा |
गैंग्रीन |
अज्ञेय |
मालती,महेश्वर,टिटी,कथाकार |
चीफ की दावत |
भीष्म साहनी |
शामनाथ,श्रीमती,माँ |
जिन्दगी और गुलाब |
उषा प्रियंवदा |
सुबोध,वृन्दा और उनकी माँ |
Additional Information
- प्रेमचंदोत्तर उपन्यासकारों में जैनेंद्रकुमार का विशिष्ट स्थान है।
- गैंग्रीन कहानी को तीन भागों में दर्शाया गया है।
- भीष्म साहनी की चीफ की दावत एक ऐसी कहानी है जिसमें माँ का बलिदान अपने अधिकारी बेटे को फर्ज ही लगता है।
- उषा प्रियंवदा प्रवासी हिंदी साहित्यकार हैं।
- उषा जी के कहानी संग्रहः वनवास, कितना बड़ा झूठ,शून्य,जिन्दग़ी और गुलाब के फूल,एक कोई दूसरा,मेरी प्रिय कहानियाँ,संपूर्ण कहानियां।
'परिन्दे' कहानी के आधार पर बताइए कि मेजर गिरीश नेगी ने लतिका को 'मैन ईटर ऑफ कुमाओ' कहकर क्यों संबोधित करता था?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'परिंदे' कहानी में लतिका को चिढ़ाने के लिए मेजर गिरीश नेगी उसको 'मैन ईटर ऑफ कुमाओ' कहकर संबोधित करता था।
- मेजर गिरीश नेगी -
- कुमाऊँ रेजिमेंट में मेजर था, जिससे लतिका प्रेम करती थी।
- लतिका-
- इस कहानी की केन्द्रीय पात्र है।
- जो अतीत से जुड़ी रहना चाहती है, चाहे वह उसे दुःख ही क्यों न दे रहा हो।
Key Pointsपरिंदे-
- रचनाकार - निर्मल वर्मा
- प्रकाशन वर्ष -1960 ई.
- विधा - कहानी
- विषय -
- अपने देश अपने शहर लौटने की उम्मीद में जी रहे लोगों की कहानी है।
- अपने अतीत से लड़ने वाले लोगों की कहानी है।
Important Pointsनिर्मल वर्मा-
- जन्म-1929-2005 ई.
- कहानी संग्रह-
- जलती झाड़ी(1965 ई.), पिछली गर्मियों में(1968 ई.), बीच बहस में(1973 ई.) आदि।
Additional Informationनामवर सिंह-
- "परिंदे की लतिका की समस्या स्वतंत्रता या मुक्ति की समस्या है।अतीत से मुक्ति,स्मृति से मुक्ति,इस चीज से मुक्ति 'जो हमे चलाये चकती है और अपने रेले में घसीट ले जाती है'।"
जैनेन्द्र की कहानियों के पात्र हैं -
(i) शमशेर
(ii) जुलेका
(iii) बेंजिलो
(iv) ईश्वर चन्द्र
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर को चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर - शमशेर, बेजिलो और जुलैका जैनेंद्र की कहानियों के पात्र हैं।
Key Points
- जैनेन्द्र की कहानियाँ मनोविश्लेषण और अवचेतन मन पर आधारित हैंI
Important Points
जैनेन्द्र के कहानी संग्रहः
फाँसी (1929)
वातायन (1930)
नीलम देश की राजकन्या (1933)
एक रात (1934)
दो चिड़ियाँ (1935)
पाजेब (1942)
गैंग्रीन कहानी की “मालती” बचपन में कैसी लड़की थी?
(a) सरल और शांत लड़की थी
(b) उद्धत और चंचल लड़की थी
(c) पुस्तकें पड़ने की शौकीन लड़की थी
(d) चोरी से क्लास से भागने वाली लड़की
निम्नलिखित में से सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFगैंग्रीन कहानी की मालती बचपन में "उद्धत और चंचल लड़की थी" व "चोरी से क्लास से भागने वाली लड़की थी" । अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "B व D" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- मालती – गैंग्रीन / रोज़ कहानी की मुख्य पात्र। विवाहित स्त्री जो एक बच्चे की माँ और अपने वैवाहिक जीवन से त्रस्त है।
- महेश्वर – मालती का पति जो एक पहाड़ी गाँव में सरकारी डिस्पेंसरी में डॉक्टर है।
- टिटी – मालती और महेश्वर का बच्चा।
- रोज अज्ञेय की कहानी है।
- 'रोज़' शीर्षक कहानी अज्ञेय के कहानी संकलन 'विपथगा' के पहले संस्करण में है।
- 'विपथगा' के पाँचवें संस्करण में, जो सन् 1990 ई. में नेशनल पब्लिशिंग हाउस, दिल्ली द्वारा प्रकाशित हुआ, यही कहानी 'गैंग्रीन' शीर्षक से प्रकाशित है।
- रोज़ कहानी का उद्देश्य एक युवती मालती के यांत्रिक वैवाहिक जीवन के माध्यम से नारी जीवन और उसके सीमित घरेलू परिवेश में बीतते उबाऊ जीवन की कथा है।
- अज्ञेय की कहानियाँ:-
- विपथगा (1937), परम्परा (1944), कोठरी की बात (1945), शरणार्थी (1948), जयदोल (1951)
'शरणदाता' कहानी का केन्द्रीय पात्र कौन है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF'शरणदाता' कहानी का केन्द्रीय पात्र देविन्दरलाल है।
- देविन्दरलाल कहानी का मुख्य हिन्दू पात्र है।
- दंगों के समय इनका मुसलमान मित्र रफीकुद्दीन इनकी मदद करता है।
Key Pointsशरणदाता-
- रचनाकार-अज्ञेय
- विधा-कहानी
- विषय-
- हिन्दू-मुस्लिम बटवारे के समय एक दुसरे को शरण देने का चित्रण किया गया है।
- 1947 का भारत-पाक विभाजन का समय है।
- लाहौर में रह रहे दो मित्रों की कहानी है।
- चारों तरफ साम्प्रदायिक दंगों का माहोल है।
- मुख्य पात्र-
- देविन्दर लाल, रफीकुद्दीन, जैबुन्निसा, अताउल्लाह आदि।
Important Pointsअज्ञेय-
- कहानी संग्रह-
- विपथगा(1937 ई.),परम्परा(1940 ई.),कोठरी की बात(1945 ई.),अमर वल्लरी(1945 ई.) आदि।
Additional Informationकहानी का सार-
- इस कहानी में मानवता का परिचय करवाया गया है।
- अलग-अलग धर्मों से संबंध रखने वालों के मध्य मानवीय रिश्तों को स्थापित किया गया है।
- दंगों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है।
- मनुष्य चाहे किसी भी धर्म का हो सबसे पहले वह मनुष्य होता है इस मूल मन्त्र को समझाया गया है।
‘मैं पाधा बन गया हूँ। करो जर्मन के बादशाह का तर्पण!’ ‘उसने कहा था’ कहानी में यह कथन किसका है?
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFवजिरासिंह, यहाँ उचित विकल्प है। अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।
- ‘उसने कहा था’ का रचनाकाल 1915 है।
- यह अपने समय एक मात्र सर्वर्श्रेष्ठ कहानी है।
- इसकी रचना ‘चन्द्र धर शर्मा गूलेरी जी’ हैं।
- त्याग और प्रेम की सबसे अद्भुत कहानी।
- मुख्य पात्र- लहना सिंह, वजीरा सिंह, हजारा सिंह आदि।
निम्नलिखित में से कौन 'ईदगाह' कहानी के पात्र नहीं हैं ?
(A) जुम्मन शेख
(B) महमूद
(C) भजनसिंह
(D) मोहसिन
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFईदगाह' कहानी के पात्र जुम्मन शेख और भजनसिंह नहीं है, विकल्प 2 सही है।
Key Points
- ईदगाह कहानी को प्रेमचंद ने 1933 ई. में लिखा है।
- प्रेमचंद का प्रथम हिंदी कहानी संग्रह 'सप्त सरोज' जून 1917 ई. में प्रकाशित हुआ।
Important Points
- ईदगाह कहानी के अन्य पात्र - हामिद, अमीना, सम्मी, नूरे।
Additional Information
- प्रेमचंद द्वारा रचित प्रमुख कहानियां हैं - बड़े घर की बेटी(1910 ई.), सौत(1915 ई.), पंच परमेश्वर(1916 ई.), ठाकुर का कुआँ(1932 ई.), कफ़न(1936 ई.)।
सूची-I के साथ सूची-II का मिलान कीजिए-
|
सूची-I |
|
सूची-II |
(A) |
लहनासिंह |
(I) |
चीफ की दावत |
(B) |
पीरबख्श |
(II) |
परिन्दे |
(C) |
लतिका |
(III) |
परदा |
(D) |
शामनाथ |
(IV) |
उसने कहा था |
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -
Answer (Detailed Solution Below)
कहानियों के पात्र Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFसूची-। | सूची-।। |
(A)लहना सिंह | उसने कहा था |
(B)पीरबख्श | परदा |
(C)लतिका | परिंदे |
(D)शामनाथ | चीफ की दावत |
Key Points
कहानी | लेखक | पात्र | विषय |
उसने कहा था | चन्द्रधर शर्मा गुलेरी | लहना सिंह,सूबेदारनी,सूबेदार हज़ारा सिंह,बोधा,वजीरा सिंह आदि। |
1)सरस्वती पत्रिका में 1915 में प्रकाशित हुई। 2)प्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर लिखी गई प्रेम-संवेदना की कहानी है। |
परदा | यशपाल | चौधरी पीरबख्श,बब्बर,अली खां आदि।1 |
1)'तर्क का तूफान'(1944ई.) कहानी संग्रह में संकलित। 2)गरीब मुस्लिम परिवार का चित्रण जो निर्धन अवस्था मे भी पारिवारिक गौरव को बचाये रखने की कोशिश करता है। |
परिंदे | निर्मल वर्मा | लतिका,डॉ. मुखर्जी,मि. ह्यूबर्ट,करीमुद्दीन,गिरीश,मिस वुड आदि। |
1)मध्यवर्गीय जीवन मे व्याप्त अकेलापन। 2)सभी चरित्र न सिर्फ अकेले हैं बल्कि कभी न खत्म होने वाले इंतज़ार से बोझिल,उदास,टूटे हुए है। |
चीफ़ की दावत | भीष्म साहनी | मि. शामनाथ,बूढ़ी माँ,शामनाथ की पत्नी आदि। |
1)बूढ़ी माँ के 'अप्रस्तुतियोग्य' होने की समस्या पर आधारित है। 2)बूढ़ी माँ अपने बच्चे की तरक्की के लिए फुलकारी बनाने को भी तैयार हो जाती है। |
Additional Information
अन्य कहानियाँ-
कहानीकार | कहानियाँ |
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' | सुखमय जीवन(1911),बुद्धू का काँटा(1914),उसने कहा था(1915)आदि। |
यशपाल | पिंजरे की उड़ान(1939),अभिशप्त(1943),उत्तमी की माँ(1955),खच्चर और आदमी(1965) आदि |
निर्मल वर्मा | परिंदे(1960),जलती झाड़ी(1965),पिछली गर्मियों में(1968),कव्वे और काला पानी(1983)आदि। |
भीष्म साहनी | भाग्यरेखा(1953),पहला पाठ(1957),भटकती राख (1966),पटरियां(1973),निशाचर(1983)आदि। |