व्यंजन संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for व्यंजन संधि - Download Free PDF

Last updated on Jun 20, 2025

Latest व्यंजन संधि MCQ Objective Questions

व्यंजन संधि Question 1:

'उच्चारण' में कौनसी सन्धि है-

  1. विसर्ग
  2. व्यंजन
  3. दीर्घ
  4. गुण
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : व्यंजन

व्यंजन संधि Question 1 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से विकल्प 2 व्यंजन सही है।

Key Points

  • उच्चारण शब्द व्यजंन संधि का उदाहरण है।
    • इसका संधि विच्छेद उत्+चारण =उच्चारण है। 
  • व्यंजन संधि - जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उससे होने वाले विकार या परिर्वतन को ही व्यंजन संधि कहते है। जैसे जगदम्बा = जगत्+अम्बा। इस शब्द में त् का द् में परिवर्तन हुआ है। 

अन्य विकल्प-

  • विसर्ग संधि - जब विसर्ग (ः) के बाद स्वर या व्यंजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे मनोनुकूल = मनः+अनुकूल । इसमें ः+अ मेल हुआ है।
  • दीर्घ संधि के उदाहरण-
  1. शरणार्थी = शरण+अर्थी ( अ+अ=आ)
  2.  भयाक्रांत = भय + आक्रांत
  3. महाशय = महा+आशय
  4. रवींद्र = रवि+इंद्र
  5. लघूर्मि = लघु+ऊर्मि
  • गुण संधि - यदि या के बाद इ , ई तथा उ,ऊ और स्वर आते हैं। दोनों वर्ण आपस मे मिलकर क्रमशः,ओ,अर् हो जाते हैं। जैसे 
  1. अंत्येष्टि = अंत्य + इष्टि ( अ+इ=ए)
  2. खगेश = खग+ईश (अ+ई = ए)
  3. कठोपनिषद् = कठ + उपनिषद् (अ+उ=ओ)
  4. महोष्मा = महा+ऊष्मा (आ+ऊ=ओ)

व्यंजन संधि Question 2:

'उद्योग' का संधि विच्छेद है।

  1. उत् + योग
  2. ऊद + योग
  3. उत + योग
  4. उद = योग
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : उत् + योग

व्यंजन संधि Question 2 Detailed Solution

उद्योग का संधि विच्छेद है - उत् + योग

उत् + योग = उद्योग

  • उद्योग में व्यंजन संधि है।
  • त् का मेल ग, घ, द, ध, ब, भ, य, र, व या किसी स्वर से हो जाए तो द् हो जाता है। (त् + ग , घ , ध , द , ब , भ ,य , र , व् = द्)
  • उदाहरण - भगवत् + गीता = भगवद्गीता 
                   तत् + भव = तद्भव
                   महत् + ज्ञान = महद्ज्ञान
                   चित् + रूप = चिद्रूप

अन्य विकल्प गलत हैं।Important Pointsव्यंजन संधि के कुछ अन्य उदाहरण -

  • उत् + डयन = उड्डयन
  • छत्र + छाया = छत्रच्छाया
  • सम् + कर्त्ता = संस्कर्त्ता
  • मृद् + शकटिक = मृच्छकटिक
  • क्रीड़ा + अंगन = क्रीड़ागण
  • वर्ष + अन = वर्षण
  • ऋतम् + भरा = ऋतम्भर
  • चिरम् + जीव = चिरञ्जीव
  • शाला + छादन = शालाच्छादन
  • उत् + निद्र = उन्निद्र

Additional Informationव्यंजन संधि

  • क्च्ट्त्प् + सभी स्वर / य्र्ल्व् / किसी वर्ग का तीसरा एवं चौथा वर्ण अपने ही वर्ग का तीसरे वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ग्ट् का ड्त् का द्प् का ब् 
      • दिक् + अम्बर = दिगम्बर
      • षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र
      • उत् + घाटन = उद्घाटन
      • अप् + ज = अब्ज
  • क्च्ट्त्प् , अपने ही वर्ग का पंचमक्षर वर्ण बनेगा
    • जैसे :- क् का ङ्च् का ट् का ण्त् का न्प् का म्
      • प्राक् + मुख = प्राङ्मुख
      • षट् + मुख = षण्मुख
      • उत् + नति =  उन्नति
  •  क से म के सभी व्यंजन वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण
    • सम् + गम = संगम
  • त् +  ,  ,  ,  ,  ,  , ,  , व् = द्
    • तत् + रूप = तद्रूप्त
  • म् + ह = अनुस्वार
    • सम् + शय = संशय
  • त् + श् = त् को च् और श् को छ् 
    • शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र
  • त् या द् +  या  त् या द् के स्थान पर च् होगा
    • उत् + छिन्न = उच्छिन्न
  • त् + ह् = त् का द् और ह् का ध् हो जाता है। 
    • तत् + हित = तद्धित
  • त् या द्  या   = त् या ज् 
    • जगत् + जीवन = जगज्जीवन
  • स्वर + छ् = छ् से पहले च् जुड़ेगा 
    • आ + छादन = आच्छादन
  • त् या द् +  ट या ठ = त् या द् के स्थान पर ट्
    • तत् + टीका = तट्टीका
  • त् या द् +  या ढ = त् या द् के स्थान पर ड्
    • भवत् + डमरू = भवड्डमरू
  • त् या द् + ल = त् या द् की जगह पर ल्
    • उत् + लास = उल्लास
  • र् या ष्  +  / स्वर / क वर्गप वर्ग / अनुश्वार /  न् का  हो जाता है।
    • प्र + मान : प्रमाण
    • भुष + अन : भूषण
  • ष + त या थ = त के बदले  और थ के बदले 
    • पृष् + थ = पृष्ठ
  • यदि किसी शब्द का पहला वर्ण  हो तथा उसके पहले  या  के अलावा कोई दूसरा स्वर आये तो स के स्थान पर  हो जाता है।
    • सु + सुप्ति = सुषुप्ति
  • यौगिक शब्दों के अंत में यदि प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण  हो, तो उसका लोप हो जाता है। 
    • प्राणिन + मात्र =  प्राणिमात्र
  • त् से पहले च् या छ् होने पर ज् या झ् होने पर ज्ट् या ठ् होने पर ट्ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है।

व्यंजन संधि Question 3:

'वागीश' का संधि विच्छेद होगा-

  1. वाग् + ईश
  2. वाक् + ईश
  3. वाग + ईश
  4. वाक् + इश
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वाक् + ईश

व्यंजन संधि Question 3 Detailed Solution

वागीश'=वाक् + ईश

  • यह व्यंजन संधि का उदाहरण है 
  • वागीश शब्द में 'क् + ई = गी' का मेल हो रहा है इसलिए यहां व्यंजन संधि है।

Key Points

संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं -

स्वर संधि

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।

व्यंजन संधि

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट।

Additional Information

  • किसी वर्ग के पहले वर्ण क्, च्, ट्, त्, प् का मेल किसी वर्ग के तीसरे अथवा चौथे वर्ण या य्, र्, ल्, व्, ह या किसी स्वर से हो जाए तो, क् को ग् , च् को ज् , ट् को ड् , त् को द् ,प् को ब् , में बदल दिया जाता है।

उदाहरण-

  • दिक् + गज = दिग्गज
  • ऋक् + वेद = ऋग्वेद
  • प्राक् + ऐतिहासिक = प्रागैतिहासिक

व्यंजन संधि Question 4:

'जगज्जननी' का संधि-विच्छेद कीजिए।

  1. जगज्ज + ननी
  2. जगज् + जननी
  3. जग जननी
  4. जगत् + जननी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : जगत् + जननी

व्यंजन संधि Question 4 Detailed Solution

'जगज्जननी' का संधि-विच्छेद होगा - जगत् + जननी

Key Points

  • 'जगज्जननी' शब्द का संधि विच्छेद - 'जगत + जननी' (त्/द् + ज = ज्ज) होता है
  • व्यंजन संधि का नियम - जब त् का मिलन ह् से हो तो त् को द् और ह् को ध् में बदल दिया जाता है।
    • त् या द् के साथ या का मिलन होता है तब त् या द् की जगह पर ज् बन जाता है।
  • जैसे - 
    • उत् + हरण = उद्धरण
    • तत् + हित = तद्धित
    • सत् + जन = सज्जन
    • जगत् + जीवन = जगज्जीवन
    • उत् + हार = उद्धार

Additional Information व्यंजन संधि-

  • जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

उदहारण-

  • दिक् + गज = दिग्गज
  • जगत् + ईश = जगदीश
  • उत् + मूलन = उन्मूलन
  • सम् + कल्प = संकल्प

व्यंजन संधि Question 5:

निम्नलिखित में से कौन-सा कथन व्यंजन संधि के संदर्भ में सही है? 

  1. व्यंजन संधि में दो व्यंजनों के योग से विकार उत्पन्न नहीं हो सकता है। 
  2. व्यंजन संधि में व्यंजन और स्वर के योग से विकार उत्पन्न होता है। 
  3. व्यंजन संधि में दो निकटवर्ती शब्दों के योग से नवीन शब्द की उत्पत्ति होती है। 
  4. व्यंजन संधि में विशेषण शब्दों में विकार उत्पन्न नहीं हो सकता है। 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : व्यंजन संधि में व्यंजन और स्वर के योग से विकार उत्पन्न होता है। 

व्यंजन संधि Question 5 Detailed Solution

व्यंजन संधि के संदर्भ में सही कथन है- "व्यंजन संधि में व्यंजन और स्वर के योग से विकार उत्पन्न होता है"। 

  • उदाहरण-  वाक्+ईश= वागीश।

Key Pointsव्यंजन संधि के उदाहरण- 

  • (क् + ई = गी) वाक् + ईश = वागीश ।
  • (च् + अ = ज्) अच् + अंत = अजंत ।
  • (ट् + आ = डा) षट् + आनन = षडानन ।
  • (प + ज + ब्ज) अप् + ज = अब्ज ।
  • (क् + म = ड़्) वाक् + मय = वाड़्मय ।
  • (च् + न = ञ्) अच् + नाश = अञ्नाश ।
  • (ट् + म = ण्) षट् + मास = षण्मास ।
  • (त् + न = न्) उत् + नयन = उन्नयन ।

Additional Information'संधि'- 'दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते है।

  • उदाहरण- पीत+अम्बर= पीताम्बर।
  • सत् + भावना = सद्भावना।

संधि- 3 प्रकार की होती है।

स्वर संधि- 'दो स्वरों के मिलने से जो परिवर्तन होता है, स्वर संधि कहते है'।

  • जैसे- हिम+आलय=हिमालय। 

व्यंजन संधि- 'व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने पर जो परिवर्तन होता है,व्यंजन संधि कहते है'।

  • जैसे- निर्+आशा=निराशा। 

विसर्ग संधि- 'विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन के आने से जो परिवर्तन होता है,विसर्ग संधि कहते है'।

  • जैसे- निः+धन=निर्धन।

Mistake Points

  • व्यंजन संधि के संदर्भ में सही कथन है- "व्यंजन संधि में व्यंजन और स्वर के योग से विकार उत्पन्न होता है"। अन्य कथन व्यंजन संधि के नियम के अनुसार सही नहीं है।
  • दो निकटवर्ती शब्दों के योग से नहीं बल्कि दो निकटवर्ती वर्णों के योग से  नवीन शब्द की उत्पत्ति होती है। उसे हम संधि कहते है न कि व्यंजन संधि।

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'विपज्जाल' का सही संधि विच्छेद है :

  1. विपत् + जाल
  2. विपद् + जाल
  3. विप + जाल
  4. विपः + जाल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विपत् + जाल

व्यंजन संधि Question 6 Detailed Solution

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'विपज्जाल' का सही संधि विच्छेद है - 'विपत् + जाल'

  • विपत् + जाल = विपज्जाल
  • 'विपज्जाल' में व्यंजन संधि है।
    • व्यंजन संधि के नियम अनुसार यदि त्‌ और द्‌ के आगे ज्‌ या झ् आए, तो उसका 'ज्‌' हो जाता है।  

Key Pointsव्यंजन संधि:-

  • जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

उदाहरण-

  • सत् + जन = सज्जन
  • दिक् + गज = दिग्गज
    जगत + ईश = जगदीश
  • सम् + शय = संशय
  • सत् + भावना = सद्भावना

'वाग्घरि' का सही संधि-विच्छेद है -

  1. वाग् + घरि
  2. वाग + हरि
  3. वाक् + हरि
  4. वाक् + घरि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वाक् + हरि

व्यंजन संधि Question 7 Detailed Solution

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सही उत्तर 'वाक् + हरिहै।

  • 'वाग्घरि' का सही संधि-विच्छेद 'वाक् + हरि' है।
  • 'वाग्घरिशब्द में 'क् + ह = ग्ह' का मेल हो रहा है इसलिए यहां व्यंजन संधि है।

Key Points

संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं -

स्वर संधि

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।

व्यंजन संधि

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट।

Important Points'क्' का 'ग्' होना- 

  • वाक् + जाल = वाग्‍जाल 
  • ऋक् + वेद + ऋग्‍वेद 
  • वाक् + दान = वाग्‍दान 
  • दिक् + विजय = दिग्विजय
  • वाक् + धारा = वाग्‍धारा  

उत्तीर्ण शब्द में सन्धि है

  1. गुण
  2. व्यंजन
  3. दीर्घ
  4. वृद्धि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : व्यंजन

व्यंजन संधि Question 8 Detailed Solution

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उत्तीर्ण शब्द में व्यंजन संधि है।

  • उत्तीर्ण = उद् + तीर्ण
  • व्यंजन संधि

Key Points

  • व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे-शरत् + चंद्र = शरच्चंद्र। 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

स्वार्थ = स्व + अर्थ

व्यंजन संधि

व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।

दिग्गज = दिक् + गज

 

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

शिरोमणि = शिर: + मणि

'उन्नति' में संधि है:

  1. अयादि स्वर संधि
  2. यण स्वर संधि
  3. व्यंजन संधि
  4. विसर्ग संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : व्यंजन संधि

व्यंजन संधि Question 9 Detailed Solution

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सही उत्तर व्यंजन संधि है 

Key Points

  • 'उन्नति' में व्यंजन संधि है।
  • उत् + नति = उन्नति
  • नियम- जब किसी शब्‍द के अक्षर (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म अक्षर ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् को ङ्, च् को ज्, ट् को ण्, त् को न्, तथा प् को म् में बदल दिया जाता है
  • जैसे-
    • क् का ङ् में परिवर्तन होना - उदहारण = वाक् + मय = वाङ्मय
    • ट् का ण् में परिवर्तन होना - उदहारण = षट् + मास = षण्मास

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के 

मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या 

स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन 

के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

'उच्चारण' में कौनसी सन्धि है-

  1. विसर्ग
  2. व्यंजन
  3. दीर्घ
  4. गुण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : व्यंजन

व्यंजन संधि Question 10 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से विकल्प 2 व्यंजन सही है।

Key Points

  • उच्चारण शब्द व्यजंन संधि का उदाहरण है।
    • इसका संधि विच्छेद उत्+चारण =उच्चारण है। 
  • व्यंजन संधि - जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उससे होने वाले विकार या परिर्वतन को ही व्यंजन संधि कहते है। जैसे जगदम्बा = जगत्+अम्बा। इस शब्द में त् का द् में परिवर्तन हुआ है। 

अन्य विकल्प-

  • विसर्ग संधि - जब विसर्ग (ः) के बाद स्वर या व्यंजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे मनोनुकूल = मनः+अनुकूल । इसमें ः+अ मेल हुआ है।
  • दीर्घ संधि के उदाहरण-
  1. शरणार्थी = शरण+अर्थी ( अ+अ=आ)
  2.  भयाक्रांत = भय + आक्रांत
  3. महाशय = महा+आशय
  4. रवींद्र = रवि+इंद्र
  5. लघूर्मि = लघु+ऊर्मि
  • गुण संधि - यदि या के बाद इ , ई तथा उ,ऊ और स्वर आते हैं। दोनों वर्ण आपस मे मिलकर क्रमशः,ओ,अर् हो जाते हैं। जैसे 
  1. अंत्येष्टि = अंत्य + इष्टि ( अ+इ=ए)
  2. खगेश = खग+ईश (अ+ई = ए)
  3. कठोपनिषद् = कठ + उपनिषद् (अ+उ=ओ)
  4. महोष्मा = महा+ऊष्मा (आ+ऊ=ओ)

निर्देश : नीचे दिए गए शब्दों के सही संधि का विकल्प चुनिए :

संसार

  1. स्वर संधि
  2. विसर्ग संधि 
  3. व्यंजन संधि
  4. इनमें से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : व्यंजन संधि

व्यंजन संधि Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर है - ‘व्यंजन संधि’।

  • संसार’ शब्द में व्यंजन संधि है।

Key Points

  • सम् + सार = संसार
  • व्यंजन संधि : किसी व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
  • नियम - जब किसी शब्‍द के अक्षर (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म अक्षर ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् को ङ्, च् को ज्, ट् को ण्, त् को न्, तथा प् को म् में बदल दिया जाता है।

जैसे -

  • ट् का ण् में परिवर्तन होना - उदहारण = षट् + मास = षण्मास।

Additional Informationसन्धि:

  • दो या अधिक वर्णों के पास-पास आने के परिणामस्वरूप जो विकार उत्पन्न होता है उसे सन्धि कहते हैं।

सन्धि तीन प्रकार की होती हैं -

  • स्वर सन्धि
  • व्यंजन सन्धि 
  • विसर्ग सन्धि

निम्नलिखित में से कौनसा शब्द व्यंजन संधि का है?

  1. नाविक
  2. परोपकार
  3. जगन्नाथ
  4. सदैव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : जगन्नाथ

व्यंजन संधि Question 12 Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 'जगन्नाथ' है।

Key Points

  • 'जगन्नाथ' शब्द में व्यंजन संधि है। 
  • जिसका संधि विच्छेद 'जगत्+नाथ = जगन्नाथ' होगा।

अन्य विकल्प 

  • 'सदैव' वृद्धि स्वर  संधि का उदाहरण है।
  • इसका संधि विच्छेद सदा+एव =' सदैव'।
  • वृद्धि स्वर संधिः- जब 'अ' या 'आ' के बाद में' 'या 'ऐ 'आए तो दोनों मिलकर 'ऐ' तथा 'ओ' या 'औ' आए तो दोनों मिलकर 'औ' हो जाते हैं और  इससे बनने वाली संधि वृद्धि स्वर संधि होती है।
  • परोपकार में गुण संधि का उदाहरण ।
    • इसका संधि विच्छेद - पर+उपकार = परोपकार (अ+उ=ओ)
  • नाविक में अयादि स्वर संधि हैं।
    • इसका संधि विच्छेद - नौ+इक = नाविक (औ+इ)

Additional Information

संधि दो शब्दों सम्+धि के योग से बना है जिसका अर्थ है 'मेल' अर्थात् दो शब्दों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को संधि कहते है। 

संधि के मुख्यता तीन भेद होते है।- 

1) स्वर संधि

  • स्वर संधि पाँच प्रकार की होती है।
    • ​दीर्घ स्वर संधि
    • गुण स्वर संधि
    • वृद्धि स्वर संधि
    • यण स्वर संधि
    • अयादि स्वर संधि

2) व्यंजन संधिः

3) विसर्ग संधि

  • स्वर संधिः- दो स्वरो के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को, स्वर संधि कहते है। स्वर संधि के पाँच प्रकार होते है।  

        जैसे-पुष्प+अवली= पुष्पावली (अ+अ) स्वरों का आपस में विकार हुआ है।

  • व्यंजन संधिः-जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उसमे होने वाले विकार या परिवर्तन को ही व्यंजन संधि करहे है। 

        जैसे- अज्+अंत= अजंत(च् का ज् में परिवर्तन हुआ है) व्यंजनों का आपस में विकार हुआ है 

  • विसर्ग संधिः- विसर्ग (ः) चिन्ह के बाद स्वर या व्यजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते है। 

           जैसेः-पयः+धर=पयोधर

'उन्नति' शब्द में कौन सी सन्धि है ?

  1. व्यंजन सन्धि
  2. स्वर सन्धि
  3. विसर्ग सन्धि
  4. इनमें से कोई नहीं 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : व्यंजन सन्धि

व्यंजन संधि Question 13 Detailed Solution

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निम्न में से सही विकल्प उत् + नति, व्यंजन संधि हैI 

Key Points

  •  उन्नति शब्द में व्यंजन संधि है।
  • उन्नति = उत्+नति

Additional Information

व्यंजन से स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पन्न संधि को व्यंजन संधि कहते हैं । 

'सद्धर्म' का सही संधि-विच्छेद है-

  1. सद् + धर्म
  2. सद् + अधर्म
  3. स + द्धर्म
  4. सत् + धर्म

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सत् + धर्म

व्यंजन संधि Question 14 Detailed Solution

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दिये गए विकल्पों में से विकल्प 4 सत् + धर्म सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।

Key Points

  • सद्धर्म का संधि-विच्छेद ‘सत् + धर्म’ है।        
  • सद्धर्म में व्यंजन संधि संधि है।
  • सद्धर्म में 'त् + ध = द्ध' संधि का नियम है।

व्यंजन संधि:

  • जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।
  • यानी जब दो वर्णों में संधि होती है तो उनमे से पहला यदि व्यंजन होता है और दूसरा स्वर या व्यंजन होता है तो उसे हम व्यंजन संधि कहते हैं।  
  • अच् + आदि = अजादी

Additional Information

संधि– संधि का सामान्य अर्थ है मेल। इसमें दो अक्षर मिलने से तीसरे शब्द रचना होती है, इसी को संधि कहते है। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर संधि

दो स्वरों से उतपन विकार अथवा रूप -परिवर्तन को स्वर संधि कहते है।

मुनि + इंद्र = मुनीन्द्र

व्यंजन संधि

व्यंजन से स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पत्र विकार को व्यंजन संधि कहते है।

पम्+चम =पंचम

विसर्ग संधि

स्वर और व्यंजन के मेल से विसर्ग में जो विसर्ग होता है, उसे 'विसर्ग संधि' कहते है।

मनः +रथ =मनोरथ

जगत् + ईश = जगदीश में कौन-सी संधि है?

  1. विसर्ग संधि
  2. स्वर संधि
  3. व्यंजन संधि
  4. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : व्यंजन संधि

व्यंजन संधि Question 15 Detailed Solution

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'जगत + ईश = जगदीश' में व्यंजन संधि है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः विकल्प 3 ‘व्यंजन संधि’ सही है।

Key Points

  • 'जगदीश' में व्यंजन संधि है।
  • जगत + ईश = जगदीश (त् + ई = दी), यहाँ 'त्' और 'ई' के मेल से 'दीबना है। 
  • ‘व्यंजन संधि’ में एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

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