व्यंजन संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for व्यंजन संधि - Download Free PDF
Last updated on Jun 20, 2025
Latest व्यंजन संधि MCQ Objective Questions
व्यंजन संधि Question 1:
'उच्चारण' में कौनसी सन्धि है-
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 1 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से विकल्प 2 व्यंजन सही है।
Key Points
- उच्चारण शब्द व्यजंन संधि का उदाहरण है।
- इसका संधि विच्छेद उत्+चारण =उच्चारण है।
- व्यंजन संधि - जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उससे होने वाले विकार या परिर्वतन को ही व्यंजन संधि कहते है। जैसे जगदम्बा = जगत्+अम्बा। इस शब्द में त् का द् में परिवर्तन हुआ है।
अन्य विकल्प-
- विसर्ग संधि - जब विसर्ग (ः) के बाद स्वर या व्यंजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे मनोनुकूल = मनः+अनुकूल । इसमें ः+अ मेल हुआ है।
- दीर्घ संधि के उदाहरण-
- शरणार्थी = शरण+अर्थी ( अ+अ=आ)
- भयाक्रांत = भय + आक्रांत
- महाशय = महा+आशय
- रवींद्र = रवि+इंद्र
- लघूर्मि = लघु+ऊर्मि
- गुण संधि - यदि अ या आ के बाद इ , ई तथा उ,ऊ और ऋ स्वर आते हैं। दोनों वर्ण आपस मे मिलकर क्रमशः ए ,ओ,अर् हो जाते हैं। जैसे
- अंत्येष्टि = अंत्य + इष्टि ( अ+इ=ए)
- खगेश = खग+ईश (अ+ई = ए)
- कठोपनिषद् = कठ + उपनिषद् (अ+उ=ओ)
- महोष्मा = महा+ऊष्मा (आ+ऊ=ओ)
व्यंजन संधि Question 2:
'उद्योग' का संधि विच्छेद है।
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 2 Detailed Solution
उद्योग का संधि विच्छेद है - उत् + योग
उत् + योग = उद्योग
- उद्योग में व्यंजन संधि है।
- त् का मेल ग, घ, द, ध, ब, भ, य, र, व या किसी स्वर से हो जाए तो द् हो जाता है। (त् + ग , घ , ध , द , ब , भ ,य , र , व् = द्)
- उदाहरण - भगवत् + गीता = भगवद्गीता
तत् + भव = तद्भव
महत् + ज्ञान = महद्ज्ञान
चित् + रूप = चिद्रूप
अन्य विकल्प गलत हैं।Important Pointsव्यंजन संधि के कुछ अन्य उदाहरण -
- उत् + डयन = उड्डयन
- छत्र + छाया = छत्रच्छाया
- सम् + कर्त्ता = संस्कर्त्ता
- मृद् + शकटिक = मृच्छकटिक
- क्रीड़ा + अंगन = क्रीड़ागण
- वर्ष + अन = वर्षण
- ऋतम् + भरा = ऋतम्भर
- चिरम् + जीव = चिरञ्जीव
- शाला + छादन = शालाच्छादन
- उत् + निद्र = उन्निद्र
Additional Informationव्यंजन संधि
- क्, च्, ट्, त्, प् + सभी स्वर / य्, र्, ल्, व्, ह / किसी वर्ग का तीसरा एवं चौथा वर्ण = अपने ही वर्ग का तीसरे वर्ण बनेगा
- जैसे :- क् का ग्, ट् का ड्, त् का द्, प् का ब्
- दिक् + अम्बर = दिगम्बर
- षट् + यन्त्र = षड्यन्त्र
- उत् + घाटन = उद्घाटन
- अप् + ज = अब्ज
- जैसे :- क् का ग्, ट् का ड्, त् का द्, प् का ब्
- क्, च्, ट्, त्, प् + ङ,ञ, ण, न, म = अपने ही वर्ग का पंचमक्षर वर्ण बनेगा
- जैसे :- क् का ङ्, च् का ञ, ट् का ण्, त् का न्, प् का म्
- प्राक् + मुख = प्राङ्मुख
- षट् + मुख = षण्मुख
- उत् + नति = उन्नति
- जैसे :- क् का ङ्, च् का ञ, ट् का ण्, त् का न्, प् का म्
- म + क से म के सभी व्यंजन = वर्ण का अंतिम नासिक वर्ण
- सम् + गम = संगम
- त् + ग , घ , ध , द , ब , भ ,य , र , व् = द्
- तत् + रूप = तद्रूप्त
- म् + य, र, ल, व, श, ष, स, ह = अनुस्वार
- सम् + शय = संशय
- त् + श् = त् को च् और श् को छ्
- शरत् + चन्द्र = शरच्चन्द्र
- त् या द् + च या छ = त् या द् के स्थान पर च् होगा
- उत् + छिन्न = उच्छिन्न
- त् + ह् = त् का द् और ह् का ध् हो जाता है।
- तत् + हित = तद्धित
- त् या द् + ज या झ = त् या ज्
- जगत् + जीवन = जगज्जीवन
- स्वर + छ् = छ् से पहले च् जुड़ेगा
- आ + छादन = आच्छादन
- त् या द् + ट या ठ = त् या द् के स्थान पर ट्
- तत् + टीका = तट्टीका
- त् या द् + ड या ढ = त् या द् के स्थान पर ड्
- भवत् + डमरू = भवड्डमरू
- त् या द् + ल = त् या द् की जगह पर ल्
- उत् + लास = उल्लास
- ऋ, र् या ष् + न / स्वर / क वर्ग, प वर्ग / अनुश्वार / य, व, ह = न् का ण हो जाता है।
- प्र + मान : प्रमाण
- भुष + अन : भूषण
- ष + त या थ = त के बदले ट और थ के बदले ठ
- पृष् + थ = पृष्ठ
- यदि किसी शब्द का पहला वर्ण स हो तथा उसके पहले अ या आ के अलावा कोई दूसरा स्वर आये तो स के स्थान पर ष हो जाता है।
- सु + सुप्ति = सुषुप्ति
- यौगिक शब्दों के अंत में यदि प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण न हो, तो उसका लोप हो जाता है।
- प्राणिन + मात्र = प्राणिमात्र
- त् से पहले च् या छ् होने पर च, ज् या झ् होने पर ज्, ट् या ठ् होने पर ट्, ड् या ढ् होने पर ड् और ल होने पर ल् बन जाता है।
व्यंजन संधि Question 3:
'वागीश' का संधि विच्छेद होगा-
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 3 Detailed Solution
वागीश'=वाक् + ईश
- यह व्यंजन संधि का उदाहरण है
- वागीश शब्द में 'क् + ई = गी' का मेल हो रहा है इसलिए यहां व्यंजन संधि है।
Key Points
संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - |
|
स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
व्यंजन संधि |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट। |
Additional Information
- किसी वर्ग के पहले वर्ण क्, च्, ट्, त्, प् का मेल किसी वर्ग के तीसरे अथवा चौथे वर्ण या य्, र्, ल्, व्, ह या किसी स्वर से हो जाए तो, क् को ग् , च् को ज् , ट् को ड् , त् को द् ,प् को ब् , में बदल दिया जाता है।
उदाहरण-
- दिक् + गज = दिग्गज
- ऋक् + वेद = ऋग्वेद
- प्राक् + ऐतिहासिक = प्रागैतिहासिक
व्यंजन संधि Question 4:
'जगज्जननी' का संधि-विच्छेद कीजिए।
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 4 Detailed Solution
'जगज्जननी' का संधि-विच्छेद होगा - जगत् + जननी
Key Points
- 'जगज्जननी' शब्द का संधि विच्छेद - 'जगत + जननी' (त्/द् + ज = ज्ज) होता है।
- व्यंजन संधि का नियम - जब त् का मिलन ह् से हो तो त् को द् और ह् को ध् में बदल दिया जाता है।
- त् या द् के साथ ज या झ का मिलन होता है तब त् या द् की जगह पर ज् बन जाता है।
- जैसे -
- उत् + हरण = उद्धरण
- तत् + हित = तद्धित
- सत् + जन = सज्जन
- जगत् + जीवन = जगज्जीवन
- उत् + हार = उद्धार
Additional Information व्यंजन संधि-
- जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।
उदहारण-
- दिक् + गज = दिग्गज
- जगत् + ईश = जगदीश
- उत् + मूलन = उन्मूलन
- सम् + कल्प = संकल्प
व्यंजन संधि Question 5:
निम्नलिखित में से कौन-सा कथन व्यंजन संधि के संदर्भ में सही है?
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 5 Detailed Solution
व्यंजन संधि के संदर्भ में सही कथन है- "व्यंजन संधि में व्यंजन और स्वर के योग से विकार उत्पन्न होता है"।
- उदाहरण- वाक्+ईश= वागीश।
Key Pointsव्यंजन संधि के उदाहरण-
- (क् + ई = गी) वाक् + ईश = वागीश ।
- (च् + अ = ज्) अच् + अंत = अजंत ।
- (ट् + आ = डा) षट् + आनन = षडानन ।
- (प + ज + ब्ज) अप् + ज = अब्ज ।
- (क् + म = ड़्) वाक् + मय = वाड़्मय ।
- (च् + न = ञ्) अच् + नाश = अञ्नाश ।
- (ट् + म = ण्) षट् + मास = षण्मास ।
- (त् + न = न्) उत् + नयन = उन्नयन ।
Additional Information'संधि'- 'दो वर्णों के मेल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते है।
- उदाहरण- पीत+अम्बर= पीताम्बर।
- सत् + भावना = सद्भावना।
संधि- 3 प्रकार की होती है।
स्वर संधि- 'दो स्वरों के मिलने से जो परिवर्तन होता है, स्वर संधि कहते है'।
- जैसे- हिम+आलय=हिमालय।
व्यंजन संधि- 'व्यंजन के बाद स्वर या व्यंजन आने पर जो परिवर्तन होता है,व्यंजन संधि कहते है'।
- जैसे- निर्+आशा=निराशा।
विसर्ग संधि- 'विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन के आने से जो परिवर्तन होता है,विसर्ग संधि कहते है'।
- जैसे- निः+धन=निर्धन।
Mistake Points
- व्यंजन संधि के संदर्भ में सही कथन है- "व्यंजन संधि में व्यंजन और स्वर के योग से विकार उत्पन्न होता है"। अन्य कथन व्यंजन संधि के नियम के अनुसार सही नहीं है।
- दो निकटवर्ती शब्दों के योग से नहीं बल्कि दो निकटवर्ती वर्णों के योग से नवीन शब्द की उत्पत्ति होती है। उसे हम संधि कहते है न कि व्यंजन संधि।
Top व्यंजन संधि MCQ Objective Questions
'विपज्जाल' का सही संधि विच्छेद है :
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF'विपज्जाल' का सही संधि विच्छेद है - 'विपत् + जाल'
- विपत् + जाल = विपज्जाल
- 'विपज्जाल' में व्यंजन संधि है।
- व्यंजन संधि के नियम अनुसार यदि त् और द् के आगे ज् या झ् आए, तो उसका 'ज्' हो जाता है।
Key Pointsव्यंजन संधि:-
- जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।
उदाहरण-
- सत् + जन = सज्जन
- दिक् + गज = दिग्गज
जगत + ईश = जगदीश - सम् + शय = संशय
- सत् + भावना = सद्भावना
'वाग्घरि' का सही संधि-विच्छेद है -
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'वाक् + हरि' है।
- 'वाग्घरि' का सही संधि-विच्छेद 'वाक् + हरि' है।
- 'वाग्घरि' शब्द में 'क् + ह = ग्ह' का मेल हो रहा है इसलिए यहां व्यंजन संधि है।
Key Points
संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - |
|
स्वर संधि |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश। |
व्यंजन संधि |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास। |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट। |
Important Points'क्' का 'ग्' होना-
- वाक् + जाल = वाग्जाल
- ऋक् + वेद + ऋग्वेद
- वाक् + दान = वाग्दान
- दिक् + विजय = दिग्विजय
- वाक् + धारा = वाग्धारा
उत्तीर्ण शब्द में सन्धि है
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFउत्तीर्ण शब्द में व्यंजन संधि है।
- उत्तीर्ण = उद् + तीर्ण
- व्यंजन संधि
Key Points
- व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं। जैसे-शरत् + चंद्र = शरच्चंद्र।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
स्वर संधि |
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि। |
स्वार्थ = स्व + अर्थ |
व्यंजन संधि |
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है। |
दिग्गज = दिक् + गज
|
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं। |
शिरोमणि = शिर: + मणि |
'उन्नति' में संधि है:
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर व्यंजन संधि है।
Key Points
- 'उन्नति' में व्यंजन संधि है।
- उत् + नति = उन्नति
- नियम- जब किसी शब्द के अक्षर (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म अक्षर ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् को ङ्, च् को ज्, ट् को ण्, त् को न्, तथा प् को म् में बदल दिया जाता है।
- जैसे-
- क् का ङ् में परिवर्तन होना - उदहारण = वाक् + मय = वाङ्मय
- ट् का ण् में परिवर्तन होना - उदहारण = षट् + मास = षण्मास
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
'उच्चारण' में कौनसी सन्धि है-
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गए विकल्पों में से विकल्प 2 व्यंजन सही है।
Key Points
- उच्चारण शब्द व्यजंन संधि का उदाहरण है।
- इसका संधि विच्छेद उत्+चारण =उच्चारण है।
- व्यंजन संधि - जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उससे होने वाले विकार या परिर्वतन को ही व्यंजन संधि कहते है। जैसे जगदम्बा = जगत्+अम्बा। इस शब्द में त् का द् में परिवर्तन हुआ है।
अन्य विकल्प-
- विसर्ग संधि - जब विसर्ग (ः) के बाद स्वर या व्यंजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे मनोनुकूल = मनः+अनुकूल । इसमें ः+अ मेल हुआ है।
- दीर्घ संधि के उदाहरण-
- शरणार्थी = शरण+अर्थी ( अ+अ=आ)
- भयाक्रांत = भय + आक्रांत
- महाशय = महा+आशय
- रवींद्र = रवि+इंद्र
- लघूर्मि = लघु+ऊर्मि
- गुण संधि - यदि अ या आ के बाद इ , ई तथा उ,ऊ और ऋ स्वर आते हैं। दोनों वर्ण आपस मे मिलकर क्रमशः ए ,ओ,अर् हो जाते हैं। जैसे
- अंत्येष्टि = अंत्य + इष्टि ( अ+इ=ए)
- खगेश = खग+ईश (अ+ई = ए)
- कठोपनिषद् = कठ + उपनिषद् (अ+उ=ओ)
- महोष्मा = महा+ऊष्मा (आ+ऊ=ओ)
निर्देश : नीचे दिए गए शब्दों के सही संधि का विकल्प चुनिए :
संसार
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - ‘व्यंजन संधि’।
- ‘संसार’ शब्द में व्यंजन संधि है।
Key Points
- सम् + सार = संसार।
- व्यंजन संधि : किसी व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
- नियम - जब किसी शब्द के अक्षर (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म अक्षर ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् को ङ्, च् को ज्, ट् को ण्, त् को न्, तथा प् को म् में बदल दिया जाता है।
जैसे -
- ट् का ण् में परिवर्तन होना - उदहारण = षट् + मास = षण्मास।
Additional Informationसन्धि:
- दो या अधिक वर्णों के पास-पास आने के परिणामस्वरूप जो विकार उत्पन्न होता है उसे सन्धि कहते हैं।
सन्धि तीन प्रकार की होती हैं -
- स्वर सन्धि
- व्यंजन सन्धि
- विसर्ग सन्धि
निम्नलिखित में से कौनसा शब्द व्यंजन संधि का है?
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर विकल्प 3 'जगन्नाथ' है।
Key Points
- 'जगन्नाथ' शब्द में व्यंजन संधि है।
- जिसका संधि विच्छेद 'जगत्+नाथ = जगन्नाथ' होगा।
अन्य विकल्प
- 'सदैव' वृद्धि स्वर संधि का उदाहरण है।
- इसका संधि विच्छेद सदा+एव =' सदैव'।
- वृद्धि स्वर संधिः- जब 'अ' या 'आ' के बाद में' ए 'या 'ऐ 'आए तो दोनों मिलकर 'ऐ' तथा 'ओ' या 'औ' आए तो दोनों मिलकर 'औ' हो जाते हैं और इससे बनने वाली संधि वृद्धि स्वर संधि होती है।
- परोपकार में गुण संधि का उदाहरण ।
- इसका संधि विच्छेद - पर+उपकार = परोपकार (अ+उ=ओ)
- नाविक में अयादि स्वर संधि हैं।
- इसका संधि विच्छेद - नौ+इक = नाविक (औ+इ)
Additional Information
संधि दो शब्दों सम्+धि के योग से बना है जिसका अर्थ है 'मेल' अर्थात् दो शब्दों के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को संधि कहते है।
संधि के मुख्यता तीन भेद होते है।-
1) स्वर संधि
- स्वर संधि पाँच प्रकार की होती है।
- दीर्घ स्वर संधि
- गुण स्वर संधि
- वृद्धि स्वर संधि
- यण स्वर संधि
- अयादि स्वर संधि
2) व्यंजन संधिः
3) विसर्ग संधि
- स्वर संधिः- दो स्वरो के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को, स्वर संधि कहते है। स्वर संधि के पाँच प्रकार होते है।
जैसे-पुष्प+अवली= पुष्पावली (अ+अ) स्वरों का आपस में विकार हुआ है।
- व्यंजन संधिः-जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उसमे होने वाले विकार या परिवर्तन को ही व्यंजन संधि करहे है।
जैसे- अज्+अंत= अजंत(च् का ज् में परिवर्तन हुआ है) व्यंजनों का आपस में विकार हुआ है
- विसर्ग संधिः- विसर्ग (ः) चिन्ह के बाद स्वर या व्यजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते है।
जैसेः-पयः+धर=पयोधर
'उन्नति' शब्द में कौन सी सन्धि है ?
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFनिम्न में से सही विकल्प उत् + नति, व्यंजन संधि हैI
Key Points
- उन्नति शब्द में व्यंजन संधि है।
- उन्नति = उत्+नति
Additional Information
व्यंजन से स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पन्न संधि को व्यंजन संधि कहते हैं ।
'सद्धर्म' का सही संधि-विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFदिये गए विकल्पों में से विकल्प 4 ‘सत् + धर्म‘ सही उत्तर है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं।
Key Points
- सद्धर्म का संधि-विच्छेद ‘सत् + धर्म’ है।
- सद्धर्म में व्यंजन संधि संधि है।
- सद्धर्म में 'त् + ध = द्ध' संधि का नियम है।
व्यंजन संधि:
- जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।
- यानी जब दो वर्णों में संधि होती है तो उनमे से पहला यदि व्यंजन होता है और दूसरा स्वर या व्यंजन होता है तो उसे हम व्यंजन संधि कहते हैं।
- अच् + आदि = अजादी
Additional Information
संधि– संधि का सामान्य अर्थ है मेल। इसमें दो अक्षर मिलने से तीसरे शब्द रचना होती है, इसी को संधि कहते है। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर संधि |
दो स्वरों से उतपन विकार अथवा रूप -परिवर्तन को स्वर संधि कहते है। |
मुनि + इंद्र = मुनीन्द्र |
व्यंजन संधि |
व्यंजन से स्वर अथवा व्यंजन के मेल से उत्पत्र विकार को व्यंजन संधि कहते है। |
पम्+चम =पंचम |
विसर्ग संधि |
स्वर और व्यंजन के मेल से विसर्ग में जो विसर्ग होता है, उसे 'विसर्ग संधि' कहते है। |
मनः +रथ =मनोरथ |
जगत् + ईश = जगदीश में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF'जगत + ईश = जगदीश' में व्यंजन संधि है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः विकल्प 3 ‘व्यंजन संधि’ सही है।
Key Points
- 'जगदीश' में व्यंजन संधि है।
- जगत + ईश = जगदीश (त् + ई = दी), यहाँ 'त्' और 'ई' के मेल से 'दी' बना है।
- ‘व्यंजन संधि’ में एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |