व्यंजन संधि MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for व्यंजन संधि - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 27, 2025
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Top व्यंजन संधि MCQ Objective Questions
व्यंजन संधि Question 1:
'उन्नति' में संधि है:
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 1 Detailed Solution
सही उत्तर व्यंजन संधि है।
Key Points
- 'उन्नति' में व्यंजन संधि है।
- उत् + नति = उन्नति
- नियम- जब किसी शब्द के अक्षर (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म अक्षर ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् को ङ्, च् को ज्, ट् को ण्, त् को न्, तथा प् को म् में बदल दिया जाता है।
- जैसे-
- क् का ङ् में परिवर्तन होना - उदहारण = वाक् + मय = वाङ्मय
- ट् का ण् में परिवर्तन होना - उदहारण = षट् + मास = षण्मास
Additional Information
संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग, |
||
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर |
स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी महा + ईश = महेश |
व्यंजन |
एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
अहम् + कार = अहंकार उत् + लास = उल्लास |
विसर्ग |
विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। |
दुः + आत्मा =दुरात्मा निः + कपट =निष्कपट |
व्यंजन संधि Question 2:
'सच्चिदानन्द' शब्द का सन्धि-विच्छेद है
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 2 Detailed Solution
सच्चिदानंद’ का संधि-विच्छेद सत् + चित् + आनंद होगा, बाकी के विकल्प गलत हैं।
Key Points
सच्चिदानंद व्यंजन संधि का उदहारण है| व्यंजन संधि के एक नियम के अनुसार ‘त्’ से परे ‘च्’ या ‘छ्’ होने पर ‘च,’ ‘ज्’ या ‘झ्’ होने पर ‘ज्,’ ‘ट्’ या ‘ठ्’ होने पर ‘ट्’, ‘ड्’ या ‘ढ्’ होने पर ‘ड्’ और ‘ल’ होने पर ‘ल्’ हो जाता है।
Additional Information
संधि |
परिभाषा |
उदाहरण |
स्वर संधि |
दो स्वरों से उत्पन विकार अथवा रूप-परिवर्तन को स्वर संधि कहते है। |
विद्या + अर्थी = विद्यार्थी , सूर्य + उदय = सूर्योदय |
व्यंजन संधि |
व्यंजन का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो परिवर्तन होता है ,उसे व्यंजन संधि कहते है। |
उत+उल्लास = उल्लास, षट्+ यंत्र = षडयंत्र |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग में जो विकार होता है, उसे विसर्ग-संधि कहते हैं। |
निः + आहार = निराहार, तपः + भूमि = तपोभूमि |
व्यंजन संधि Question 3:
'षडानन' का सही संधि-विच्छेद क्या होगा?
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 3 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से षडानन: का सही संधि विच्छेद "षट् + आनन:" होता है।
Key Points
षडानन: में "व्यंजन संधि" संधि है।
अतः जिन व्यंजनों में परिवर्तन के कारण संधि है = ट् + ग् , ज् ,ड् ,द् ,ब् /य,र,ल,व/सभी स्वर = ट् के स्थान पर “ड्” हो जाता है।
व्यंजन संधि:
व्यंजन वर्ण के साथ स्वर वर्ण या व्यंजन वर्ण अथवा स्वर वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण के मेल से जो विकार उत्पन हो, उसे ‘व्यंजन संधि’ कहते हैं।
Additional Informationव्यंजन संधि के नियम:
1 – व्यंजन वर्ण के साथ व्यंजन वर्ण का मेल –
जैसे – दिक् + गज = दिग्गज
व्यंजन + व्यंजन (यहाँ दो व्यंजन वर्णों का मेल हुआ)
2 – व्यंजन वर्ण और स्वर वर्ण का मेल –
जैसे – सत + चित + आनंद = सच्चिदानन्द
व्यंजन + व्यंजन + व्यंजन + स्वर (यहाँ व्यंजन और स्वर का मेल दिखाया गया है |)
3 – स्वर वर्ण और व्यंजन वर्ण का मेल और वर्ण रूपान्तरण :
- जैसे – अभि + सेक = अभिषेक
- षे (‘से’ का ‘षे’ में रूपान्तर)
4 – किसी नए वर्ण का आगम –
जैसे – आ + छादन = आच्छादन (च् नये वर्ण का आगम)
यदि क् / च / ट् / त् / प् के बाद कोई स्वर वर्ण आए या वर्गीय व्यंजनों का तीसरा या चौथा वर्ण आए तो ऐसी स्थिति में
- ‘क्’ का ‘ग्’
- ‘च’ का ‘ज्’
- ‘ट्’ का ‘ड्’
- ‘त्’ का ‘’द्’ और
- ‘प्’ का ‘ब्’ हो जाता है|
जैसे –
- जगत + ईश = जगदीश,
- वाक् + ईश = वागीश,
व्यंजन संधि Question 4:
'जगदीश' में संधि है:
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर व्यंजन संधि है।
Key Points
- 'जगदीश' = जगत् + ईश (व्यंजन संधि)
- जगदीश में संधि का नियम त् + ई = दी
- व्यंजन संधि- व्यंजन तथा व्यंजन या स्वर के मेल से जो विकार (परिवर्तन) उत्पन्न होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
- उदाहरण - श्रीमत् + भागवत = श्रीमद्भागवत, भवत् + ईय = भवदीय
Additional Information
- अयादि स्वर संधि - जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।
- उदाहरण - ने + अन= नयन (ए + अ = अय)
- यण संधि - जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ र ‘ बन जाता है।
- उदाहरण - अधि + आय= अध्याय (इ + आ = या)
- विसर्ग संधि - विसर्ग संधि विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन मेल से जो विकार होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।
- उदाहरण - अंतः + करण= अन्तकरण
व्यंजन संधि Question 5:
निम्नलिखित में 'व्यंजन संधि कौन है ?
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 5 Detailed Solution
विकल्प 4 "उल्लेख" सही है।
Key Points
- उत् + लेख = उल्लेख।
- उल्लेख शब्द में व्यंजन संधि है।
- उल्लेख का संधि विच्छेद = उद् + लेख, जिन व्यंजनों में परिवर्तन के कारण संधि है = त्/द्+ल = ल्ल।
- विकल्प 1 और 2 में गुण संधि है और विकल्प 3 निरर्थक शब्द है।
Additional Information
- व्यंजन संधि की परिभाषा:-
- व्यंजन तथा व्यंजन या स्वर के मेल से जो विकार (परिवर्तन) उत्पन्न होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं अर्थात् शब्दों या शब्दांशों के मिलने से नया शब्द बनने पर पहले शब्द के आखिरी और दूसरे शब्द के प्रथम वर्णों में होने वाले परिवर्तन को संधि कहते हैं।
- व्यंजन संधि के उदाहरण:-
- उद् + लेख = उल्लेख
- तत् + लीन = तल्लीन
- उद् + लास = उल्लास
- उद् + लंघन = उल्लंघन
व्यंजन संधि Question 6:
'उच्चारण' शब्द का सन्धि-विच्छेद है:
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 6 Detailed Solution
सही उत्तर विकल्प 'उत् + चारण' है।
- दिए गए विकल्पों में से 'उत् + चारण (त् + च्च)' यह 'उच्चारण' शब्द का सही संधि-विच्छेद है।
- 'उच्चारण' शब्द पुल्लिंगहै जिसका अर्थ होता है - 'शब्द या उसके वर्णों को कहने का ढंग।'
- यह व्यंजन संधि का उदाहरण है।
- यदि 'त्' व्यंजन के बाद 'च्' अथवा 'छ' आए तो 'त्' , 'च्' में बदल जाता है।
Additional Information
संधि- दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग। |
||
स्वर संधि |
दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि। |
स्वार्थ = |
व्यंजन संधि |
व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है। |
दिग्गज = दिक् + गज |
विसर्ग संधि |
विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं। |
शिरोमणि = शिर: + मणि |
व्यंजन संधि Question 7:
'उच्चारण' में कौनसी सन्धि है-
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 7 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से विकल्प 2 व्यंजन सही है।
Key Points
- उच्चारण शब्द व्यजंन संधि का उदाहरण है।
- इसका संधि विच्छेद उत्+चारण =उच्चारण है।
- व्यंजन संधि - जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उससे होने वाले विकार या परिर्वतन को ही व्यंजन संधि कहते है। जैसे जगदम्बा = जगत्+अम्बा। इस शब्द में त् का द् में परिवर्तन हुआ है।
अन्य विकल्प-
- विसर्ग संधि - जब विसर्ग (ः) के बाद स्वर या व्यंजन के मेल से होने वाले विकार या परिवर्तन को विसर्ग संधि कहते हैं। जैसे मनोनुकूल = मनः+अनुकूल । इसमें ः+अ मेल हुआ है।
- दीर्घ संधि के उदाहरण-
- शरणार्थी = शरण+अर्थी ( अ+अ=आ)
- भयाक्रांत = भय + आक्रांत
- महाशय = महा+आशय
- रवींद्र = रवि+इंद्र
- लघूर्मि = लघु+ऊर्मि
- गुण संधि - यदि अ या आ के बाद इ , ई तथा उ,ऊ और ऋ स्वर आते हैं। दोनों वर्ण आपस मे मिलकर क्रमशः ए ,ओ,अर् हो जाते हैं। जैसे
- अंत्येष्टि = अंत्य + इष्टि ( अ+इ=ए)
- खगेश = खग+ईश (अ+ई = ए)
- कठोपनिषद् = कठ + उपनिषद् (अ+उ=ओ)
- महोष्मा = महा+ऊष्मा (आ+ऊ=ओ)
व्यंजन संधि Question 8:
'जगन्नाथ' शब्द में कौन-सी संधि है?
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 8 Detailed Solution
'जगन्नाथ' शब्द में व्यंजन संधि हैं।
Key Points
- 'जगन्नाथ' का सही सही संधि विच्छेद जगत् +नाथ हैं।
- व्यंजन संधि- जब व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर का मेल होता है तो उससे होने वाले विकार या परिवर्तन को ही व्यंजन संधि कहते हैं।
- जैसे- सत् + आनन्द= सदानन्द, सत्(त् व्यंजन) तथा आनन्द (आ स्वर ) के मेल होता है तो त्+आ मिलकर 'द्' में परिवर्तित हो जाता हैं।
अन्य विकल्प-
- संधि का शाब्दिक अर्थ है- मेल
- संधि के भेद- मुख्यता तीन भेद होते हैं।
- स्वर संधि- स्वरों के मेल से जो विकार होता हैं उसे स्वर संधि कहते है।
जैसे
- दीर्घ संधि – ह्रस्व/दीर्घ-अ, इ, उ के पश्चात क्रमशः ह्रस्व/दीर्घ आ, ई, ऊ हो जाते हैं, जैसे- उत्तम + अंग- उत्तमांग (अ+अ- आ)
- विसर्ग संधि-
- यदि विसर्ग के पहले 'अ' और बाद में भी 'अ' अथवा सघोष वर्ण (प्रत्येक वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवा वर्ण) या य, र, ल, व, ह आया हो तो विसर्ग(ः) का 'उ' हो जाता हैं।
जैसे-
हरिशचन्द्र |
हरिः+ चन्द्र (विसर्ग संधि) |
Important Points व्यंजन संधि से संबंधि कुछ महत्वपूर्ण नियम-
- जब क,च,ट,त,प वर्णों के बाद में किसी भी वर्ग के तीसरे या चौथे वर्ण के साथ या य,र,ल,व या कोई स्वर आता हैं तो क,च,ट,त,प का अपने ही वर्ग के तीसरे वर्ण में परिवर्तन हो जाता हैं। जैसे- दिक् + अम्बर =दिगम्बर (क् का ग् में परिवर्तन हुआ हैं।) क्योंकि क् के बाद मेें स्वर आ का प्रयोग हुआ हैं इसलिए व्यंजन अपने ही वर्ग के तीसरे वर्ण में परिवर्तित हो जोयेगा।
- जब म् व्यंजन के बाद में कोइ अंतस्थ व्यंजन (य,र,ल,व) या उष्म व्यंजन (श,ष,स,ह) अथवा कोई स्वर आ जाये तो वह अनुस्वार में परिवर्तित हो जाता हैं।जैसे- सम् + विधान =संविधान (म् व्यंजन के बाद स्वर इ का प्रयोग हुआ हैं, इसलिए म् का परिवर्तन अनुस्वार में हो गया हैं।)।
व्यंजन संधि विच्छेद | नियम |
वाक् +ईश=वागीश | क्+ई-ग् में परिवर्तन |
अच्+अंत=अजंत | च्+अ-ज में परिवर्तन |
षट्+दर्शन=षड्दर्शन | ट्+द-ड में परिवर्तन |
विपत्+जाल- विपज्जाल | त्+ज- ज् में परिवर्तन |
व्यंजन संधि Question 9:
'सदानंद' का संधि विच्छेद है-
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 9 Detailed Solution
सदानंद का संधि विच्छेद 'सत् + आनंद' है।Key Points
- सदानंद में व्यंजन संधि है।
- व्यंजन संधि के अन्य उदाहरण - अनुच्छेद, उद्धरण, षडानंद आदि है।
Additional Information
- संधि का शाब्दिक अर्थ है मेल अथवा मिलाप।
- वर्णों के आधार पर संधि के तीन भेद है।
- संधि के भेद - स्वर संधि,व्यंजन संधि,विसर्ग संधि
संधि | परिभाषा | उदाहरण |
स्वर संधि |
दो स्वरों के मेल से बनी संधि स्वर संधि कहलाती है।स्वर संधि के पांच प्रकार है - दीर्घ संधि, गुणसंधि, वृद्धि संधि,यण संधि, अयादि संधि |
विद्यार्थी, भोजनालय, सतीश, महर्षि, सदैव, अन्वय, गायक आदि |
व्यंजन संधि | व्यंजन से व्यंजन अथवा स्वर के मेल से बनी संधि व्यंजन संधि कहलाती है। | दिग्गज, उन्नयन, जगदीश, सज्जन,किंचित,सम्मान, संयोग,विषम आदि |
विसर्ग संधि | विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मेल से बनी संधि विसर्ग संधि कहलाती है। | सरोज, मनोरथ, दुष्कर्म, नीरव, निर्मल, नीरस आदि |
व्यंजन संधि Question 10:
निर्देश : नीचे दिए गए शब्दों के सही संधि का विकल्प चुनिए :
संसार
Answer (Detailed Solution Below)
व्यंजन संधि Question 10 Detailed Solution
सही उत्तर है - ‘व्यंजन संधि’।
- ‘संसार’ शब्द में व्यंजन संधि है।
Key Points
- सम् + सार = संसार।
- व्यंजन संधि : किसी व्यंजन का व्यंजन से अथवा किसी स्वर से मेल होने पर जो परिवर्तन होता है उसे व्यंजन संधि कहते हैं।
- नियम - जब किसी शब्द के अक्षर (क्, च्, ट्, त्, प्) का मिलन न या म अक्षर ( ङ,ञ ज, ण, न, म) के साथ हो तो क् को ङ्, च् को ज्, ट् को ण्, त् को न्, तथा प् को म् में बदल दिया जाता है।
जैसे -
- ट् का ण् में परिवर्तन होना - उदहारण = षट् + मास = षण्मास।
Additional Informationसन्धि:
- दो या अधिक वर्णों के पास-पास आने के परिणामस्वरूप जो विकार उत्पन्न होता है उसे सन्धि कहते हैं।
सन्धि तीन प्रकार की होती हैं -
- स्वर सन्धि
- व्यंजन सन्धि
- विसर्ग सन्धि