झूम खेती के अंतर्गत झारखंड के किसानों द्वारा अपनाए जाने वाले तरीकों के संबंध में नीचे दिए गए कथनों पर विचार कीजिए :

(A) एक फसल कटने के लिए पश्चात मीन को कुछ वर्ष तक खाली छोड़ देते हैं।

(B) खरपतवार (बांस आदि) को उखाड़ कर खेत में जला देते हैं।

(C) खरपतवार की राख खाद के रूप में कार्य करती है।

(D) जब ज़मीन खेती के लिए तैयार हो जाती है तो बीज बोने से पहले उसे गहराई तक जोता जाता है।

इनमें से सही कथन है -

This question was previously asked in
CTET Paper 1 - 24th Dec 2021 (English-Hindi-Sanskrit)
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  1. A, B और D
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  3. A और C
  4. B, C और D

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : A और C
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अवधारणा:

  • प्रत्येक क्षेत्र विभिन्न कृषि पद्धतियों का पालन करता है।
  • फसल के प्रकार और खेती के पैमाने के आधार पर विभिन्न कृषि पद्धतियों को अपनाया जाता है।

व्याख्या:

झूम खेती के बारे में:

  • झूम खेती एक प्रकार की स्थानांतरण कृषि है।
  • यह पूर्वोत्तर भारत में सबसे सामान्य प्रकार की कृषि पद्धति है।
  • इसे कर्तन दहन प्रणाली (स्लैश एंड बर्न) कृषि भी कहा जाता है।
  • यह एक स्थानान्तरित संवर्धन अभ्यास है।
  • इसे आग परती खेती के नाम से भी जाना जाता है।
  • एक फसल काटने के बाद कुछ वर्षों के लिए जमीन जैसा है वैसा छोड़ दी जाती है।
  • वहां कुछ भी नहीं उगाया जाता है।
  • वन भूमि की सफाई की जाती है और राख को मिट्टी में मिला दिया जाता है।
  • खेती के धब्बे/क्षेत्र आमतौर पर छोटे होते हैं।
  • फसल के व्यवसाय की छोटी अवधि लंबी परती अवधि के साथ वैकल्पिक होती है।
  • किसान अस्थायी रूप से जमीन के एक भूखंड पर खेती करता है।
  • जब मृदा क्षय के कारण भूमि को बढ़ने के लिए बंजर पाते हैं, तो वे दूसरे भूखंड पर चले जाते हैं।
  • एक फसल काटने के बाद कुछ वर्षों के लिए जमीन को जस का तस छोड़ दिया जाता है।
  • वहां कुछ भी नहीं उगाया जाता है।
  • उस भूमि पर उगने वाले बाँस या खरपतवार को बाहर नहीं निकाला जाता है।
  • उन्हें काट कर जला दिया जाता है।
  • राख भूमि को उपजाऊ बनाती है।
  • जलते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि आग जंगल के अन्य भागों में न फैले।
  • जब भूमि खेती के लिए तैयार हो जाती है तो उसे हलके से खोदा जाता है, जुताई नहीं।
  • उस पर बीज डाले जाते हैं।
  • एक खेत में मक्का, सब्जियां, मिर्च, चावल जैसी विभिन्न प्रकार की फसलें उगाई जा सकती हैं।
  • खरपतवार और अन्य अवांछित पौधों को भी बाहर नहीं निकाला जाता है, उन्हें सिर्फ काटा जाता है।
  • ताकि वे मिट्टी में मिल जाएं।
  • यह भी मिट्टी उपजाऊ बनाने में मदद करता है।

इस प्रकार,

(A) एक फसल काटने के बाद जमीन उतनी ही वर्षों के लिए छोड़ दी जाती है - सही

(B) खरपतवार (बांस आदि) को बाहर निकाल कर खेत में जला दिया जाता है - गलत

(C) खरपतवार की राख खाद का काम करती है।- सही

(D) जब भूमि खेती के लिए तैयार हो जाती है तो बीज उगाने से पहले गहरी जुताई की जाती है। - गलत

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