Question
Download Solution PDFअभिक्रिया के लिए प्रभावी सक्रियण ऊर्जा:
जिसका स्थितिज ऊर्जा तथा अभिक्रिया निर्देशांक के विरूद्ध आरेख निम्नवत है, है
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसंकल्पना:-
सक्रियण ऊर्जा:
- यह अतिरिक्त ऊर्जा की न्यूनतम मात्रा है जिसकी अभिक्रियाशील अणु को अभिक्रिया उत्पाद बनाने के लिए आवश्यकता होती है।
- इसे अक्सर अणुओं या परमाणुओं को सक्रिय करने या ऊर्जावान बनाने के लिए आवश्यक न्यूनतम ऊर्जा के रूप में जाना जाता है ताकि वे रासायनिक अभिक्रिया या परिवर्तन में शामिल हो सकें।
- रासायनिक अभिक्रिया के दौरान उत्प्रेरक के जुड़ने से सक्रियण ऊर्जा बदल जाती है।
- उत्प्रेरक की उपस्थिति किसी भी अभिक्रिया की सक्रियण ऊर्जा को कम करती है, इसलिए यह अभिक्रिया की दर को तेज करती है।
- उत्प्रेरक कम सक्रियण ऊर्जा का एक एकांतर पथ प्रदान करता है।
- इसे जूल (J) और या किलोजूल प्रति मोल (kJ/mol) या किलो कैलोरी प्रति मोल (kcal/mol) में मापा जाता है।
- इसे Ea द्वारा दर्शाया जाता है।
व्याख्या:-
- अभिक्रिया इस प्रकार दी गई है,
निम्नलिखित स्थितिज ऊर्जा बनाम अभिक्रिया निर्देशांक आरेख के साथ
- अभिक्रिया के लिए प्रभावी सक्रियण ऊर्जा होगी,
= Ea + Eb - Ea'
निष्कर्ष:-
इसलिए, निम्नलिखित स्थितिज ऊर्जा बनाम अभिक्रिया निर्देशांक आरेख के साथ अभिक्रिया के लिए प्रभावी सक्रियण ऊर्जा है
Ea + Eb - Ea'
Last updated on Jun 23, 2025
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